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11 केंद्रों पर ~2015 समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए 15 दिन बाद भी नहीं आए किसान, क्योंकि बाजार में मिल रहे ~2200

Banswara
11 केंद्रों पर ~2015 समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए 15 दिन बाद भी नहीं आए किसान, क्योंकि बाजार में मिल रहे ~2200
@HelloBanswara - Banswara -

जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो गई है। जिले में 11 खरीद केंद्र बनाए हैं, लेकिन 15 दिन बाद भी अभी तक मंडी में एक किसान भी गेहूं लेकर नहीं आया है। क्योंकि सरकार ने 2015 रुपए समर्थन मूल्य तय किया है, वहीं बाजार में किसान को 2200 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे हैं। गुजरात में 2400 रुपए तक दाम मिलने से दाहोद मंडी में भी किसान जा रहे हैं। जिले में सरकारी खरीद केंद्रों पर 10 जून तक फसल खरीद होनी हैं। गनाेड़ा, आनंदपुरी, अरथूना, गढ़ी, गनाेड़ा 5 केंद्रों पर तो टेंडर तक नहीं हुए हैं। किसानों के केंद्रों तक नहीं जाने के पीछे कारण माना जा रहा है कि केंद्र तक ले जाने के लिए किराया भाड़ा ज्यादा खर्च होता है। छोटे किसानों को तुरंत पैसे की जरूरत रहती है। लेकिन समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के चलते किसान को भुगतान करने में लंबा समय लग जाता है। वहीं किसान मंडी में फसल बेचने के लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। मंडी में गेहूं आने के बाद भी कई बार तीन-चार दिन बाद तौलाई हो पाती है।


खुले बाजार में बेचने से किसानों को ~8 करोड़ का फायदा
कृषि विभाग के अनुसार इस साल गेहूं की बुवाई का जिले में क्षेत्रफल 94 हजार हैक्टेयर है। जिसमें प्रति हैक्टेयर अधिकतम उत्पादन 35 से 40 क्विंटल है। इस साल जिले में गेहूं की पैदावार 3 लाख 76 हजार क्विंटल आंकी जा रही है। एक हेक्टेयर पर किसान का मजदूरी समेत अन्य खर्च करीब 9 से 10 हजार रुपए औसतन माना जाता है। इस हिसाब से गेहूं की पैदावार का यह कारोबार करीब 76 करोड़ का माना जाता है। किसान सीधे इस फसल को सरकारी खरीद केंद्र पर बेचते हैं, तो करीब 8 करोड़ रुपए तक का नुकसान होगा। वहीं खुले बाजार में बेचते हैं, तो 8 करोड़ रुपए का फायदा हो रहा है।

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