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पुलिस के HC के नाम पर मांगें उधार:फेसबुक आइडी ​​​​​​​का क्लोन बनाकर करते ऑनलाइन ठगी, निशाने पर आया रिटायर कर्मचारी

Banswara
पुलिस के HC के नाम पर मांगें उधार:फेसबुक आइडी ​​​​​​​का क्लोन बनाकर करते ऑनलाइन ठगी, निशाने पर आया रिटायर कर्मचारी
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वाट्सएप हैक कर हेड कांस्टेबल के नाम से मांगी जा रही उधारी और ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आने के बाद हेड कांस्टेबल ने डीपी में दिया ये संदेश।

उदयपुर उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली और सागवाड़ा नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया के बाद बांसवाड़ा में पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल और एक रिटायर्ड क्लर्क के नाम से ऑनलाइन ठगों ने उधारी मांगने का खेल किया है। इस खेल में ठग व्यक्ति विशेष का फेसबुक आइडी को क्लोन की मदद से काम लेता है। उसके वाट्सएप नंबर को हैक पर व्यक्ति विशेष की कोनटेक्ट लिस्ट में सेव सभी नंबरों पर इमरजेंसी बताते हुए रुपए की मांग करता है।

वहीं परिचित DP और फोटो को देखकर लोग धोखे का शिकार हो रहे हैं। बीते दो दिनों के दौरान मंगलवार को दूसरा मामला सामने आया है। ये वारदात ढेगलीमाता मंदिर क्षेत्र निवासी फूलशंकर तेली के नाम से हुई है। वहीं इससे पहले बांसवाड़ा की पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल दशरथसिंह के नाम पर ठग ने परिचितों से ठगी के प्रयास किए थे। हालांकि, HC सिंह की ओर से मामले में साइबर सेल में संपर्क किया गया है।

ठग ने मैसेज पर दिया फोन पे नंबर।
ठग ने मैसेज पर दिया फोन पे नंबर।

साले ने डाल दिए 15 हजार रुपए
ऑनलाइन ठगों की विशेषता यह है कि वह लोगों से अधिकतम 20 हजार रुपए की मदद मांगता है। वहीं ये राशि 5 से 10 हजार भी हो सकती है। किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम से मिलने वाला इतनी राशि चुकाने में परहेज नहीं करता। ढेगलीमाता निवासी फूलशंकर का साला उपलाभोईवाड़ा निवासी अंबालाल तेली खुद भी इसी ठगी का शिकार हो गया। उसने जीजा की मदद के लिए बताए गए खास बारकोड पर 15 हजार रुपए ट्रांसफर भी कर दिए। फूलशंकर के भांजे पार्षद धर्मेंद्र तेली ने बताया कि मामा के फोन लिस्ट वाले सभी नामों से आरोपी ने उधारी मांगने की कोशिश की थी।

रिटायर कर्मचारी की प्रोफाइल वैसी ही थी, केवल मोबाइल नंबर अलग थे।
रिटायर कर्मचारी की प्रोफाइल वैसी ही थी, केवल मोबाइल नंबर अलग थे।

हेड कांस्टेबल के नाम मांगें रुपए
हेड कांस्टेबल के नाम पर सोमवार को लोगों से ऑनलाइन रुपए मांगे गए। हालांकि, इस मामले में किसी के ठगी का शिकार होने की बात सामने नहीं आई है। लेकिन, ठग की ओर से फोन पे वाले 8260794539 नंबर का उपयोग किया गया था। इसके बाद हेड कांस्टेबल को उसकी डीपी में खास संदेश लिखकर शामिल करना पड़ा।

वाट्सएप प्रोफाइल वही की वही।
वाट्सएप प्रोफाइल वही की वही।

कलेक्टर, एसपी, सभापति और राज्यमंत्री भी हो चुके हैं शिकार

ऑनलाइन ठगी का ये पहला मामला नहीं है। करीब एक साल पहले बांसवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर अंकित कुमार, तत्कालीन एसपी कॉवेन्द्र सागर, सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी और राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया तक भी ठगों के निशाने पर रहे हैं। लेकिन, तब ठगों ने वारदात के लिए फेसबुक मैसेंजर काम में लिया था, लेकिन अबकी बार ये अपराध वाट्सएप पर हो रहा है।

मैसेज पर की ऐसी बातें।
मैसेज पर की ऐसी बातें।

साइबर सेल थाना कहां

पुलिस के रिकॉर्ड अनुसार बांसवाड़ा में साइबर सेल थाना खोला जा चुका है, लेकिन लोगों को अब तक नहीं पता कि ये थाना कहां पर है। जानकारी के अभाव में वारदात का शिकार हुए लोग थाने जाने से परहेज कर रहे हैं। खुद पुलिस कर्मचारी भी थाने को लेकर कन्फर्म नहीं हैं। किसी ने ये थाना बांसवाड़ा DSP कार्यालय में हाेने की बात कही तो किसी ने चंद्रपोल दरवाजे के ऊपर नया थाना खोले जाने की बात कही है।



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