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बांसवाड़ा के नायक हॉस्पिटल में गर्भवती की मौत:बाहर परिजनों-ग्रामीणों का हंगामा, बोले- डॉक्टर पर लापरवाही, गिरफ्तार करो

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बांसवाड़ा के नायक हॉस्पिटल में गर्भवती की मौत:बाहर परिजनों-ग्रामीणों का हंगामा, बोले- डॉक्टर पर लापरवाही, गिरफ्तार करो
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बांसवाड़ा शहर के निजी हॉस्पिटल में गर्भवती महिला की मौत के बाद हंगामा हो गया। यहां रातीतलाई कॉलोनी में स्थित नायक हॉस्पिटल एंड सोनोग्राफी सेंटर पर गुरुवार को गणाऊ गांव निवासी प्रेमलता डाबी की मौत हो गई थी।

शुक्रवार सुबह से ही अस्पताल के बाहर मृतका के परिजनों और ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि गर्भवती की मौत डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है। ऐसे में जब तक दोषियों पर पुलिस कार्यवाही कर गिरफ्तार नहीं करती तब तक धरना प्रदर्शन किया जाएगा। लोगों के आक्रोश को देखते हुए कोतवाली पुलिस से जाब्ता लेकर डीएसपी सूर्यवीर सिंह और सीआई देवीलाल मीणा सुबह से मोर्चा संभाले हुए हैं।

3 साल के बेटे के साथ प्रेमलता (फाइल फोटो)।
3 साल के बेटे के साथ प्रेमलता (फाइल फोटो)।

समझाइश के बाद भी परिजन विरोध प्रदर्शन रोककर पोस्टमॉर्टम के लिए राजी नहीं हुए। ग्रामीण इस मांग पर अड़ गए हैं कि पुलिस एक्शन ले।

यह है पूरा घटनाक्रम

गर्भवती की मौत के बाद कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी गई। मृतक के पति कुलदीप ने बताया- 27 मार्च को पत्नी को लेकर दिन में 12 बजे नायक हॉस्पिटल आया था। डॉ शैलेंद्र सिंह नायक ने सोनोग्राफी करने के बाद सब सामान्य बताया और कहा कि 4-5 दिन बाद आना जांच कर बच्चे को ठीक कर देंगे। अगर कोई दिक्कत होती तो पेट साफ (DNC) कर देंगे। इसके लिए 12000 रुपए लगेंगे। हमने कहा कि इतने रुपए नहीं है तो डॉक्टर बोला ठीक है कभी भी आना कोई दिक्कत नहीं होगी। इस पर प्रेमलता को लेकर घर चले गए।

हॉस्पिटल के बाहर जमा परिजन और ग्रामीण।
हॉस्पिटल के बाहर जमा परिजन और ग्रामीण।

अगले दिन प्रेमलता को प्रॉब्लम हुई तो सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंचे। जहां डॉ नायक और उनका स्टाफ प्रेमलता को लेकर वार्ड में ले गए। जहां डॉ नायक ने कहा कि निश्चिंत रहो कोई तकलीफ नहीं होगी।

परिजनों ने कहा कि पेट में 4 माह का गर्भ पल रहा है उसकी सुरक्षा करते हुए इलाज करना। परिजनों ने दवाई देकर इलाज की सहमति दी। डॉ नायक ने कहा कि प्रेमलता के पेट में खराबी है सफाई करनी होगी। दोपहर 3 बजे डॉक्टर और स्टाफ गर्भवती को वार्ड में के गए। जहां सबके सामने पहली ड्रिप चढ़ाई। बाद में दूसरी ड्रिप लगाते वक्त परिजनों को बाहर बैठने का बोल दिया। करीब 20-25 मिनट के बाद स्टाफ ने बाहर आकार कहा कि प्रेमलता की मृत्यु हो गई है। मौत का कारण पूछा तो कोई जवाब नहीं दिया। भास्कर ने डॉ नायक और सीआई देवीलाल मीणा से मामले की मांगनी चाही तो कोई जवाब नहीं दिया।

इस मामले में बड़ा सवाल है कि महिला की मौत आखिर किस वजह से हुई? अगर महिला की मौत डीएनसी के दौरान ही हुई तो क्या इसके लिए तमाम तय नियमों की पालना की गई? यह जांच का विषय है।

इनका कहना है

इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबियार ने बताया कि स्त्रीरोग विशेषज्ञ डीएनसी कर सकते हैं, लेकिन इसमें भी कई नियम हैं। गर्भवती के अगर 24 सप्ताह से अधिक समय हो जाने पर कोर्ट और दंपती की स्वीकृत समेत कई प्रक्रियाओं को अपनाना पड़ता है। इसके अलावा मौत भी इसी वजह से हुई है या नहीं, यह तमाम जांच का विषय है। इस संबंध में जानकारी ली जाएगी।

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