Home News Business

असमंजस:इंजीनियरिंग, लाॅ और फार्मेसी के छात्रों को प्रमोट करने को लेकर असमंजस

Banswara
असमंजस:इंजीनियरिंग, लाॅ और फार्मेसी के छात्रों को प्रमोट करने को लेकर असमंजस
@HelloBanswara - Banswara -

राज्य सरकार ने गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में स्टूडेंट्स को परीक्षा बिना प्रमोट करने का फार्मूला जारी कर दिया है, यानि अब प्रदेश के विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स को प्रमोट करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। आदेशों में फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को प्रमोट करने के बारे में स्पष्ट निर्देश नहीं हैं।

वहीं इंजीनियरिंग, लाॅ और फार्मेसी में प्रमोट को लेकर भी असमंजस है। माना जा रहा है कि एमएचआरडी के आदेश के बाद यूजीसी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस के कारण सरकार ने स्पष्ट रूप से अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स काे प्रमोट करने का आदेश नहीं किया है, लेकिन इंजीनियरिंग, आर्किटेक्ट, फार्मेसी और लॉ स्टूडेंट्स और एजुकेशन यानि बीएड के विद्यार्थियों काे परीक्षा देनी पड़ सकती है।

गौरतलब है कि यूजीसी की राय है कि यदि विवि मध्यवर्ती साल/सेमेस्टर की परीक्षा करवाने में असमर्थ है तो स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत अंक पूर्ववर्ती वर्षों या सेमेस्टर में प्राप्त अंकों के आधार पर तथा 50 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर देकर प्रमोट कर सकते हैं। वहीं एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्सेज, प्रमाण पत्र कोर्स की परीक्षा समय अनुकूल होने पर करवाएं। अगर कोई स्टूडेंट उपयुक्त प्रणाली से प्राप्त अंकों से संतुष्ट नहीं है तो स्थिति सामान्य होने पर आगामी परीक्षा में अंक सुधार का अवसर दिया जा सकता है।

प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाना है। तृतीय वर्ष को लेकर असमंजस बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। लगता तो ऐसा है कि तृतीय वर्ष की परीक्षाएं कराई जाएंगी। यह सारी स्थिति 5 से 10 अगस्त तक साफ हो जाएगी। हमारी अाेर से सभी तैयारियां कर ली हैं। प्रो. आईवी त्रिवेदी, कुलपति, जीजीटीयू बांसवाड़ा

शेयर करे

More news

Search
×