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सीएम ने डेढ़ साल पहले झेर एनिकट का शिलान्यास किया, टेंडर में देरी से लागत 50 लाख बढ़ी

Banswara
सीएम ने डेढ़ साल पहले झेर एनिकट का शिलान्यास किया, टेंडर में देरी से लागत 50 लाख बढ़ी
@HelloBanswara - Banswara -

सीएम अशाेक गहलाेत, विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीपी जाेशी ने डेढ़ साल पहले झेर एनिकट का शिलान्यास कर टेंडर का मार्ग प्रशस्त हाे गया है। जल संसाधन विभाग के अफसराें ने इस अवधि में एनिकट की यह फाइल ऐसी अटकाई कि अब तक इसके टेंडर तक नहीं हाे सके और लागत 50 लाख रुपए बढ़ गई। बागीदाैरा विधायक महेंद्रजीतसिंह मालविया जिला परिषद की साधारण सभा सहित अन्य बैठकाें में लगातार एनिकट निर्माण कार्य शुरू हाेने में हाे रही देरी काे लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त करते रहे। विभागीय अफसर इस फाइल काे जयपुर, उदयपुर व बांसवाड़ा के बीच घुमाते रहे।


पिछले दिनाें सीएम गहलाेत का कुशलगढ़ मेें पूर्व प्रधान स्व. हुरतिंग की प्रतिमा के अनावरण का वर्चुअल कार्यक्रम बना ताे झेर एनिकट का मुद्दा फिर सरकार के संज्ञान में आया। ऐसे में अब तक इस फाइलाें काे कागजाें से अटका कर बैठे अफसराें काे सरकार तलब करती। उससे पहले ही आनन फानन में इस फाइल काे आेके कर दिया। देरी के कारण सरकार के काेप से बचने के लिए पूर्व में फाइनल हुई 17.60 कराेड़ के तकमीना की ड्राइंग व डिजाइन के स्थान पर 18.10 कराेड़ का तखमीना स्वीकार कर दिया। इससे एनिकट का ढांचा ताे गड़बड़या ही लागत भी बढ़ गई। वहीं मानसून सीजन शुरू हाेने से टेंडर हाे भी जाएं ताे अगले चार माह तक काम शुरू नहीं हाे सकेगा।


सीएम ने यहीं से पंचायत चुनावों के जीत की आधारशिला रखी थी
मुख्यमंत्री गहलोत ने 26 दिसंबर 2019 काे केवल झेर एनिकट के शिलान्यास के लिए ही नहीं पंहुचे थे। इस दौरान यहां आयोजित सभा में ही उन्होंने बांसवाड़ा जिले में होने वाले 2019-20 के पंचायत राज चुनाव को जीतने की आधार शिला भी रखी थी। उन्होंने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत यहीं से की थी। बांसवाड़ा पर फाेकस का असर यह रहा कि कांग्रेस का जिला परिषद में ताे बाेर्ड बना ही। ग्यारह पंचायत समितियाँ में से आठ में भी कांग्रेस का बाेर्ड बन गया। झेर एनीकट बनने से पंचायत समिति सज्जनगढ़ व गांगड़तलाई के 54 गांवों तक जलदाय विभाग पेयजल उपलब्ध कराएगा। इस एनीकट के निर्माण से क्षेत्र के हैंडपंपों के भूजल स्तर में वृद्धि होगी। एनीकट में वर्ष पर्यन्त पानी होने से पशुओं व स्थानीय काश्तकारों को पीने व सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा।

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