डगिया तालाब पेटे में 5 साल पहले बनी नहर दूसरी बार टूटी, 3 घंटे में पूरा तालाब खाली
कस्बे के मुख्य डगिया तालाब के पेटे में 5 साल पहले बनी नहर रविवार शाम को टूट जाने से देखते ही देखते महज 3 घंटे में पूरा तालाब खाली हो गया। टनल टूटने से माही की दायीं मुख्य नहर से निकलने वाली नरवाली वितरिका दोनों छोर से लबालब बहने लगी। जैसे-जैसे टनल में सुराख बढ़ता गया वितरिका ओवरफ्लों होकर पानी आस-पास के खेतों में होकर नए बसस्टैंड क्षेत्र के आबादी क्षेत्र में भरने लगा। जिससे एकबारगी भय का माहौल व्याप्त हो गया। तालाब में बनी नहर में सुराख होने की सूचना डगिया भैरव की पहाड़ी पर मवेशी चरा रहे कुछ लोगों ने ग्रामीणों को दी। देखते ही देखते मौके पर हुजूम उमड़ पड़ा। तालाब की पाल टूटने की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। उपखंड मुख्यालय से पहुंचे अधिकारियों के पास व्यर्थ में बह रहे पानी को देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि तालाब की नहर में सुराख इतना बड़ा था कि तत्काल उसे बंद करना नामुमकिन था। घाटोल में कोई बड़ा नुकसान न हो इसको ध्यान में रखते हुए एसपी केसरसिंह शेखावत, एसडीएम दिनेशकुमार मंडोवरा, खमेरा थानाधिकारी गजेंद्रसिंह राव, घाटोल चौकी इंचार्ज रतनलाल बुनकर मय जाब्ता, माही के जेईएन कपिल पाटीदार, पीडब्ल्यूडी एईएन महेंद्र मीणा भी पहुंचे।यह है बायपास टनल : माही की दायीं मुख्य नहर से निकलने वाली नरवाली वितरिका, जो डूंगरपुर की भीखाभाई नहर में शामिल होती है। बरसों पहले माही बांध बनने के समय घाटोल कस्बे में स्थित डगिया पहाड़ी में सुरंग के जरिए बनाई गई नहर के सुरंग में पत्थर गिरने से वितरिका में जलप्रवाह रुक गया था, इसी कारण तत्कालीन राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में डगिया तालाब के पेटे में इसी नहर का एक बायपास टनल बनाकर नहर को सुचारू रूप से चलने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम शुरू किया, लेकिन 8 करोड़ की लागत से बनी इस टनल का टैंडर जयपुर की चौधरी कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था, उसने पेटी कॉन्ट्रेक्ट पर इस टनल को बनवाया, जो गुणवत्ता व मापदंडों के अनुरूप नहीं बनाई, जिस कारण 26 जुलाई 2017 को पहली बार यह टनल तालाब के बीच में से टूट गई थी। उस समय भी सारा पानी निकल गया था। जो आसपास के खेतों में भर जाने से सारी फसलें खराब हो गई थी। इस साल भी मूसलाधार बारिश के कारण तालाब के पेटे में बनी नहर में सुराख हो जाने से रविवार को सारा पानी व्यर्थ में बह गया। तालाब पूरा खाली हो जाने से रबी की फसल के लिए डूंगरपुर की भीखाभाई नहर में पानी नहीं पहुंचा सकते हैं। क्योंकि इतने कम समय में टनल को फिर से बनाना मुश्किल है।5 साल में पहली बार तालाब लबालब हुआ था : पिछले 5 साल में इस साल पहली बार डगिया तालाब लबालब हुआ था, वाे भी टनल में सुराख के कारण पूरा खाली हाे गया। चूंकि डगिया तालाब कस्बे सहित आस-पास के गांवों का मुख्य जल स्त्रोत है, अब किसानों व पशु पालकों के लिए आने वाले गर्मी के मौसम में परेशानी हाेगी। तालाब के पास घने जंगल में रहने वाले जंगली जानवराें के भी पेयजल संकट हाे गया है।घाटोल. डगिया तालाब के अंदर पानी के रिसाव से उठा भंवर। तालाब से पूरा पानी रिस कर पेटे में बनी कैनाल के जरिए खेतों में चला गया। वहीं आबादी क्षेत्र को भी नुकसान हुआ है।
कच्चे पत्थर और स्थानीय रेत से बनाई थी टनल, 2014 में तहसीलदार ने दिए थे जांच के आदेश
2014 में ग्रामीणों ने घाटोल तहसीलदार को लिखित में शिकायत कर घटिया टनल निर्माण की शिकायत की थी। ग्रामीणों ने ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर टनल निर्माण में तालाब के पेटे से निकले कच्चे पत्थर, लोकल रेत का इस्तेमाल करने की शिकायत की थी। तत्कालीन तहसीलदार ने एक्शन लेते हुए काम रुकवाकर गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश दिए थे। टनल निर्माण के दौरान भी एक साथ 100 से अधिक जिलेटीन छड़ों का उपयोग कर नहर की खुदाई के लिए ब्लास्टिंग की गई थी। जिससे पूरा घाटोल कस्बा थर्रा गया था। कुछ मकानों व मंदिर में दरारें आने व ब्लास्टिंग के दौरान पत्थरों के उड़ने से कई घरों की छतें क्षतिग्रस्त हुई थी। दो बुजुर्ग घायल हुए थे।