18 दिन बाद जमीन विस्थापितों ने धरना स्थल छोड़ा: 21 सूत्रीय मांगों पर प्रशासन का आश्वासन, बांसवाड़ा में परमाणु बिजलीघर का विवाद, NPCIL ने शुरू किया काम
इससे पहले किसान नेताओं के साथ भूमि अवाप्ति अधिकारी (SDO बांसवाड़ा) पर्वतसिंह चूण्डावत, DSP सूर्यवीर सिंह एवं अन्य प्रशासनिक जिम्मेदारों के बीच कई घंटों तक वार्तालाप चला। जिम्मेदारों की ओर से 21 सूत्रीय मांगों में जायज मांगों को मानने और प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने की सहमति दी गई।
वहीं विस्थापितों को मुआवजा दिलाने से लेकर शेष अन्य मांगों को तत्परता से पूरा करने की बात कही गई। तब कहीं जाकर शाम करीब 5 बजे धरना समाप्त हुआ। हालांकि, किसान नेता यह कहते हुए दिखे की उन्हें प्रशासन की ओर से मौखिक आश्वासन मिला है। अगर, एक महीने में समस्या का हल नहीं निकला तो उनका आंदोलन फिर से शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि ये धरना पूर्व राज्यमंत्री दलीचंद मईड़ा, किसान संघर्ष समिति के जनक डिंडोर के नेतृत्व में चल रहा था।
वर्तमान में यह है स्थिति
केंद्र सरकार से स्वीकृत इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत कटुम्बी, रेल, बारी, सजवानिया, आड़ीभीत और खाण्डियादेव में 665 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जा चुकी है। इसमें से करीब 60 हैक्टेयर भूमि खाण्डियादेव में टाउनशिप के लिए रखी गई है। इस प्रोजेक्ट को 2022 के अंत या 2023 के आरंभ में शिलान्यास करने की कार्ययोजना है। खांडियादेव में टाउनशिप के लिए चार दीवारी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वहीं बाकी की जमीन पर बाउण्ड्री वाल का कार्य चालू है, जिसे बीते दिनों प्रदर्शनकारियों ने रुकवा दिया था।