कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के लिए सचिन पायलट को चुना
सचिन पायलट होंगे राजस्थान के नए मुख्यमंत्री। राहुल गांधी ने दी बधाई। अशोक गहलोत लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे।
अब जब कांग्रेस को सौ से अधिक सीटें मिलना तय हो गया है, तब यह साफ है कि सचिन पायलट राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। पायलट अभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं और पायलट की रणनीति पर ही विधानसभा का चुनाव लड़ा गया था। पायलट के नेतृत्व में मिली सफलता पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पायलट को बधाई दी है। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दूसरे प्रबल दावेदार अशोक गहलोत अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे। असल में परिणाम के बाद अशोक गहलोत की भूमिका तब होती जब कांग्रेस को बहुमत से कम सीटें मिली। लेकिन जब कांग्रेस अपने बूते पर सरकार बनाने की स्थिति में है तो फिर सचिन पायलट के नेतृत्व को कोई चुनौती नहीं है। कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक 12 दिसम्बर को जयपुर में हो रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री का निर्णय आला कमान पर छोड़ा जाएगा। अगले एक दो दिन में केन्द्रीय पर्यवेक्षक आकर सचिन पायलट के तौर पर आला कमान की राय बता देंगे। तब सर्वसम्मिति से पायलट को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा। बीकानेर से रामेश्वर डूडी के चुनाव हार जाने के बाद अब कांग्रेस में पायलट के नेतृत्व को चुनौती देने वाला भी कोई नहीं रहा है। पिछले पांच वर्षों से पायलट ही राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। हालांकि कांग्रेस की इस जीत में पूर्व सीएम अशोक गहलोत का भी सहयोग है। लेकिन पूर्व में जिन परिस्थितियों में गहलोत को पहली बार राजस्थान का सीएम बनाया गया उन्हीं परिस्थितियों में अब पायलट को कमान सौंपी जा रही है। गहलोत अब मुख्यमंत्री की रेस में शामिल नहीं है, इस बात के संकेत 11 दिसम्बर को स्वयं गहलोत ने भी दिए हैं। नतीजों के बीच ही गहलोत ने मीडिया से कहा कि आज कांगे्रस को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस के किसी भी नेता के मन में पद की लालसा नहीं होनी चाहिए। यह राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि किस नेता का उपयोग कहां किया जावे। गहलोत ने कहा कि इस समय वे कांग्रेस के संगठन महासचिव के पद पर कार्य कर रहे हैं और उनके मन में पद की कोई लालसा नहीं है। असल में गहलोत को भी इस बात का आभास है कि पूर्ण बहुमत मिलने पर राष्ट्रीय नेतृत्व की पहली पसंद सचिन पायलट ही हैं। वैसे भी मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय राजनीति में गहलोत की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। कांग्रेस के जो सौ से भी ज्यादा विधायक चुने गए हैं उनमें से अधिकांश पायलट के पक्के समर्थक हैं।