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घर पर प्रसव कराने वाले डॉक्टरों पर हाेगी कार्रवाई

घर पर प्रसव कराने वाले डॉक्टरों पर हाेगी कार्रवाई
@HelloBanswara - -

जिले में लंबे समय से संस्थागत प्रसव में अा रही कमी काे लेकर गुरुवार काे जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर चिकित्सा अधिकारियों पर जमकर बिफरे। अपने बचाव में जब डॉक्टरों ने यह पक्ष रखा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह पर आयुर्वेद के डॉक्टर भी घर में ही प्रसव करवा रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने सीएमएचअाे डॉ. हीरालाल ताबियार को ऐसे डॉक्टरों की लिस्टिंग बनाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इधर, कलेक्टर आशीष गुप्ता ने सब सेंटरों पर प्रसव की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल यह बैठक सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। दूसरी ओर सुरवानिया अस्पताल में दो डॉक्टर होने के बावजूद तीन माह में महज 22 प्रसव ही हो पाए हैं। इस पर कलेक्टर एक डॉक्टर को हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं। इसी प्रकार पालोदा में 21 प्रसव ही पाए गए। यहां पर बिना सूचना के मेडिकल ऑफिसर अनुपस्थित थे, इस पर सीएमएचओ डॉ. ताबियार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कुशलगढ़ में पिछले तीन माह में ही 736 डिलेवरी हुई। बैठक में सबसे ज्यादा जाेर प्रसूताओं का रजिस्ट्रेशन अाैर उनकी देखभाल पर रहा। संस्थागत प्रसव की संख्या देखकर पहले ताे कलेक्टर ने सभी चिकित्सा अधिकारियों काे फटकार लगाई, इसके बाद निर्देश दिए कि आशा सहयोगिनी हर दो दिन में एक बार गर्भवती महिलाओं और उनके परिवार से जरूर मुलाकात करे और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का समाधान करे। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. हीरालाल ताबियार ने जिले में हर बुधवार को होने वाली पुकार बैठक के बारे में भी जानकारी दी।  
शहर में टीकाकरण अाैर पंजीयन कम  
ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर में भी गर्भवती महिलाओं काे ठीक से चिकित्सा याेजनाअाें का फायदा नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि समय से उनकी एएनसी पंजीयन भी नहीं हा़े रहा है। इसकाे लेकर कलेक्टर ने जमकर फटकार लगाई। दरअसल गर्भवती महिलाओं के होने वाले रजिस्ट्रेशन एएनसी में अरबन की प्रगति रिपोर्ट कमजोर है। इस पर कलेक्टर ने पीएमओ, अरबन के डाॅक्टर, यूपीएम और हेल्थ मैनेजर से सवाल जवाब किए। इस पर चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि कई जगह पर एएनएम की कमी है इसलिए प्रगति रिपोर्ट कमजोर आ रही है। इस पर कलेक्टर गुप्ता ने जहां अधिक एएनएम है, वहां से कम होने वाले स्थानों पर लगाने की प्लानिंग बनाने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर अरबन में टीकाकरण भी लगभग पचास फीसदी ही पाया गया। इस पर भी कलेक्टर ने नाराजगी जताई। 

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