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मानसून के लंबे ब्रेक से मक्का की 50, दालों की 35% फसलें खराब, कृषि विभाग ने मुख्यालय भेजी रिपोर्ट, राजस्व विभाग 15 तक भेजेगा

Banswara
मानसून के लंबे ब्रेक से मक्का की 50, दालों की 35% फसलें खराब, कृषि विभाग ने मुख्यालय भेजी रिपोर्ट, राजस्व विभाग 15 तक भेजेगा
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जिले में दो दिनों के ब्रेक के बाद बुधवार को फिर से दोपहर के बाद मौसम बदलने के साथ बारिश का दौर शुरू हुई। शहर सहित जिलेभर में हल्की मध्य बारिश हुई। जहां शहर में 5 एमएम बारिश हुई।

केसरपुरा में 3, दानपुर में 4, घाटोल में 5, गढ़ी में 3 अन्य केंद्रों पर 2-2 एमएम बारिश दर्ज की गई है। रातभर भी बारिश का दौर चलता रहा। जिले में भी तक सितंबर के 13 दिनों में केवल 87 एमएम ही बारिश हुई है। वहीं 1 जून से 13 सितंबर तक कुल 605 एमएम बारिश हुई, जबकि औसत बारिश 831 एमएम होनी चाहिए।

यानी 27 प्रतिशत कम बारिश अभी तक रिकॉर्ड हुई है। इस बार बहुत कम बारिश हो रही है। वहीं प्रदेश में मानसून की स्थिति देखें तो अब तक सामान्य से 4 फीसदी ज्यादा बरसात हो चुकी है। राज्य में एक जून से 12 सितंबर तक औसत बारिश 412.8 एमएम होती है, जबकि इस सीजन में अब तक कुल बारिश 429.4 एमएम हो चुकी है। मौसम केन्द्र से जारी फोरकास्ट रिपोर्ट के मुताबिक बांसवाड़ा सहित जिलों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 14 सितंबर से जिले में अच्छी बारिश का अनुमान है।

भास्कर संवाददाता|बांसवाड़ा इस बार मानसून के लंबे ब्रेक से खरीफ की पकी हुई फसलें खराब हो गई हैं। निदेशालय के निर्देश पर कृषि विभाग की ओर सर्वे भी किया गया है। इसमें सभी तहसील क्षेत्र में भारी खराबा सामने आया है। अधिकारियों के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट का उपयोग फसल बीमा करवा चुके किसानों के लिए हो सकता है। बीमा नहीं करवाने वाले किसानों की फसल के खराबे का सर्वे राजस्व विभाग की ओर से करवाया जा रहा है। जिले में कुल 2 लाख 35 हजार 98 हेक्टेयर में खराब फसल की बुवाई की गई है, जिसमें 1 लाख 13 हजार के करीब एरिया में फसलें खराब हुई है।

सबसे ज्यादा मक्का फसल में खराब हुआ है। जिसमें 45 से 50 प्रतिशत तक का खराबा हुआ है। उड़द दालों में 30 से 35 प्रतिशत, चावल और सोयाबीन में 25 से 30 प्रतिशत तक का खराबा सामने आया है। कृषि अधिकारी दलीप सिंह यादव ने बताया कि बीमा के तहत मिलने वाले मुआवजे के लिए क्रॉप कटिंग होगी। जिले में 1 से 15 सितंबर तक राजस्व विभाग के सर्वे का समय है, इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय को जाएगी। राज्य सरकार फसल खराबे को लेकर निर्णय लेगी, लेकिन अभी केवल कृषि विभाग ने सर्वे की रिपोर्ट भेजी है। जिले में अगस्त में बारिश की कमी के चलते फसलों को नुकसान हुआ है। इन जगहों पर हुआ सर्वे : आनंदपुरी, आंबापुरा, अरथूना, बागीदौरा, गांगड़तलाई, गढ़ी, घाटोल, गनोड़ा, कुशलगढ़, सज्जनगढ़ और बांसवाड़ा तहसील में सर्वे करवाया है।

अभी प्रदेशभर में फसल खराबे को लेकर सर्वे किया जा रहा है। राजस्व विभाग 15 सितंबर तक जिलों का आंकलन करेंगे। उसी रिपोर्ट के आधार पर नुकसान का फैसला होगा। उसी आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा। इसलिए अभी रिपोर्ट का इंतजार है। -लालचंद कटारिया, कृषि मंत्री

बांध क्षमता जलस्तर माही 279.25 281.50 बाजना 287.80 300 कडाना 117.98 127.74 कागदी 234.40 236 फसल कुल बुवाई प्रभावित क्षेत्र नुकसान(%) चावल 22160 12713 25-30 मक्का 113400 45085 45-50 उड़द 6570 6570 30-35 सोयाबीन 71300 40550 25-30 कपास 11600 8030 15-20

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