RSS/Bharat Mata Mandir
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh या R.S.S.) की स्थापना सन् 1925 में विजयदशमी के दिन डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गयी थी । बीबीसी के अनुसार संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संस्थान है। डा. केशव हेडगेवार नागपुर में चिकित्सक (Doctor) थे.
बांसवाडा में पूजनीय श्री माधव जी गुरूजी ने विश्व हिन्दू परिषद् की स्थापना करी, बांसवाडा में यहाँ इसके अखिल भारतीय संत श्री रामस्वरूप जी महाराज इसका कार्यभार सँभालते है.
संघ के सरसंघचालक और कार्यकाल
डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार उपाख्य डॉक्टरजी ( 1925 - 1940 )
माधव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य गुरूजी ( 1940 - 1973 )
मधुकर दत्तात्रय देवरस उपाख्य बालासाहेब देवरस( 1973 - 1993 )
प्रोफ़ेसर राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया ( 1993 - 2000 )
कृपाहल्ली सीतारमैया सुदर्शन उपाख्य सुदर्शनजी ( 2000 - 2009 )
डॉ. मोहनराव मधुकरराव भागवत (2009 - अब तक)
संघ का उद्देश्य
संघ का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण है, समाज और व्यक्ति शशक्त करने से है. साथ ही लोगों में मातृभूमि के प्रति समर्पण का भाव जागृत करना है. हर कोई व्यक्ति देश से कुछ पाने की इच्छा रखता है जबकि देश को कुछ देना संघ का संदेश है। इस चिंतन को व्यवहार में लाकर, मातृभूमि के लिए नि:स्वार्थ सेवा कर हम हमारे देश, समाज के सम्मान/गरिमा को पुर विश्व में बढ़ा सकेंगे.
संघ का उद्देश्य मानव को बौद्धिक और शारीरिक रूप दोनों से ही सबल करना है. जिससे वो स्वयं का रक्षण स्वयं खुद कर सके. जिससे समाज मजबूत बन सके, और स्वयं सेवक को समाज, देश के प्रति चिंता रहे और देश के प्रति अपना योगदान दे सके.
अंधविश्वास, अशिक्षा व दहेज प्रथा, सामाजिक समानता आदि अनेक सामाजिक समस्याओं को ख़तम कर सके. जिससे समाज को आगे बढ़ने में आने वाली समस्याओं को ख़तम कर सके.
स्वयं सेवक समाज में रहता है और उसका अपना परिवार होता है तो अपने परिवार के भरण पोषण के लिए वो अपने कार्य करता है. और वो अपनी योग्यता के अनुसार संघ के उद्देश्यों की पूर्ति भी करता है.
शाखा
शाखा में खेल, सूर्य नमस्कार, समता (परेड), गीत और प्रार्थना होती है। सामान्यतः शाखा प्रतिदिन एक घंटे की ही लगती है। शाखा में बौद्धिक व शारीरिक क्रियाओं के साथ स्वयंसेवकों का पूर्ण विकास किया जाता है।
जो भी सदस्य शाखा में स्वयं की इच्छा से आता है, वह "स्वयंसेवक" कहलाता है।
RSS एक नज़र राजस्थान बांसवाडा में
राजस्थान छेत्र
प्रांत
जोधपुर
जयपुर
चित्तोड़गड
विभाग चितोड़गड
बांसवाडा
डूंगरपुर
ऋषभदेव
नियमित शाखाएं
भारत माता मंदिर
चन्द्रपोल (नगरपरिषद पार्क)
सुभाष नगर
केशव नगर
त्रिपुरा कॉलोनी (आकाशवाणी)
खान्दू कॉलोनी
बड़ा राम द्वारा
हाउसिंग बोर्ड
उत्सव -
वर्ष प्रतिप्रदा
गुरु पूर्णिमा
हिन्दू साम्राज्य दिवस
रक्षा बधन
विजयादशमी
मकर संक्रांति
RSS अंग -
1. साहित्य भारती
2. संस्कृत भारती
3. वनवासी कल्याण परिषद्
4. विश्व हिन्दू परिषद् (इसकी युवा शाखा बजरंग दल)
5. सेवा भारती
6. धर्म जागरण मंच
7. विद्या परिषद् - (शिक्षा के छेत्र में)
8. विद्यार्थी परिषद् (ABVP)
9. मजदूर संघ - भारतीय मजदूर संघ (BMS )
10. आरोग्य भारती
11. भारत विकास परिषद
संघ प्रशिक्षण -
व्यक्तित्व निर्माण की आधार है संघ शिक्षा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्राथमिक वर्ग के बाद प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष की शिक्षा बारी-बारी से ग्रहण की जाती है। संघ के तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक को विशिष्ट सम्मान मिलता है। शिक्षा वर्गों में स्वयंसेवकों को राष्ट्र भावना, संस्कार, अनुशासन, देश प्रेम, आत्मरक्षा, समाज रक्षा और समाज सेवा की शिक्षा दी जाती है। व्यक्तित्व निर्माण व राष्ट्रभक्ति संघ शिक्षा वर्ग का आधार है।
प्रथम सिक्षा वर्ग (तहसील में)
द्वितीय शिक्षा वर्ग (प्रान्त में)
तृतीय शिक्षा वर्ग (नागपुर में)
गणवेश -
खाकी नेकर
सफ़ेद शर्ट
काली टोपी
बेल्ट (कपडे, रबर का)
काले जूते खाकी मोज़े
दंड
प्रचारक - जिसने अपना स्वयं का परिवार और नोकरी करने का विचार त्याग दिया हो