31 साल की प्रशासनिक सेवा, 34 पाेस्टिंग पहली बार कलेक्टर के पद पर लगाया
आज बांसवाड़ा आएंगे कैलाश बैरवा, दाे साल बाद रिटायरमेंट
भास्कर संवाददाता|बांसवाड़ा
नए कलेक्टर कैलाश बैरवा मंगलवार काे बांसवाड़ा अाएंगे। वे संभवतया: शाम काे पदभार संभालेंगे। बैरवा पिछले 16 सालाें से जयपुर में पदस्थापित हैं। इस अवधि में वे केवल पांच माह जयपुर से बाहर रहे। 31 साल की प्रशासनिक सेवाअाें में अब तक उनकी 34 पाेस्टिंग हुई, जिसमें से 22 जयपुर की थी। 12 मार्च 1962 काे जन्मे कैलाश बैरवा का दाे साल बाद रिटायरमेंट है। राज्य सरकार ने पहली बार जिला कलेक्टर के रूप में उन्हें पाेस्टिंग दी है। बैरवा ने एम.काॅम तक की शिक्षा ली है। उन्हाेंने वर्ष 1989 में अारएएस अधिकारी के रूप मेंं अपना प्रशासनिक सेवा सफर शुरू किया था। पहली पाेस्टिंग मई 1990 में विकास अधिकारी पंचायत समिति भादरा, गंगानगर में हुई। गंगानगर के अलावा बीकानेर व जयपुर में भी विकास अधिकारी रहे।
चित्तौड़ जिले के प्रतापगढ़ में एसडीएम रहे हैं। दाैसा व सवाई माधाेपुर जिलों में एडीएम रह चुके हैं। वे टाेंक जिला परिषद में सीइअाे व सवाईमाधाेपुर में एसीइअाे रहे हैं। अलवर में जिला अाबकारी अधिकारी रह चुके हैं। इसके बाद वर्ष 2004 में वे उपायुक्त, पंचायत राज विभाग के रूप में जयपुर गए थे। तब से लेकर अाज तक केवल एक बार पांच माह के लिए उनकी पाेस्टिंग जयपुर से बाहर रही।
वे अक्टूबर 2008 से मार्च 2009 तक रजिस्ट्रार, महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी में कार्यरत रहे। इसके बाद पुन: जयपुर चले गए। जहां करीब पाैने तीन साल तक टीएडी विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी भी रहे। वर्ष 2015 में अारएएस से अाईएएस में पदाेन्नत हुए थे। अाईएएस में उन्हें वर्ष 2006 का बेच मिला है। उनका अधिकांश कार्यकाल नाॅन फील्ड पाेस्टिंग का रहा है।
झुंझुनूं की तरह सक्षम लोग गांवों को गोद लें तो बदल जाएगी यहां की सूरत
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि बांसवाड़ा में किसी तरह की काेई समस्या नहीं। यहां काम करने की काफी गुंजाइश है। सरकारी विभागों में वर्किंग इंप्रूव करने की आवश्यकता है, ताकि आमजन काे सरकारी सेवाओं का लाभ जल्दी मिल सके। स्थानीय सूचना केंद्र में मंगलवार काे मीडियाकर्मियों से चर्चा के दाैरान कलेक्टर नेहरा ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि 4 माह के कार्यकाल में उन्हें स्थानीय लाेगाें, सभी वर्गों का पूरा सहयोग िमला। नेहरा ने अपने कार्यकाल में बांसवाड़ा के लिए तैयार की गई दाे याेजनाअाें का जिक्र भी िकया। इनमें से पहली शहर के निकट श्यामपुरा में स्थित वन विभाग के 70 हेक्टेयर काे महात्मा गांधी नेचर पार्क के रूप में विकसित करने की थी। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसका नाम महात्मा गांधी नेचर पार्क तय किया था। दूसरी योजना जिला कलेक्ट्रेट काे सिविल लाइंस के पास स्थित माही विभाग के परिसर में शिफ्ट करने की। यहां माही परियेाजना से उनकी जमीन के नए नक्शे तैयार कराए। यहां अनुपयोगी पड़ी करीब 27 बीघा जमीन पर मिनी सचिवालय की तर्ज पर नया कलेक्ट्रेट भवन बनाने के प्रस्ताव तैयार किए थे। कलेक्टर नेहरा ने अपने गृह क्षेत्र शेखावाटी झुंझुनू का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के सक्षम लाेग अपने स्तर पर क्षेत्र में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने तथा स्थानीय प्रतिभाओं काे रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध कराने के लिए सेवा भाव लिए हाेते हैं। बांसवाड़ा में टीएसपी क्षेत्र में भी इस तरह की साेच विकसित करनी हाेगी। उन्होंने कहा कि जिले में टीएसपी क्षेत्र में करीब पंद्रह साै गांव है। यहां की याेजनाअाें का लाभ उठाने वाले स्थानीय व्यक्ति इनमें से एक-एक गांव गाेद ले लें ताे भी कायाकल्प हाे जाएगा।