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जेल प्रशासन में हड़कंप, जेल से भागे तीन कैदी, रेप और अपहरण मामलों में संगीन आरोपी, धरा रह गया करंट के तारों का जाल

Banswara
जेल प्रशासन में हड़कंप, जेल से भागे तीन कैदी, रेप और अपहरण मामलों में संगीन आरोपी, धरा रह गया करंट के तारों का जाल
@HelloBanswara - Banswara -

बांसवाड़ा जिला जेल से तीन कैदी करीब 22 फीट ऊंची दीवार फांदकर फरार हो गए। रात 12 बजे से सुबह 4 बजे के बीच उनके भागने की जानकारी है। अभी कुछ दिन पहले ही बंदियों को यहां लाया गया था। भागने वालों में एक युवक मध्यप्रदेश का रहने वाला है। खास ये है कि जेल की दीवारें ऊंची होने के साथ टॉप पर बिजली की एलटी लाइनों के करंट वाला जंजाल है। इस करंट के बीच से परिंदा भी पर मारकर बाहर नहीं जा सकता। ऐसे में कंबल को गठान बांधकर बंदी वहां से बाहर कैसे हुए ये बड़ा सवाल बनकर सामने आ रहा है। सूचना के बाद बांसवाड़ा SP राजेश कुमार मीणा, DSP सूर्यवीर सिंह राठौड़, कोतवाल रतनसिंह चौहान, जेल डिप्टी मान सिंह बारहठ ने मौका मुआयना किया। इसके अलावा पूरे जिले में नाकेबंदी करा दी गई है।

कैदी नंबर एक : परमेश पुत्र रमेश।
कैदी नंबर एक : परमेश पुत्र रमेश।

कैदी नंबर 1 : रतलाम का रहने वाला है परमेश

पाटन थाना पुलिस की कार्रवाई में गिरफ्तार बरखेड़ा, रावटी जिला रतलाम (MP) निवासी परमेश (22) पुत्र रमेश को ACJM कोर्ट के आदेश पर रेप के मामले में 2 जून को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश हुए थे, जिसकी जेल में एंट्री 4 जून को हुई थी। परमेश के खिलाफ 365, 344 और 376 IPC में मामला विचाराधीन है।

कैदी नंबर 2 : कमलेश (20) पुत्र मानसिंह भाभोर
कैदी नंबर 2 : कमलेश (20) पुत्र मानसिंह भाभोर

कैदी नंबर 2: अपहरण का है आरोपी

दूसरा कैदी भी पाटन थाने का ही है। छोटी बिजारी थाना पाटन (कुशलगढ़) निवासी कमलेश (20) पुत्र मानसिंह भाभोर को भी 2 जून को अपहरण के मामले में ACJM कोर्ट से न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश हुए थे। यह भी जेल में चार जून को आया था। आरोपी पर अपहरण की धारा 363, 84, 86 (2), JJ एक्ट में मुकदमा दर्ज है।

कैदी नंबर 3 : प्रवीण (19) पुत्र कमलेश निनामा
कैदी नंबर 3 : प्रवीण (19) पुत्र कमलेश निनामा

कैदी नंबर 3: चोरी का है आरोपी
तीसरा कैदी मुंगाणा थाना मोटागांव निवासी प्रवीण (19) पुत्र कमलेश निनामा है। इसे चोरी के मामले में ACJM कोर्ट घाटोल ने 7 जून को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए थे। इसे सेम डे जेल में लाया गया था। इसके खिलाफ मोटागांव थाने में IPC की धारा 379 में मामला दर्ज है।


ढाई घंटे जेल में रहे SP

वारदात की सूचना जेल प्रशासन को सुबह लगी। सभी बैरक चेक किए गए। इसके बाद सूचना पुलिस को मिली। बिना देर लगाए बांसवाड़ा SP मीणा अपने स्टाफ के साथ सुबह करीब साढ़े 8 बजे जेल में दाखिल हुए, जो करीब 11 बजे बाहर निकले। पुलिस को जेल की दीवार में दो जगह से कैदियों के चढ़ने के निशान मिले हैं। भीतर से पैर जमाने के लिए दीवार को कुछ जगह पर पत्थर से खोदने की कोशिश भी हुई है। पुलिस जेल में लगे CCTV भी खंगाल रही है। फिलहाल पुलिस सीधी जानकारी देने से बच रही है।

जेल की दीवार में पीछे की ओर गांठ से जोड़े गए कंबल।
जेल की दीवार में पीछे की ओर गांठ से जोड़े गए कंबल।

बाहर कूदने के लिए तीन कंबल

जेल के भीतर से करीब 22 फीट ऊंची दीवार चढ़ने के बाद कैदी बाहर की ओर करीब 25 फीट दीवार कूदे हैं। इसके लिए दीवार पर बने बिजली एंगल से कंबल को बांधा गया है। कंबल के बीच गिठान भी बहुत ही मजबूती से बांधी गई है। जेल सूत्रों की मानें तो अंदर की दीवार को पार करने के लिए कैदियों ने एक-दूसरे को कंधा दिया है। मौके पर ऐसे सुराग हैं। बैरक में चार कैदी थे। इनमें से एक कैदी अंदर ही रह गया। बाकी भाग गए।

जेल के पीछे वारदात स्थल पर बंधे कंबल को खींचकर देखते पुलिस अधिकारी।
जेल के पीछे वारदात स्थल पर बंधे कंबल को खींचकर देखते पुलिस अधिकारी।

रात में एक मिनट के लिए भी नहीं हुई ट्रिपिंग

कैदियों के भागने की सूचना पर अजमेर डिस्कॉम की टीम ने जेल का मौका देखा। सिक्योर मीटर की टीम ने पाया कि टॉप पर बिजली तारों में करंट की सप्लाई बराबर है। जेल में भीतर धुसते ही दरवाजे के पास MCB की सुविधा है, जहां से पूरे सर्किट को बंद चालू करने की व्यवस्था है। डिस्कॉम के जिम्मेदारों की मानें तो मंदारेश्वर GSS से जुड़े जेल परिसर में बीती रात एक मिनट के लिए भी ट्रिपिंग नहीं आई। न ही किसी तरह की बिजली कटौती हुई है।

जेल की ऊंची दीवारों के ऊपर कुछ ऐसा है तारों का जंजाल।
जेल की ऊंची दीवारों के ऊपर कुछ ऐसा है तारों का जंजाल।

इन सवालों का जवाब नहीं मिले

  • तपती गर्मी के बीच जेल के बैरक भी गर्म हैं। ऐसे में गर्मी के दिनों में कैदियों तक कंबल कैसे पहुंचे। अभी कंबल ओढ़ने का समय भी नहीं है।
  • कैदियों की लंबाई करीब 5-5 फीट है। ऐसे में 4 कैदी एक-दूसरे पर खड़े होते हैं तो 20 फीट की दीवार पर पहुंचते हैं। करंट के तारों के बीच दीवार के टॉप पर खड़े होने की गुंजाइश नहीं है। ऐसे में एक कैदी को सफलता मिलने के बाद बाकी के दो कैदी उस दीवार को कैसे लांघ गए।
  • जेल के अंदर बाहर दोनों जगहों पर रात के समय गश्त करने का सिस्टम है। बावजूद इसके कैदियों को जेल के भीतर इतना सब कुछ करने का मौका कैसे मिला।
  • जेल की दीवार के टॉप पर V शेप में करंट के करीब 8 तार हैं। इनमें से परिंदा भी पर नहीं मार सकता। ऐसे में चालू बिजली लाइन के बीच एक फुट गैप को कैदियों ने कैसे पार किया।
  • जेल प्रशासन का कहना है कि टॉप की बिजली लाइनों में करंट की सप्लाई कभी बंद नहीं होती। ऐसे में कैदी करंट के बीच खुद को बचाकर कैसे पार जा सकते हैं। ये मामला भी संदिग्ध बना हुआ है।

जेल लांघने का ये दूसरा मामला

जेल की दीवारों को फांदकर फरार होने का ये दूसरा मामला है। इससे पहले 90 के दशक में हरिदेव जोशी राजकीय कन्या महाविद्यालय के स्थान पर बनी हुई तत्कालीन जेल से 6 कैदी एक साथ भागे थे। दीवान गैंग के ये बदमाश मध्यप्रदेश के रहने वाले थे। इसके बाद 1990 के करीब ही 35 बीघा जमीन पर नई जेल बनी थी। इस परिसर में ढाई बीघा जमीन पर कन्सट्रक्शन हो रखा है। जेल में कुल 11 बैरक हैं। इसके अलावा एक बैरक बिना नंबर का है, जिसे नई आमद की बैरक भी कहते हैं। नई जेल से एक-दो बार भागने के प्रयास जरूर हुए थे, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।

थाली से खोदी बैरक की दीवारें

भागे हुए कैदियों की बैरक में पुलिस को स्टील की मुड़ी हुई थाली मिली है। कयास है कि थाली को मोड़कर कैदियों ने बंद बैरक की दीवार को खोदा है। सीलन के कारण पुरानी दीवार पोली हो गई थी, जिसमें पत्थर खिसककर निकलते गए। इसके समीप बैरक में 5 कैदी थे। तीन कैदी ही भागे हैं, जबकि चौथा कैदी वहीं पर है। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आखरी बचे हुए एक कैदी की भूमिका संदिग्ध है। कैदियों को भगाने वाले इस कैदी के मामले में दोनों पक्षों में समझौता चल रहा है। इसलिए उसने भागने की कोशिश् नहीं की।

जिम्मेदारों के ये जवाब

मामले में बांसवाड़ा SP मीणा ने बताया कि जेल प्रशासन की ओर से रिपेार्ट मिली है। कैदी रात में भागे हैं, जिनके भागने का समय अभी क्लीयर नहीं है। नाकेबंदी कर कैदियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर जेल डिप्टी मान सिंह बारहट ने कहा कि बांसवाड़ा पुलिस मामले की जांच कर रही है। लाइन में करंट अभी भी चालू है। तीन इंडीगेशन चालू हैं, जो बताते हैं कि लाइन रात में चालू थी। अब कैदी कैसे बाहर गए ये उनके लिए भी जांच का विषय है।

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