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मंत्री बामनिया ने 3 सालों में बजट कहां खर्च किया, रिपोर्ट मंगवाओ : कटारिया, मंत्रीजी बैठकों का नहीं, पैसों का हिसाब बताओ : स्पीकर

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मंत्री बामनिया ने 3 सालों में बजट कहां खर्च किया, रिपोर्ट मंगवाओ : कटारिया, मंत्रीजी बैठकों का नहीं, पैसों का हिसाब बताओ : स्पीकर
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मंत्री बामनिया ने 3 सालों में बजट कहां खर्च किया, रिपोर्ट मंगवाओ : कटारिया

विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान सरकार के जनजातीय मंत्री अर्जुन बामनिया पर भाजपा ने गंभीर आरोप लगाए। भाजपा से सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा ने सरकार से सवाल पूछा कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व सिरोही जिले के लिए जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कहां-कहां कितना पैसा खर्च किया। पहले उपनेता राजेंद्र राठौड़ और उसके बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बामनिया पर हमला किया। कटारिया बोले-मैं कड़वा नहीं बोलना चाहता, लेकिन इन तीन सालों में मंत्री यह सारा पैसा सिर्फ अपनी विधानसभा में ले गए। अन्य विधायकों को कुछ भी नहीं मिला। कटारिया ने स्पीकर से कहा कि आप चाहें तो इनसे काम की लिस्ट मंगवा लो, अब तक जो सेंक्शन इनके विभाग ने निकाली है उनकी फेहरिस्त सदन में टेबल करवा दो…तो आपको देखकर आश्चर्य होगा कि इन्होंने सारे विधायकों को नकार दिया। एक पैसा भी नहीं दिया।

सलूंबर विधायक के जवाब में बताया-3 साल में 6399 लाख खर्च हुए, लेकिन कहां, यह नहीं बताया

मीणा ने कहा-साल 2018 से 2022 तक विधानसभा क्षेत्रों के लिए जो बजट आता है, वह आज तक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि प्रश्न के जवाब में सवालों के बारे में पूरी जानकारी भी नहीं दी है। सवाल उठाया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के बजट में से 6399 लाख रुपए खर्च करने की बात कही है, लेकिन इसमें कहीं भी हवाला नहीं दिया कि पैसा कहां-कहां खर्च किया गया। पूरी सूचना ही गलत दी गई है।


मंत्री बामनिया सारा पैसा बांसवाड़ा तो नहीं ले गए, जांच होनी चाहिए : कटारिया
गुलाबचंद कटारिया ने सवाल उठाया कि पैसे का डिस्ट्रीब्यूशन कैसे हुआ? जवाब में कोई जानकारी नहीं दी गई है। मंत्री सारा पैसा बांसवाड़ा तो नहीं ले गए। स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने मंत्री को फटकार लगाई। बोले-प्रश्न को सही तरीके से पढ़ लें। 3 सालों में परामर्शदात्री समितियों की मीटिंग कितनी बार हुई? बैठक में लिए गए प्रस्तावों व निर्णयों की क्या स्थिति है? इनके जवाब विधायक पूछ रहे हैं। स्पीकर जोशी ने तो यहां कह दिया कि मंत्रीजी को नहीं सुनना है। अगला प्रश्न कर लूं? स्पीकर ने कहा कि विधायक के इलाके को भी पैसे का डिस्ट्रीब्यूशन हो, इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।

मंत्री ने सलूंबर में कितना बजट कहां खर्च किया, नहीं बताया तो हुआ हंगामा
1. जनजाति क्षेत्र उदयपुर संभाग के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व सिरोही के लोगों के लिए सरकार की घोषित योजनाएं?
- सरकार की ओर से बताया कि जनजाति विकास से जुड़ी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
2. 3 सालों में परामर्शदात्री समिति की मीटिंग कितनी बार हुई और लिए गए प्रस्तावों की क्या स्थिति है?
- 3 वर्षों में जनजाति परामर्शदात्री परिषद की बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में 9 फरवरी, 2021 को हुई थी। लेकिन-यह नहीं बताया कि क्या प्रस्ताव लिए गए और उनकी क्या स्थिति है।
3. सलूंबर में 3 सालों में जनजाति विकास के नाम पर किन-किन कार्यों के लिए कितना बजट कहां-कहां जारी किया गया? वर्षवार व पंचायत समितिवार विवरण सदन की मेज पर रखें।
- विधानसभा क्षेत्र सलूंबर पूरी तरह से अनुसूचित जनजाति क्षेत्र है। वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 तक विभिन्न योजनाओं में कुल 6 हजार 399 लाख रुपए व्यय कर ग्रामीणों को लाभान्वित किया जा चुका है। वर्षवार व पंचायत वार जानकारी नहीं दी।
4. सलूंबर के लिए विभिन्न कार्यों के प्रस्तावों के अनुसार बजट जारी करने का विचार रखती है?
- सरकार ने इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई। इसलिए हंगामा हुआ।



भाजपा सरकार में तो सिर्फ दो मीटिंग हुई थी : बामनिया
बामनिया ने कटारिया से कहा कि कोरोना काल के चलते परामर्शदात्री समिति की केवल एक बैठक हो पाई है, जबकि पिछली भाजपा सरकार में कोरोना नहीं होने के बावजूद सिर्फ 2 बैठक हुईं। मंत्री ने कहा कि आसपुर विधायक के एक सवाल के जवाब में उत्तर दिया था कि एक ही बैठक हुई है।

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