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बीमा क्लेम के लिए बेटे, हैड कांस्टेबल और पीएमओ ने रचा रणछोड़ की मौत का षड़यंत्र

Banswara
बीमा क्लेम के लिए बेटे, हैड कांस्टेबल और पीएमओ ने रचा रणछोड़ की मौत का षड़यंत्र
@HelloBanswara - Banswara -

9 लोगों के खिलाफ केस
बीमा कंपनी से एक्सीडेंट क्लेम पाने के लिए सालिया के रणछाेड पटेल की सड़क हादसे में माैत का षड़यंत्र रचा गया था। इसके लिए पहले बेटे ने झूठी रिपाेर्ट दी और फिर पुलिस और डाॅक्टर से मिलीभगत कर फर्जी पाेस्टमार्टम रिपाेर्ट और प्रमाण पत्र बनवाए गए। डिप्टी सूर्यवीर सिंह की जांच में इसका खुलासा हाेने पर अब मृतक के बेटे पवन पटेल, एमजी अस्पताल के पीएमओ डाॅ. रवि उपाध्याय, हैड कांस्टेबल भानुदत्त सहित षडयंत्र में शामिल 9 जनाें के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।


दरअसल, दैनिक भास्कर ने 28 अप्रैल काे इस संबंध में खबर प्रकाशित कर रणछाेड़ की माैत की फर्जी कहानी रचने का खुलासा किया था। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने इसकी गहनता से जांच की। पुलिस ने इसके खुलासे के लिए 20 लाेगाें से पूछताछ की, जिसमें फर्जी तरीके से और भी पोस्टमार्टम रिपाेर्ट बनाने काे लेकर संदेह गहरा गया है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 193, 197, 198, 420, 466, 467, 468, 471, 120-बी के तहत हैड कांस्टेबल भानुदत्त, एमजी अस्पताल के पीएमओ डाॅ. रवि उपाध्याय, सालिया निवासी पवन पटेल, भरत पड़ियार, ललित पटेल, हसंचंद्र पटेल, अमरेंग पटेल, शहर निवासी हंसचंद्र, पाड़ी कला निवासी महेंद्र पटेल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।


मृतक का बेटा पवन : सरकारी रिकाॅर्ड में की थी काट-छांट


सालिया की आशा सहयाेगिनी ललिता ने पुलिस बयान में बताया कि रणछाेड़ की माैत अप्रैल-मई, 2021 में माैत हाे गई थी। आंगनवाड़ी पर मृतक रणछाेड़ का बेटा आया था। जिसने जिद करके जन्म-मृत्यु पंजिका में जबरन अपने पिता की माैत की एंट्री करवाई। पवन ने खुद ही पंजिका में सड़क दुर्घटना और पिता की उम्र 51 लिख दिया था। अगले दिन हरीश पटेल आया और उसने रणछाेड़ की माैत की पाेस्टमार्टम रिपाेर्ट दी और कहां था कि काेई जांच करने आए ताे दिखा देना। इस संबंध में एएनएम ग्लाेरी काडिया के भी बयान हुए। इससे यह साफ हुआ कि पवन ने सरकारी रिकाॅर्ड में काटछांट की। षडयंत्र में हरीश पटेल भी शामिल रहा।


हैड कांस्टेबल भानुदत्त : राेजनामचे में सूचना कहां से मिली नहीं लिखा


हैड कांनि भानुदत्त ने दाेपहर उस िदन दाेपहर 2:55 बजे राेजनामचे में रवानगी लिखी। इसमें बताया कि सालिया के रणछाेड़ की लाश एमजी अस्पताल में रखी हुई हाेने से कार्रवाई के लिए जा रहा है। भानुदत्त ने यह सूचना किससे, कैसे और किस माध्यम से मिली ? इसका काेई उल्लेख नहीं किया और न ही थाना इंचार्ज काे बताया। वहीं मृतक की वीडियाे और फाेटाेग्राफी भी नहीं करवाई, जबकि मर्ग की जांच में यह जरूरी है। इस दिन खांदू चाैकी प्रभारी एएसआई जगदीश चंद्र एक अन्य मर्ग की प्रक्रिया करवाने के लिए सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक माेर्चरी में थे। पुलिस बयान में उन्हाेंने भी भानुदत्त काे नहीं देखने की बात कही।


पीएमओ डाॅ. रवि : पीएम रिपाेर्ट बना दी, लेकिन शव था ही नहीं


डाॅ. रवि ने बयान में कहा कि उन्हाेंने जनवरी में पाेस्टमार्टम किया। 7 मार्च काे वे अस्पताल पहुंचे ताे शव ट्राेमा वार्ड में आया। रिश्तेदाराें ने रणछाेड़ का शव बताया। डिस्पेच खुद ही अंकित करना बताया। मेडिकल ज्यूरिस्ट नहीं हाेने से उन्हाेंने खुद ही पाेस्टमार्टम किया। जबकि, डाॅ. राजेश चाैधरी ने बताया कि वे उस दिन ड्यूटी पर थे और दाेपहर 12:30 बजे, दाेपहर 1:15 बजे और दाेपहर 2 बजे पाेस्टमार्टम किया। किशाेर हरिजन ने भी पीएमओ के साथ किसी भी पाेस्टमार्टम में उपस्थित हाेना नकारा। इससे साफ है कि उस दिन माेर्चरी में 3 पाेस्टमार्टम ही हुए थे। पीएमओ ने अस्पताल रिकाॅर्ड और पाेस्टमार्टम रिपाेर्ट की कूटरचना कर दस्तावेज तैयार किए।

कारण : सामान्य माैत से एक्सीडेंट में दाेगुना क्लेम
मृतक रणछाेड़ के नाम से बैंक ऑफ बड़ाैदा में दाे खाते हैं। एक पर 8.28 लाख का केसीसी लाेन ले रखा है। जबकि दूसरे खाते में इंडिया फर्ट जीवन सुरक्षा पाॅलिसी में किसी भी कारण से मृत्यु हाेने पर 1 लाख रुपए का बीमा कवर और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा पाॅलिसी से दुर्घटना पर मृत्यु पर 2 लाख रुपए का बीमा कवर मिलता है। लेकिन रणछाेड़ की माैत के संबंध में बैंक शाखा में काेई जानकारी नहीं दी गई। इसी प्रकार रणछाेड़ के नाम से भारतीय जीवन बीमा निगम में 3 पाॅलिसी है। पाॅलिसी एक में एक्सीडेंट में माैत पर 4 लाख 71 हजार रुपए देय है। पाॅलिसी 2008 में सरेंडर्ड की जा चुकी है। यहां पर भी रणछाेड़ की माैत की काेई जानकारी नही दी गई थी, लेकिन इस जांच से सामने आया कि सामान्य की अपेक्षा एक्सीडेंट में माैत बताने पर दाेगुना क्लेम भुगतान मिलता है।


साजिश : सीआई उदयपुर थे, भानुदत्त ने किया दर्ज
19 अप्रैल काे सदर सीआई संजीव स्वामी ने एसपी काे रिपाेर्ट पेश की थी। जिसमें बताया कि 7 मार्च काे थाने में एक मर्ग दर्ज किया गया था। प्रार्थी सालिया निवासी पवन पटेल ने दी रिपाेर्ट में बताया था कि वह अपने पिता रणछाेड़ पटेल के साथ बाइक पर दाेपहर 2 बजे सालिया से सियापुर जा रहा था। रास्ते में बाइक का संतुलन बिगड़ने से नीचे गिरने पर पिता की माैत हाे गई। इस मर्ग का पंचनामा और एमजी अस्पताल से मर्ग संबंधी प्रक्रिया सदर थाने के हैड कांस्टेबल भानुदत्त ने की। सीआई ने अपनी रिपाेर्ट में बताया कि इस दिन वह विभागीय काम से उदयपुर गए थे। एसआई उमेश चंद्र थाना प्रभारी थे। बाद में पता चला कि रणछाेड़ की माैत ताे 6 से 7 महीने पहले ही अन्य कारणाें से हाे चुकी है। इसे ही आधार बनाते हुए पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पीएमओ सहित 9 लोगों के नाम सामने आए।

 


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