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अफसरों को बचाया, केवल कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ ही दी 10 लाख के भ्रष्टाचार की रिपोर्ट

Banswara
अफसरों को बचाया, केवल कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ ही दी 10 लाख के भ्रष्टाचार की रिपोर्ट
@HelloBanswara - Banswara -

जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और पालनहार योजना में 78.96 लाख रुपए का घोटाला सामने आने के बाद भी विभाग मामले को दबाने में जुटा है, जबकि इस पूरे गबन में निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग विश्राम मीणा ने जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 78.96 लाख रुपए की वसूली 15 दिनों के भीतर करने के निर्देश दिए थे।

विभाग की सहायक निदेशक हेमांगी निनामा ने महज एक ऑपरेटर दनाक्षरी निवासी केशव डिंडोर के खिलाफ अधिकारी को गुमराह कर ओटीपी का दुरुपयोग करने और 10 लाख रुपए ई कुबेर की राशि स्वयं के खातों में डालने की रिपोर्ट कोतवाली में मंगलवार को दर्ज कराई है। तत्कालीन निदेशक मीणा ने यह आदेश 6 जुलाई को जारी किया था। जांच रिपोर्ट में केवल तीनों ऑपरेटरों के ही नाम हैं।

15 दिन के बदले करीब 2 माह बाद एक ही एफआईआर दर्ज करने पर भी विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि जांच रिपोर्ट में भी अधिकारियों को दोषी बताया था, क्योंकि उनकी निगरानी में ही इतना बड़ा गबन हो गया, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है।

सबसे ज्यादा गबन छोटी सरवन और सज्जनगढ़ ब्लॉक में हुआ है, लेकिन बार-बार निदेशालय से कार्रवाई के लिए कहा जा रहा है। अभी भी केवल एक कंप्यूटर ऑपरेटर पर ही मामला दर्ज किया है। हेमांगी निनामा का मूल विभाग बांसवाड़ा ब्लॉक में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के पद पर हैं, लेकिन बांसवाड़ा ब्लॉक समेत कुल 10 विभाग संभाल रहीं हैं। लंबे समय से इतने चार्ज होने से लाभार्थियों को भी कार्यालय में निनामा के नहीं मिलने से परेशानी खड़ी हो रही है।

उनके पास सामाजिक सुरक्षा अधिकारी ब्लॉक बांसवाड़ा- मूल विभाग, कुशलगढ़ ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी का चार्ज, गढ़ी ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, अरथूना ब्लॉक का भी सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक एवं न्याय विभाग, सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता विभाग, परियोजना प्रबंधक अनुजा निगम, अधीक्षक सम्प्रेषण गृह, अधीक्षक शिशु गृह और कार्यवाहक परिवीक्षा अधिकारी अधिकारी का चार्ज है। ^विभाग ने तीनों कंप्यूटर ऑपरेटर्स के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं, एक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। दो के खिलाफ दानपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी। जांच में किसी अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है।

-हेमंागी निनामा, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग खास बात यह है कि सबसे ज्यादा ई-कुबेर में करीब 30 लाख का गबन हुआ है। जिसमें जिम्मेदारी भी सबसे ज्यादा सामाजिक सुरक्षा अधिकारी की रहती है, क्योंकि डॉक्यूमेंट और बिल का वेरिफाई खुद सुरक्षा अधिकारी द्वारा किया जाता है। इसके बावजूद 30 लाख का गबन हो गया। इस मामले में कुल 3 ऑपरेटर्स ने इसमें गबन किया है, जहां कुशलगढ़ ब्लॉक, छोटी सरवन ब्लॉक, सज्जनगढ़ ब्लॉक और बांसवाड़ा ब्लॉक में गबन हुआ है। इसके अलावा वसूली में भी लम्बा वक्त लगाया, लेकिन अभी भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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