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10 साल में दूसरी बार सितंबर में 400 एमएम बारिश, इस बार महज 18 दिनों में 409 एमएम बरसात, औसत से 9% ज्यादा

Banswara
10 साल में दूसरी बार सितंबर में 400 एमएम बारिश, इस बार महज 18 दिनों में 409 एमएम बरसात, औसत से 9% ज्यादा
@HelloBanswara - Banswara -
  • 60% मक्का, चावल-दाल की 30% फसलें खराब

जिले में 18 सितंबर तक 852.3 एमएम औसत बारिश होती है। लेकिन इस बार कुल 927.2 एमएम बारिश हो चुकी है। यानी अब तक 9 फीसदी ज्यादा बारिश हो हुई है। इसी के साथ ही मानसून में बारिश का कोटा पूरा करने के लिए अब केवल 35.2 एमएम ही बारिश की ज़रुरत है।

इस साल सितंबर की बात करे तो इसी महीने अब तक 400 एमएम बारिश हो चुकी है। यह बीते 10 सालो में सितंबर में होने वाली दूसरी सबसे ज्यादा बारिश है। इससे पहले 2019 में सितंबर में कुल औसत बारिश 466.1 एमएम दर्ज की गई थी। लेकिन इस बार केवल 18 दिनों में ही 409.3 एमएम बारिश हो चुकी है। वहीं पिछले 24 घंटे में भी जिले में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। जिलेभर में औसत 64.1 एमएम बारिश हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा भूंगड़ा में 120 एमएम, जगपुरा में 109 , घाटोल में 104, कुशलगढ़ में 89, दानपुर में 63, बांसवाड़ा में 55 एमएम बारिश हुई है।

आगे क्या : मौसम वैज्ञानिक हर गिलास ने बताया की आसमान में बादल छाए रह सकते हैं। लेकिन अब लगातार बारिश की गतिविधियों मंे कमी आएगी। यानी 19 सितंबर से केवल हल्की बारिश हो सकती है, भारी बारिश का अभी अगले सप्ताह तक कोई अनुमान नहीं हैं। तापमान में भी मामूली बढ़ोतरी होगी।

बांसवाड़ा| पिछले 4 दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते खरीफ की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जिसको लेकर कृषि विभाग के सयुंक्त निदेशक दलीप सिंह के नेतृत्व में टीम की ओर से सोमवार फसल खराबे का सर्वे किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक 16 से 18 सितंबर तक हुई बारिश से काफी नुकसान हुआ है। फसलें नीची गिरने से तना तक टूट गया, वहीं ज्यादा पानी आने से खराब हो गई है। जिसमें सबसे ज्यादा मक्का फसल 60 प्रतिशत के नुकसान का आंकलन किया गया है, वहीं चावल की फसल भी 50 प्रतिशत तक खराब हुई है।

कृषि विभाग ने सर्वे रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेजी है। सर्वाधिक कुशलगढ़, बांसवाड़ा और बागीदौरा में फसल खराबा हुआ है। कुशलगढ़ में चावल 60 फीसदी, उड़द की फसल 75 फीसदी खराब हो चुकी है। जिले में खरीफ सीजन में 2 लाख 35 हजार हेक्टेयर से भी ज्यादा क्षेत्र में फसलों की बुवाई होती है। जिसमें 80 हजार हेक्टेयर फसलें बारिश से प्रभावित हुई हैं। ^बारिश से खरीफ फसल की 80 हजार हेक्टेयर में नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा बांसवाड़ा, बागीदौरा और कुशलगढ़ में फसल प्रभावित हुई है। बारिश ज्यादा होने के कारण फसल आड़ी पड़ने से ज्यादा खराब हुई है। सर्वे कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी है। -दलीपसिंह, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग , बांसवाड़ा मध्यप्रदेश सहित आस पास के क्षेत्रों में रविवार रात को पानी की आवक कम होने से माही बांध के 8 गेट रविार रात को बंद कर दिए थे, लेकिन सोमवार को फिर से पानी की आवक बढ़ने पर सभी 16 गेट खोल दिए गए।

जिसमें 14 गेट 1-1 मीटर और 2 गेट आधा-आधा मीटर खोले गए। कैचमैंट एरिया में लगातार पानी की आवक के चलते क्षेत्र के सबसे बड़ा अर्दन माही बांध लबालब हो गया। बांध जलस्तर क्षमता माही 280.80 281.5 बाजना 290.50 300 कडाना 127.05 127.74 गलियाकोट 127.30 128.30 कागदी 234.25 236.00 (हेक्टेयर में) साल औसत बारिश 2013 181.9 2014 254.1 2015 26.1 2016 98.6 2017 107.1 2018 129.2 2019 466.1 2020 150.5 2021 350.1 2022 -- 2023 अभी तक 409.3 फसल बुवाई चावल 22160 मक्का 113400 उड़द 6570 सोयाबीन 71300 कपास 11600 फसल बांसवाड़ा बागीदौरा कुशलगढ़ नुकसान (%) चावल 20-25 10-15 55-60 28-33 मक्का 50-60 30-35 50-52 40-50 उड़द 40-50 35-40 70-75 40-55 सोयाबीन 30-40 20-25 60-65 35-43 कपास 00 00 50-55 50-55

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