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पहले सीएमएचओ का तबादला, अब संस्थापना शाखा का पूरा स्टाफ एपीओ

Banswara
पहले सीएमएचओ का तबादला, अब संस्थापना शाखा का पूरा स्टाफ एपीओ
@HelloBanswara - Banswara -

    चिकित्सा महकमे में उथल-पुथल मची है। सीएमएचओ डाॅ. एचएल ताबियार के तबादले के बाद अब महकमे से एक और बड़ी खबर है। गुरुवार काे निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से जारी आदेश में सीएमएचओ के अधीन संस्थापना शाखा के पूरे स्टाफ को एपीओ कर दिया गया। इससे एक बात साफ है कि कार्यालय में सबकुछ ठीक नहीं है। इससे पहले एकाएक सीएमएचओ काे नाॅन टीएसपी की एक सीएचसी पर भेज दिया गया था और अब सीएमएचओ कार्यालय के 4 कार्मिकाें के एपीओ से इस पूरे मामले काे पिछले दिनाें हुई यूटीबी बेस भर्तियाें से जाेड़कर देखा जा रहा है। सीएमएचओ कार्यालय में कर्मचारियाें के खिलाफ इस एपीओ की कार्रवाई के बाद चर्चा है कि पिछले दिनाें यूटीबी अाधारित हुई भर्ती काे लेकर जनप्रतिनिधि विभागीय अधिकारियाें के रवैये काे लेकर नाखुश थे। भर्ती में स्थानीय जनप्रतिनिधियाें से तालमेल नहीं रखा गया। सहायक प्रशासनिक अधिकारी इंद्रजीसिंह, वरिष्ठ सहायक हेमंत पुराेहित, कनिष्ठ सहायक संताेष जैन और वसीम खान को एपीओ किया गया है। अब इन कर्मचारियाें काे जयपुर निदेशालय में उपस्थिति देनी हाेगी।


    डाॅ. ताबियार 9 साल से ज्यादा सीमएमएचओ, तीन बार स्टे लाकर बने
    डाॅ. एचएल ताबियार जिले के दूसरे एेसे सीएमएचओ हैं, जाे सबसे ज्यादा साल तक इस पद पर रहे। पहली बार 22 अप्रैल 2010 काे उन्हाेंेन जिम्मेदारी संभाली। महज 2 माह के कार्यकाल के बाद उन्हें हटा दिया गया। इसके बाद डाॅ. ताबियार दूसरी बार 1 अक्टूबर 2011 काे सीएमएचओ बने और 7 साल से भी ज्यादा समय यानि 8 फरवरी 2018 तक कार्यरत रहे। इसके बाद विभाग ने दाे अन्य अधिकारियाें काे इस पद पर लगाया, लेकिन 1 साल बाद 20 फरवरी 2019 काे डाॅ. ताबियार फिर इस पद पर अा गए और अगस्त 2020 तक रहे। बाद में उन्हें हटाकर डाॅ. वीके जैन को सीमएमएचओ बनाया, लेकिन स्टे लाकर फिर डाॅ. ताबियार वापस इस पद पर अाए। 2 जनवरी 2021 से वे इस पद पर थे। ट्रांसफर किया गया तो वह स्टे लाने में कामयाब रहे। उन्हें कुछ माह बताैर जिला औषधि भंडार और एमजी अस्पताल में भी पदस्थापित किया गया।


    मुझे नॉन टीएसपी जिले में भेजा : डाॅ. ताबियार
    पूर्व सीएमएचओ डाॅ. एचएल ताबियार ने कहा कि मुझे किस कारण से हटाया यह नहीं पता। मुझे टीएसपी से नाॅन टीएसपी जिले में लगाया वाे भी एक सीएचसी में। मैंने कभी किसी का बुरा नहीं किया, राजनीतिक पचड़े में कभी पड़ा नहीं। अभी उप निदेशक के पास यथावत रहने के लिए एप्लीकेशन दी है। अगर वहां न्याय नहीं मिलता है ताे मैं अागे अपने दूसरे कदम उठाऊंगा। मुझे ताे अभी जानकारी मिली है कि मेरे दूसरे पूरे स्टाफ काे एपीओ कर दिया है।


    अाशंका: यूटीबी भर्ती में नेताओं से तालमेल नहीं रखना पड़ा भारी
    डाॅ. ताबियार और उनका स्टाफ पिछले लंबे समय से जिले में कार्यरत था। पिछले दाे सालाें में िचकित्सा विभाग में यूटीबी बेसेस (अति आवश्यक अस्थाई तौर पर की गई भर्ती) पर डाॅक्टर, फार्मासिस्ट, नर्सिंगकर्मियाें सहित अन्य स्टाफ की भर्ती की गई है। बताया जा रहा है कि इसमें जनप्रतिनिधियाें (मंत्री, विधायकाें) ने भी अपने कुछ लाेगाें की लिस्ट भेजी थी। लेकिन उन लाेगाें का चयन नहीं हाेने से जनप्रतिनिधियाें में नाराजगी थी। इन कार्मिकाें का चयन पूरी संस्थापना शाखा के अधीन ही था। हालांकि, विभाग के कुछ कार्मिक इस कार्रवाई के पीछे दवाओं की खरीदी काे भी एक वजह मान रहे हैं। कार्मिकाें का मानना है कि दवाई खरीदी काे लेकर भी कुछ शिकायतें उच्चाधिकारियाें तक पहुंची हैं।


    पूर्व पीएमओ डाॅ. उपाध्याय भी हटाए गए थे
    बांसवाड़ा में फेरबदल की शुरुअात पूर्व पीएमओ डाॅ. रवि उपाध्याय के ट्रांसफर के साथ हुई थी। डॉ. उपाध्याय बीमा क्लेम दिलाने के लिए फर्जी तरीके से पाेस्टमार्टम के अाराेपाें में घिर चुके थे, जिनके खिलाफ काेतवाली में प्रकरण भी दर्ज हुआ। विभागीय कार्यों में गड़बड़ियों पर डाॅ. उपाध्याय काे जिला परिषद की साधारण सभा में मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया की नाराजगी का सामना करना पड़ा था। डाॅ. उपाध्याय पर अब गिरफ्तारी का भी खतरा मंडराने लगा है।

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