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कईं कॉलेजों की फाइल आयुक्तालय में अटकी: जीजीटीयू से संबद्ध निजी व सरकारी कॉलेज ने नहीं जमा कराया सम्बद्धता शुल्क

Banswara
कईं कॉलेजों की फाइल आयुक्तालय में अटकी: जीजीटीयू से संबद्ध निजी व सरकारी कॉलेज ने नहीं जमा कराया सम्बद्धता शुल्क
@HelloBanswara - Banswara -
गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में एक दर्जन से अधिक कॉलेज बिना एनओसी-एफिलेशन के संचालित हो रहे हैं। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा से कई कॉलेजों को अब तक एनओसी नहीं मिली है, तो कई कॉलेज संचालकों ने अब तक वार्षिक संबद्धता शुल्क भी नहीं जमा कराया है। इसके चलते अब तक करीब 15 कॉलेजों की एनओसी-एफिलेशन अटका पड़ा है। इसमें बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जिले में संचालित निजी के साथ-साथ सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं। इसी सत्र बांसवाड़ा-डंूगरपुर में खाेले गए नए काॅलेज की भी फाइल जीजीटीयू तक नहीं पहुंची है। इन कॉलेजों में करीब 5 हजार से स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। विश्वविद्यालय ऐसे कॉलेजों को पूर्व में नोटिस जारी कर चुका है। तय समय पर संबद्धता संबंधित कार्रवाई पूरी नहीं होने पर जीरो सेशन का भी खतरा है।

बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ के 5 हजार स्टूडेंट्स होंगे प्रभावित, जीरो सेशन का खतरा
संबद्धता नहीं होने से राज्य सरकार की ओर से देय विभिन्न छात्रवृत्ति भी अटक रही है। छात्रवृत्ति पोर्टल पर कॉलेज की मैपिंग नहीं होने से उनके नाम नहीं दिख रहे हैं। इससे स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति के आवेदन में परेशानी आ रही है। गत दिनों ऐसे ही मामले को लेकर स्टूडेंट्स ने जिला मुख्यालय पर रैली निकालकर प्रदर्शन भी किया था। फीस जमा नहीं कराने से संबद्धता अटकने वाले कॉलेजों में भीखा भाई भील राजकीय कॉलेज सागवाड़ा, राजकीय कन्या कॉलेज प्रतापगढ़, राजकीय कॉलेज चिखली, आर्ट्स कॉलेज जसैला और वहीं आयुक्तालय से एनओसी नहीं मिलने की सूची में वाल्मीकि कॉलेज घाटोल, पूंजीलाल डामोर चौरासीगढ़, योगेश्वर कॉलेज कुआं, प्रेरणा मूर्ति चितरी, वागड़श्री चितरी, वीर एकलव्य कॉलेज जौलाना शामिल हैं। जबकि विवि से अस्थाई एफिलिएशन के लिए कॉलेज को प्रतिवर्ष शुल्क जमा करवाना होता है।

नियम : अस्थाई या स्थाई एनओसी जरूरी
दरअसल, आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा से निजी कॉलेज को अस्थाई या स्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। तीन वर्ष अस्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद दाे साल के लिए और इसे बढ़ाया जाता है। इसके बाद स्थाई एनाअोसी के लिए संस्थान के नाम से तय मापदंड अनुसार भूमि, भवन, योग्यताधारी व्याख्याता नेट/पीएचडी सहित अन्य सुविधाओं का पूरा ब्यौरा नाेडल काॅलेज काे देना होता है। स्थाई एनओसी के लिए आवश्यक शर्त पूरी नहीं होने पर पैनल्टी का प्रावधान है, जो साल दर साल बढ़ती जाती है। जिले में एेसे भी काॅलेज हैं, जिन पर 30 लाख से अधिक रु. बकाया हैं।

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