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5 गांवों में पेयजल के लिए ~15 करोड़ मंजूर, इधर महंगाई बता 18 करोड़ का नया प्रस्ताव भेजा

Banswara
5 गांवों में पेयजल के लिए ~15 करोड़ मंजूर, इधर महंगाई बता 18 करोड़ का नया प्रस्ताव भेजा
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जयपुर में एससीएस की बैठक में निर्णय, 5 गांवों में पेयजल के लिए ~15 करोड़ मंजूर 

इधर, बांसवाड़ा में अफसरों की मीटिंग, महंगाई बता 18 करोड़ का नया प्रस्ताव भेजा

जनता जल मिशन योजना का काम 2024 तक 100 फीसदी पूरा होने पर संशय है। क्योंकि-15.38 लाख करोड़ रुपए की पालोदा-लसाड़ा-बस्सी चंदन सिंगोरा-ठीकरिया पेयजल योजना को स्वीकृति मिलने के बाद अब नया पेंच फंस गया है। जलदाय विभाग ने तर्क दिया है कि महंगाई बढ़ने से अब परियोजना की लागत 20 फीसदी बढ़ गई है। इसलिए 15 करोड़ रुपए में काम करना मुश्किल है।


विभाग ने अब 3 करोड़ रुपए बढ़ाकर दोबारा 18 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है। जयपुर में बुधवार को वाटर सप्लाई एवं सीवरेज मैनेजमेंट बोर्ड की वित्त समिति की बैठक पीएचडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें 9 जिलों की 130 करोड़ 26 लाख रुपए की 16 पेयजल योजनाओं को संशोधित प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी है। इस मीटिंग में बांसवाड़ा की 15 करोड़ रुपए की परियोजना को भी स्वीकृति मिली।


5 माह में 20% बढ़ गई लागत }

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयरन-एचडीपी पाइप के भी दाम बढ़े, 97 रुपए किलो मिलने वाला पाइप अब 140 रुपए का

{रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयरन-एचडीपी पाइप के भी दाम बढ़े हैं। जहां 97 रु. किलो मिलने वाले एचडीपी पाइप का रॉ मटेरियल 140 रु. किलो हो गया है। जबकि 37-38 रु. किलो मिलने वाले आयरन पाइप की कीमत 80 रु.तक हो गई है। सीमेंट, गिट्‌टी-रेत व निर्माण में लगे वाहनों के किराए में भी वृद्धि हो गई है, उसके अलावा लेबर ने भी मजदूरी बढ़ा दी है।


नई स्वीकृति मिलने पर ही शुरू हो पाएगा काम : जलदाय विभाग का कहना है कि महंगाई बढ़ने से ठेकेदार कम रेट पर टेंडर लेना नहीं चाह रहे हैं। किसी भी ठेकेदार ने इस योजना के लिए टेंडर में भाग नहीं लिया। इसलिए 18 करोड़ का प्रस्ताव भेजना पड़ रहा है। गढ़ी एईएन मयंक डामोर ने बताया कि 18 करोड़ के प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा।


सालभर और पीना होगा मटमैला पानी

लसाड़ा एनिकट से कुएं में फिर वहां से होती है सप्लाई, गर्मी में होती है किल्लत
{7-8 हजार से ज्यादा की आबादी वाले पालोदा में अभी 4 किमी दूर लसाड़ा एनिकट के वालेश्वर धूणी के पास बने कुएं से पानी की सप्लाई की जा रही है। दूरी ज्यादा होने से पालोदा में प्रेशर से पानी नहीं आता है। क्षेत्र ऊंचाई पर होने से गर्मी में पानी नहीं पहुंचता है। जल जल योजना के तहत अब गांव मंे ही टंकियां और कुएं बनाए जाएंगे, वहां से पाइप लाइन के जरिए घरों मंे नल कनेक्शन दिए जाएंगे।

{ ओड़ा मोड़ पर बने कुएं से ओड़ा, बस्सी चंदनसिंह और भीमगढ़ में पानी की सप्लाई हो रही है। लसाड़ा व ठीकरिया में लसाड़ा पुल के पास बने कुएं से पानी की सप्लाई हो रही है, जो दोनों गांवों से दो किमी दूर है। लसाड़ा पंचायत की आबादी 5-6 हजार है।


लोगों पर असर...2024 में भी नहीं पहुंचेगा 5000 घरों तक स्वच्छ पानी
{पालोदा, लसाड़ा, बस्सी चंदन, सिंगोरा और ठीकरिया गांवों के करीब 5 हजार घरों में नल कनेक्शन अब 2024 तक भी नहीं पहुंच पाएगा। क्योंकि 18 करोड़ की स्वीकृति लेने में समय लगेगा। जिले में अन्य जगहों पर भी जनता जल मिशन के तहत काम चल रहे हैं, वहां भी मटेरियल महंगा होने से ठेकेदार शिकायत कर रहे हैं। अभी कोई भी नया टेंडर लेने को तैयार नहीं है।


गनोड़ा. लसाड़ा पुल के नीचे नदी में खोदे कुएं से अभी 5 हजार घरों में पेयजल सप्लाई होता है।



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