48 घंटे बाद भी उदयपुर मार्ग पर पैदल जा रहे लोग, माही का पानी कडाणा पहुंचा, बैक वाटर में फसलें डूबी
दो दिन की भारी बारिश का सितम« 80 हजार हेक्टेयर में फसलें खराब, कई खेत जलमःउन, लसाड़ा पुल पर मरम्मत के बावजूद बंद रहा आवागमन
छाजा. जिले में पिछले तीन दिनों तक भारी बारिश के बाद माही बांध से छोड़े गया पानी बांसवाड़ा और गुजरात की सीमा पर बने कडाणा बांध तक पहुंच गया है। अब कडाणा बांध के भी गेट खोल दिए गए हैं। वहां बैक वाटर में स्थित खेत जलमग्न हो चुके हैं। आनंदपुरी क्षेत्र के छाजा, जेतियावाड़ा, बरकोटा, डमझारा, कथिरिया, सेरानगला डोकर पंचायत के गांवों में फसलें पूरी तरह से खराब हो गई। हालात यह है कि किसान कमर तक पानी में जाकर फसलें बचाते डर मक्का तोड़ रहे हैं। गौरतलब है कि दो दिन की भारी बारिश से जिले में करीब 80 हजार हेक्टेयर में फसल खराबा हुआ है। किसानों ने सरकार से मुआवजा देने की मांग की है।
उदयपुर मार्ग 48 घंटे बाद भी बंद, पैदल जा रहे लोग
गनोड़ा. बांसवाड़ा-उदयपुर मुख्य लसाड़ा पुल से 48 घंटे बाद भी आवागमन शुरू नहीं हो पाया है। मंगलवार को भी पुल से दोनों जिलों के लोगों को पैदल ही आना-जाना पड़ा। दरअसल, भारी बारिश के कारण माही बांध के सभी 16 गेट खोल दिए थे, इससे लसाड़ा पुल के ऊपर से पानी जा रहा था। इससे बांसवाड़ा की ओर से पुल के ऊपर से डामर सड़क बह गई । हालांकि पानी काम होते ही सोमवार को पीडब्ल्यूडी द्वारा पुल की मरम्मत कर दी गई। डूंगरपुर जिले के पीडब्ल्यूडी के एईएन रमेश पाटीदार का कहना है कि पुल से आवागमन शुरू हो सकता है। इधर, एनओसी नहीं मिलने से पुलिस वाहन नहीं ले जाने दे रही । लोग पैदल ही पूल से आनाजाना कर रहे हैं।
वहीं सरोदा थाना अधिकारी सुनील कुमार एवं लोहारिया थाना अधिकारी दौलत सिंह का कहना है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को उनके द्वारा लेटर लिखा है, लेकिन उस का जवान अभी तक नहीं दिया है। जब तक पीडब्ल्यूडी के अधिकारी एनओसी नहीं देते हैं, तब तक लोगों की सुरक्षा को देखते हुए बैरिकेड्स हटाए नहीं जा सकते।