प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय के बाहर 2 घंटे बजा ढोल:राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा संघ ने किया प्रदर्शन
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का किया घेराव, कार्यालय के बाहर नहीं निकल सके अधिकारी
इससे पहले राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने यहां कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। शाम के समय संगठन अध्यक्ष लाल सिंह चौहान, अजय शाक्यवंशी एवं केशव पंचोली की अगुवाई में शिक्षकों ने सरकार के साथ विभाग विरोधी नारे लगाए। संगठन का आरोप है कि 15 दिन पहले वह विभाग को अल्टीमेटम दे चुके थे। बावजूद इसके समस्याओं का समाधान करने की बजाए विभाग अनदेखी कर रहा है। इससे पहले 2 अगस्त को भी संगठन ने इसी तरह का प्रदर्शन किया था।
ऐसे मुद्दे रहे हावी
संगठन जिला मंत्री लक्ष्मीनारायण सिंह ने बताया कि शिक्षक भर्ती 2018-2019 के दौरान शिक्षकों को पोस्टिंग ऑर्डर जारी हुए थे। यहां पंचायती राज में जो शिक्षक बीडीओ को हैंडओवर किए गए थे उन्हें एक अक्टूबर 2018 को जोइनिंग मिल गई थी। रिमेनिंग वाले अध्यापकों को डीईओ एलीमेंट्री ने दो दिन उनके यहां जोइनिंग दिलाई।
यहां एक और दो अक्टूबर को 270 शिक्षकों की जोइनिंग का रजिस्टर मेंटेन हुआ और सभी से हस्ताक्षर भी कराए गए। इसके बाद 3 तारीख को इन सभी शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा कार्यालय में जोइनिंग के आदेश हुए। वहां माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उनकी जोइनिंग 3 तारीख को ली। ऐसे में एक दिन जोइनिंग देने के बावजूद पंचायती राज को सीधे भेजे गए शिक्षक और इन 270 शिक्षकों की जोइनिंग में दो दिन का फर्क आ गया। ऐसे में 270 शिक्षकों की सीनियरटी नीचे आ गई। संगठन चाहता है कि ऐसे शिक्षकों को दो दिन का भुगतान दिया जाए और शाला दर्पण में उनकी जोइनिंग एक अक्टूबर से मानी जाए।
दूसरा मुद्दा इस तरह गरमाया
शिक्षक संगठन की दूसरी खास मांग रही कि ढाई साल बाद भी विभाग स्तर पर भर्ती किए गए शिक्षकों की डिग्री का सत्यापन नहीं हुआ है। ऐसे में इन शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं हुआ है। कारण कि डिग्री सत्यापन की प्रक्रिया के बाद ही जिला स्थापना समिति शिक्षकों का स्थायीकरण करती है। इसके अलावा शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग भी यहां उठी।
संगठन ने आरोप लगाया कि प्रोबेशन पूरा कर चुके शिक्षकों को वर्तमान में 42 हजार रुपए वेतन मिलना चाहिए, लेकिन अब तक भी वह 20 हजार फिक्स पर काम कर रहे हैं। ऐसे में उनका शोषण हो रहा है। यह नियमितीकरण वेतन आहरण वितरण अधिकारी को करना है। तीसरी मांग के तौर पर संगठन ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग से माध्यमिक में समायोजित किए जा रहे शिक्षकों को विभाग मनमानी कर अन्य जगहों पर दूरदराज भेज रहा है, जबकि उसी विद्यालय में उनके पद रिक्त हैं। विभाग ऐसे मामले में विद्यालयों के रिक्त पदों का खुलासा नहीं कर रहा है। इस मौके पर संगठन ने प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे कनिष्ठ लेखाकार को उसके मूल विभाग में भेजने की मांग की।
चार दिन में समस्या समाधान
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी दिनेश पण्ड्या ने आश्वस्त किया कि वह 4 दिन के भीतर समस्या का समाधान करेंगे। विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में स्थायीकरण की भी बात कही है। स्थायीकरण के साथ नियमतिकरण भी हो जाएगा। स्टापिंग पैटर्न को लेकर भी उचित कार्रवाई के लिए कहा गया। संगठन ने कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो आंदेालन उग्र होगा।