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अवकाश पर होने के बावजूद जरूरी होने पर स्कूल जाते हैं शिक्षक: जिला मंत्री

Banswara
अवकाश पर होने के बावजूद जरूरी होने पर स्कूल जाते हैं शिक्षक: जिला मंत्री
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बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर शिक्षा सचिव ने शिक्षकों को मिलने वाले बालक देखभाल अवकाश (सीसीएल) को निरस्त कर दिया है। इसको लेकर शिक्षक संघ सियाराम ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर शिक्षकों के आक्रोश से अवगत कराया। संघ के जिलाध्यक्ष अनिल व्यास ने बताया कि शिक्षकों को बच्चों की देखभाल बीमारी और बोर्ड परीक्षा में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बेहतर मार्गदर्शन के लिए शिक्षा सेवा नियम 103 सी के अनुसार सम्पूर्ण सेवाकाल में 730 दिन (अधिकतम दो वर्ष) में से 120 दिन (एक वर्ष में) अवकाश स्वीकृत करने अधिकार आहरण वितरण अधिकारी को 10 िसतंबर 2018 को दिए हैं, जिसका उपयोग शिक्षक द्वारा अक्षम बच्चे की देखभाल, परीक्षा में बेहतर मार्गदर्शन के लिए किया जाता है। जिसे निरस्त करने से अध्यापिकाओं में खासा रोष व्याप्त है।

संघ की ओर से भेजे पत्र में प्रदेश सभाध्यक्ष ललित आर पाटीदार, अशोक शर्मा प्रदेश संयुक्त महामंत्री, खुशलता भट्ट जिला मंत्री, महिपाल भूता, डायालाल यादव, प्रवीण पटेल, पंकज द्विवेदी, नारायण सिंह राणावत, भूपेश वर्मा, सुजीत सेठ, मीरा गुरनानी, विमला वैष्णव सहित अनेक अध्यापिकाओं ने हस्ताक्षर किए।

जिला मंत्री नवीन जोशी ने बताया कि सीसीएल अवकाश लेने वाले शिक्षक को अपने डीडीओ को अवकाश लेने के कारण बच्चे के बीमारी संबंधी कारण होने पर सक्षम चिकित्सक का प्रमाण पत्र, पढ़ाई में मार्गदर्शन के लिए परीक्षा टाइम टेबल (बोर्ड) देना होता है। इसके बावजूद शिक्षक स्कूल में अत्यावश्यक होने या बोर्ड परीक्षा परिणाम प्रभावित नहीं हो इसके लिए अवकाश के बावजूद 1-2 घंटे स्कूल आना स्वीकार करते हैं।

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