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केमिकल से लाल हुआ नहर का पानी: 5 गांवों तक पहुंचा, 10KM के रेडियस में तालाब, नाले और हैंडपंप भी चपेट में

Banswara
केमिकल से लाल हुआ नहर का पानी: 5 गांवों तक पहुंचा, 10KM के रेडियस में तालाब, नाले और हैंडपंप भी चपेट में
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सिंचाई नहर में केमिकल मिला हुआ पानी खेतों तक पहुंच रहा है। पानी लाल होने के साथ झाग भी फेंक रहा है। पानी के संपर्क में आने वाले लोगों में खुजली और फोड़े फुंसी जैसी बीमारियां हो रही हैं। करीब 10 KM के रेडियस में नहर से जुड़े प्राकृतिक नालों और तालाबों में भी ये पानी पहुंचने की जानकारी है। दो जगहों पर बड़ी तादाद में मछलियां भी मरी हैं। आस-पास रहने वाले लोग अनजाने में मरी मछलियों को खाने के लिए घर लेकर भी गए हैं। समस्या को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया है। ये समस्या बीते 5 दिनों से बनी हुई थी। अब जाकर धीरे-धीरे नहर का पानी साफ हो रहा है। इधर, लोगों की शिकायत पर जिला प्रशासन की ओर से कृषि विस्तार उपनिदेशक दलीप सिंह यादव ने मौका मुआयना भी किया। मौका मुआयना के दौरान कृषि अधिकारी यादव के अलावा सरपंच पति सेवालाल मीणा, भाजपा नेता खोमा भाई, पूर्व जिला परिषद सदस्य शांतिलाल बुनकर एवं अन्य स्थानीय लोग मौजूद थे। जांच में नहर के पास गड्‌डे में केमिकल युक्त बोतल भी मिली है। मामला बांसवाड़ा शहर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित बड़गांव क्षेत्र का है।

नहर में दिख रहा लाल पानी।
नहर में दिख रहा लाल पानी।

दरअसल, पांचलवासा और बड़गांव में बीते कुछ दिनों से फसलों की सिंचाई के लिए छोड़े जा रहे पानी में केमिकल होने की जानकारी मिल रही थी। इसके बाद स्थानीय किसानों ने लोधा छात्रावास के समीप से गुजरती नहर में जाकर हालात देखे। वहीं मामले की सूचना जिला कलेक्टर को भी दी। किसानों ने बताया कि केमिकल युक्त पानी के संपर्क में आने वाले लोगों को त्वचा संबंधी रोग हो रहे हैं। कलेक्टर के आदेश पर कृषि विभाग के अधिकारी ने मौका मुआयना किया। नहर में मिली केमिकल वाली बोतल के नमूने लिए गए। वहीं प्रयोग के तौर पर केमिकल को पत्थर पर डाला गया तो उसके भी दो टुकड़े हो गए। ये देख स्थानीय किसानों में डर भर गया। मामले में दलीपसिंह ने बताया कि आज केमिकल पानी से खराब हुई फसलों का सर्वे किया जाएगा।

नहर के केमिकल युक्त पानी से लाल हुई खेतों की मिट्‌टी।
नहर के केमिकल युक्त पानी से लाल हुई खेतों की मिट्‌टी।

मिट्‌टी ने भी रंग बदला

इधर, खेतों में सप्लाई हुए पानी के कारण बहुत से खेतों की मिट्‌टी का रंग भी लाल हो गया है। मौके पर किसान कांतिलाल और शंभूलाल ने बताया कि पानी के सीपेज के कारण नहर के समीप लगे हैंडपंपों के पानी का स्वाद भी अब खराब हो गया है।

केमिकल पड़ने के बाद पत्थर कई टुकड़ों में बंट गया।
केमिकल पड़ने के बाद पत्थर कई टुकड़ों में बंट गया।

कंटेंट : हेमंत पंड्या (चिड़ियावासा)

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