हवा की ऊंचाई ज्यादा, लो प्रेशर नहीं बन रहा, इसलिए बांसवाड़ा सूखा
मानसून बांसवाड़ा में रूठा-रूठा सा है और बारिश का योग खंड-खंड है। अरब सागर से सक्रिय होने वाले मानसून की राजस्थान में एंट्री गुजरात के रास्ते बांसवाड़ा से होती है। एंट्री वागड़ के रास्ते हुई भी, लेकिन हमारे यहां नहीं बरसा। क्योंकि-इस बार हवा की ऊंचाई ज्यादा थी। स्पीड भी 50 किमी की रफ्तार से अधिक होने से नमी लेकर आई हवाएं यहां पहाड़ियों व पेड़ों के ऊपर से गुजर गई। यहां लो प्रेशर नहीं बना। इसलिए बांसवाड़ा में प्री मानसून के साथ मानसून की शुरुआत भी उमस भरी रही। जुलाई में बारिश का औसत 300 एमएम है।
इस हिसाब से अगर 4 दिन में कम से कम 40 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 2 दिन की बारिश में सिर्फ 8 एमएम पानी बरसा। वहीं, हवाओं के साथ बादल उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा तक पहुंचे, जहां लो प्रेशर बनने के चलते बारिश हुई। सोमवार को दिन का अधिकतम 36 डिग्री और न्यूनतम 27.4 डिग्री दर्ज किया गया। जिले में 1 जून से अभी तक कुल औसत 55.29 एमएम दर्ज की है। दानपुर में सबसे ज्यादा 42 एमएम बारिश दर्ज की गई। उसके अलावा सज्जनगढ़, बागीदौरा, जगपुरा में 4-4 एमएम, शेरगढ़, घाटोल में 2-2 एमएम और बांसवाड़ा शहर में 1 एमएम बारिश दर्ज की गई। सुंदनी में करीब 15 मिनट तक तेज बारिश हुई।
एक्सपर्ट : राधेश्याम शर्मा, निदेशक, मौसम विभाग जयपुर
गुजरात में अटका रहा मानसून, इसलिए देरी हुई, बांसवाड़ा में 5-6 जुलाई को लो प्रेशर बनने से सक्रिय होगा
{बांसवाड़ा में बारिश क्यों नहीं हो रही? - इस बार हवा की ऊंचाई ज्यादा है और लो प्रेशर नहीं बन पा रहा। इसलिए बादल तो आते हैं, लेकिन बिना बरसे चले जाते हैं। {मानसून में देरी क्यों हुई? - इस बार मानसून समय पर सक्रिय हुआ, लेकिन वह गुजरात में काफी समय पर अटका रहा। इसलिए बार-बार तारीख बदलती रही। राजस्थान में मानसून 2 जुलाई को सक्रिय हो सका। {प्री मानसून अौर मानसून के 2 दिनों में कितनी बारिश हुई? - 22 से 30 जून तक 100 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 25 एमएम बरसात ही हो सकी। जबकि मानसून की शुरुआत भी सूखी रही। सिर्फ 8 एमएम बारिश हुई। {आगे क्या रहेगा? - 5 या 6 जुलाई से बांसवाड़ा जिले में हवा का लो प्रेशर बनना शुरू हो जाएगा। इसके चलते मानसून एक्टिव होगा। मंगलवार से हल्की मेघगर्जना के साथ ही मध्यम और भारी बारिश की संभावना भी है।
1 जून से 4 जुलाई तक जिले में बारिश {1 जून से 4 जुलाई तक जिले में औसत 55.29 एमएम बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा दानपुर में 172 और 115 एमएम बारिश हुई है।
केंद्र बारिश
बांसवाड़ा - 50
केसरपुरा - 14
दानपुर - 172
घाटोल - 40
भूंगड़ा - 87
जगपुरा - 35
गढ़ी - 115
लोहारिया - 55
अरथूना - 09
बागीदौरा - 46
शेरगढ़ - 54
सल्लोपाट - 66
कुशलगढ़ - 19
सज्जनगढ़ - 12
(बारिश एमएम में)
774 - कुल बारिश
55.29 - औसत बारिश
...और सबसे बड़ा असर ढाई लाख हैक्टेयर में बुवाई प्रभावित
मानसून की दस्तक में इस बार 12 दिनों की देरी होने से जिले में ढाई लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल सीजन की बीज बुवाई प्रभावित है। 2 लाख 45 हजार 100 हैक्टेयर की तुलना में अब तक 10405 हैक्टेयर बुवाई हो चुकी है। मुख्य फसलों में मक्का 1060000 हैक्टेयर की तुलना में 4658 हैक्टेयर में बीज बुवाई हुई है। सोयाबीन 85000 हैक्टेयर की तुलना में 4155 हैक्टेयर, उड़द 8 हजार हैक्टेयर की तुलना में 15 हैक्टेयर, दालों की बुवाई 12 हजार हैक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 15 हैक्टेयर में ही हुई है। कपास की बुवाई 11000 हैक्टेयर लक्ष्य की तुलना में 1532 हैक्टेयर ही हुई है। वहीं अन्य फसलों की बुवाई दो हजार हैक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 25 हैक्टेयर में ही हुई है।