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10 लाख़ की घूस मामले में एईएन गुप्ता, एक्सईएन जैन, सीई मलिक जयपुर में एसीबी के हत्थे चढ़े, बामनिया की शिकायत पर 2019 एईएन गुप्ता में एपीओ

Banswara
10 लाख़ की घूस मामले में एईएन गुप्ता, एक्सईएन जैन, सीई मलिक जयपुर में एसीबी के हत्थे चढ़े,  बामनिया की शिकायत पर 2019 एईएन गुप्ता में एपीओ
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बांसवाड़ा/इंगरपुर पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर सुबोध कुमार मलिक को 10 लाख की रिश्वत देते पकड़े गए एनएच के एईएन अनंत गुप्ता और डूंगरपुर पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन जितेंद्र कुमार जैन की ओर से करवाए गए घटिया निर्माण कार्मों की शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं, लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने से कभी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। मिरफ्तार एक्सईएन जितेंद्र कुमार चीफ इंजीनियर सुबोध मलिक को 10 लाख रुपए रिश्वत इसलिए दे रहा था क्योंकि, उसने करोड़ों रुपए की लागत से स्वीकृत दोबड़ा आईटीआई भवन के मामले एक्सईएन को नोटिस जारी किया था। चीफ इंजीनियर ने भी नोटिस को रफा दफा करने की एवज में 10 लाख रुपए मांग लिए, लेकिन इस बार आपस का भ्रष्टाचार निपटाने का तरीका नहीं चल पाया और आरोपी चीफ इंजीनियर, एक्सईएन और एई्एन को एसीबी ने पकड़ लिया। दरअसल, एक्सईएन जैन को डूंगरपुर के दोवड़ा में करीब 5 करोड़ से भी अधिक लागत से बने आईटीआई भवन के मामले में नोटिस जारी हुआ था।

ITI में बजट से 40 लाख ज्यादा बताने पर डूंगरपुर XEN को मिला था नोटिस
एसीबी ने अभी यह नोटिस किस बात को लेकर जारी किया गया था यह स्पष्ट नहीं किया है लेकिन जानकारी सामने आ रहीं है कि भवन निर्माण में वर्क ऑर्डर से करीब 40 लाख रुपए राशि का ज्यादा भुगतान कर दिया था। यह मामला पिछले करीब डेढ़ दो माह से चल रहा था। पिछले दिनों विभागीय टीम जांच में भुगतान राशि के अंतर खुलासा हुआ था। जिस पर कमेटी ने विभागीय नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। जिले में नेशनल हाईवे 113 और 927 ए के निर्माण के वक्‍त एईएन गुप्ता विभाग में जिले में एक मात्र अधिकारी के तौर पर कार्यरत थे। गुप्ता की निगरानी में ही इन हाइबों का निर्माण हुआ। हाइवे 927ए पर कूपड़ा से लेकर बजवाना तक की सड़क 56 करोड़ में बनाई गई, जिसमें 6 करोड़ का ओवर ब्रिज भी शामिल है, जो फिलहाल पूरी तरह जर्जर और क्षतिग्रस्त हो चुका है। ऐसे में निर्माण के वक्त क्वालिटी टेस्टिंग और उसकी रिपोर्ट पर भी अब सवाल खड़े हो रहे है। यहीं नहीं नेशनल हाइवे 113 के निर्माण में भी गुप्ता पर अनियमतता के मामले सामने आए थे, जिसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक शिकायत पहुंची थी। इसमें प्रमुख रूप से भू माकियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए बाइपास में कई सारे बदलाव कर देने का मामला भी था। जिस पर मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने भी एईएन के खिलाफ शिकायत की थी।

पली के नाम से शुरू किया नक्शा बनाने का काम
अनंत गुप्ता ने न सिर्फ किभाग एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी में रहते भवन, सड़क और पुल के निर्माण का कार्य कराया, बल्कि उन्होंने साइड बिजनेस के तौर पर नक्शे और डीपीआर का काम भी शुरू किया था। पिछले कई सालों से श्री मैप हाउस का संचालन गुप्ता ने अपनी पत्नी बबिता गुप्ता के नाम से जुर किया । इसके माध्यम से युषता ने सरकारी और निजी कई बड़े नक्शे और बनाई। ये चर्चाएं भी अक्सर रही हैं कि गुप्ता ऑफिस टाइम में भी मैप हाउस जाकर काम करते थे।

सुबोध ही गुप्ता को प्रतापठद़ से बांसवाड़ा लाए थे : चीफ ईजनियर सुबोध कुमार साल 2014 से 2016 के बीच बांसवाड़ा में एनएच खंड में एक्सईएन रह चुके है। उसी दौरान एईएन अनंत गुप्ता प्रतापगढ़ में सेयुलर डिलिजन 15 कैप में कार्यरत थे लि बांसवाड़ा एनएच खंड न रहते हु अनोध कुमार ट्रांसफर करवाकर लाए थे। तब से दोनों अधिकारियों गहरी सांठगांठ थी।

चीफ इंजीनियर से मिलने डूंगरपुर से ट्रेन से जयपुर पहुंचे
एक दिन पहले ही गुप्ता ने जयपुर जाने की प्लानिंग बनाई थी। मंगलवार को विभाग में एक्सईएन वीरेंद्र शाह ने गुप्ता को कहा था कि दो-तीन दिन रुक कर एनएच 56 पर सागड़ोद चौराहे के ह कहने हुए, के निर्माण का काम पूरा करने को कहा था। जिस पर गुप्ता ने यह कहते हुए शाह की बात टाल दी थी कि उन्हें बुधवार को चीफ इंजीनियर सुबोध मलिक का अप्वाइंटमेंट मिला है, इसलिए बह रात को ही डूंगरपुर से ट्रेन से जयपुर जाएंगे। ऐसे में संभावना है कि रिश्वत देने वाले एक्सईएन जितेंद्र कुमार जैन और एईएन अनंत गुप्ता साथ में ही डूंगरपुर से ट्रेन जयपुर के लिए रवाना हुए थे।

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