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टीएडी के आवासीय स्कूलों में ओपन जिम के लिए 29 उपकरण टेंडर दोगुनी कीमत पर खरीदे, 12 टेंडर एक ही परिवार के नाम खुले

Banswara
टीएडी के आवासीय स्कूलों में ओपन जिम के लिए 29 उपकरण टेंडर दोगुनी कीमत पर खरीदे, 12 टेंडर एक ही परिवार के नाम खुले
@HelloBanswara - Banswara -

एक जैसी पुल चेयर के दो दाम, ओपन जिम के लिए एक फर्म ने 1 लाख तो दूसरी ने 34 हजार में सप्लाई की

विजवपाल डुडी 
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग में 13 आनासीय विद्यालयों में ओपन जिम इक्यूपमेंट खरीद में अधिकारियों की मिलीभगत से गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। प्रदेश में जनजाति विभाग के आवासीय विद्यालयों, मॉडल पब्लिक रेजिडेशियल विद्यालय व एकलव्य मॉडल रेजिडेशियल विद्यालयों में ओपन जिम स्थापित करने के लिए जनजाति आयुवत कार्यालय द्वाय 29 उपकरण निर्धारित कर प्रत्येक विद्यालयों को 9-9 लाख रुपए जारी किए।

कमीशन के स्त्रेल में उपकरण की स्क्‍रीद में अलग-अलग फर्मों ने अलग-अलग रेट पर सप्लाई की। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय भंडार ने पुल चेयर 1 लाख रुपए की दरों पर सप्लाई को, एके एंटर्राइनेज, एसएस एंटर प्राहजेज और राधे एसोसिएट फर्मों ने पुल चेयर 95,000 रुपए से ज्यादा की रेट पर सप्लाई की तो कहीं अर्ब॒दा एंट्साइजेज और सूमीस टेक्नोलॉजी नाम की 2 फर्मों ने वही पुल चेयर 34,000 में सप्लाई कर दी। दो-तीन गुना दरों पर आपूर्ति का यह खेल सिर्फ 1 उपकरण में नहीं, बल्कि लगभग सभी उपकरणों में किया गया। एक ही परिवार की 3 फर्मों एके एंटरप्रहजेज, एसएस एंटर प्रहमेज और राधे एसोसिएट को दोगुनी दरों पर 15 टेंडर में से 12 अलग-अलग आवासीय विद्यालयों में ओपन जिम इक्यूपमेंट खरीद के क्रयादेश जारी किया। अप्रैल 2023 में इन मामलों को लेकर विभाग को एक शिकम्यत मिलने के बाद विभाग ने जांच शुरू की। अधिकारियों व फर्मों की मिलीभगत की पोल खुलती देख इसके बाद इन तीनों फर्मों ने विभाग के टेंडरों में भाग ही नहीं लिया। इसके बाद 2 जगहों पर सामान खरीदा और दोनों में अलग-अलग फर्मों ने आधी दरों पर दी सप्लाई की गई।

बड़ी गड़बड़ी: आयुक्त की जगह उपनिदेशक ने कर दिया अनुमोदन

तत्कल्लीन अतिरिक्त आयुक्‍्त द्वितीय द्वारा इस सामान की खरीद के लिए जारी किए पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए कि निविदा में दी गई न्यूनतम का अनुमोदन आयुक्त कार्यालय करवाना आवश्यक है, लेकिन इन दोनों का अनुमोदन आयुकक्‍त द्वारा कभी किया ही नहीं गया। विभाग में शिक्षा प्रकोष्ठ का जिम्मा संभाल रहे तत्कालीन निदेशक सुदि सागर उपाध्याय झरा खुद ही फर्म द्वारा दोगुनी दरों का अनुमोदन कर दिया। अधिकईरेयों को मिलीभगत के चलते एक परिवार की 3 फर्मों को ही ये 12 टेंडर मिल गए, जबकि इसमें 2 'फर्मों के स्कलाफ साल 2018 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा मुकदमा भी दर्ज है।


# जांच चल रही है। इसकी जांच एल आयुक्त-2 कर रहे हैं। >ग्रभा गौतम, अतिरिक्त आयुक्त प्रथम टीएडी

# मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन शिक्षा विभाग तो मेडम प्रभा गौतम ही देखती हैं। -अनिल शर्मा अतिरिक्त आयुक्त-2

इन स्कूलों में हुई खरीद

राजकीय आवासीय विद्यालय खमेरा, बांसवाड़ा, राजकीय जनजाति आवासीय बालिका विद्यालय सागवाड़ा डूंगरपुर, राजकीय आवासीय विद्यालय झालरापाटन, राजकीय आवासीय जनजाति विद्यालय शाहबाद, बारां, जनजाति आवासीय विद्यालय परानीया बारां, रजकीय आवासीय जनजाति विद्यालय खुशयारा बाएं, आवासीय क्द्यालय कवाई बारां, राजकीय आवासीय जनजाति विद्यालय कोयला बारां, राजकीय आवासीय जनजाति विद्यालय रामगढ़ बारां, राजकीय जनजाति आवासीय बालक विद्यालय नयागांव, दौसा, राजकीय आवासीय विद्यालय सलूम्बर, उदयपुर, राजकीय आवासीय जनजाति विद्यालय किशनगंज, बारां, मॉडल पब्लिक रेजिडेंशियल स्कूल, ढीकली, उदयपुर एकलव्य मॉडल रेजिडेशियल स्कूल, प्रतापगढ़ और एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल कोटड़ा, उदयपुर में सप्लाई किया।

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