बुकी के आईपीएल में सट्टेबाज बोल्ड, क्योंकि लाइव और टीवी-एप पर दो गेंद का अंतर

बांसवाड़ा में एप के जरिये लगवा रहे 100 रुपए से लेकर लाखाें रुपए के दांव
बांसवाड़ा आईपीएल क्रिकेट मैच यूएई में हाे रहे हैं, लेकिन भारत में भी कराेड़ाें क्रिकेट प्रेमी इसके लाइव कवरेज का जमकर राेमांच उठा रहे है। दूसरी ओर ऑनलाइन सट्टेबाज इसी का फायदा उठाकर राेजाना लाखाें-कराेड़ाें कमा रहे है। इस अाॅनलाइन सट्टे के पूरे काराेबार काे बड़ी ही शातिर तरीके से चलाया जा रहा है। इन सट्टेबाजों के तार कितने बड़े स्तर पर फैले है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन मैचों पर एजेंटों के जरिये बांसवाड़ा में भी हर मैच पर लाखों रुपयों के दांव लगवाए जा रहे हैं। दरअसल, काेराेना की वजह से अब सट्टे का यह खेल भी हाइटेक हाे चुका है।
ज्यादातर सट्टा ऑनलाइन लगाया जा रहा है, जिसका भुगतान भी डिजिटल एप की मदद से किया जा रहा है। सूत्र बताते है कि यूएई में मैच का प्रसारण टीवी जाे हाेता है उसमें कुछ सैकंड की देरी हाेती है। जिसमें करीब दाे बाॅल का अंतर रहता है जबकि बुकी के पास हर बाॅल की लाइव अपडेट पहुंचती है। वहीं जिस एप के जरिये ग्राहकों से दांव लगवाए जाते है, उसकी स्क्रीन पर मैच का अपडेट दाे से तीन बाॅल देरी से चलता है। इसी देरी का बुकी अपने हिसाब से रेट तय करने में फायदा उठाते हैं। ग्राहक इसे लाइव कवरेज मानकर दांव लगाता अाैर हारता जाता है। हर मैच में लाखाें लाेगाें से एेसे ही लाखाें रुपए एंठे जा रहे हैं। यहां बता दे कि लाइव कवरेज के समय में अंतर से ग्राहकों के साथ ठगी का यह दावा हम नहीं बल्कि इसके शिकार हो चुके कई युवाआंे ने किया।
पुलिस अाैर ग्राहकाें की नजराें से दूर बैठे बुकी बांसवाड़ा में कई एजेंटों के जरिये सट्टा काराेबार चला रहे हैं। इस अाॅनलाइन सट्टे में बांसवाड़ा के कई युवा फंसकर लाखाें रुपए का नुकसान उठा चुके हैं लेकिन बदनामी के डर से चुप्पी साध रखी है। अाॅनलाइन सट्टे में 70 हजार रुपए हार चुके एक युवक ने बताया कि पहले एप पर अा रहे स्काेर पर ही भराेसा करके दांव लगाया अाैर हार गया। सूत्राें के अनुसार में अाईपीएल के हर मैच में बांसवाड़ा में ही 50 लाख से भी ज्यादा का अाॅनलाइन सट्टा लगाया जा रहा है। पुराने शहर के कुछ इलाकों में एजेंट भी सक्रिय है जाे ग्राहक तलाशकर दांव लगवाते है। ग्राहक एजेंटाें काे रुपए देकर दांव लगाते है जितने या हारने पर एजेंट ही लेनदेन करता है। एजेंट काे इसके बदले 3 फीसदी तक का कमीशन दिया जाता है। बुकी से ग्राहकाें का सीधा काेई संपर्क नहीं हाेता। अाॅनलाइन सट्टे का यह खेल इतनी शातिर तरीके से चलाया जा रहा है कि बुकी काैन है, कहां बैठकर इसे अाॅपरेट कर रहे है इसका ग्राहक काे पता तक नहीं चल पाता। सटोरियों की ओर से 100 रुपए से लेकर लाखों तक के दांव लगाए जा रहे है। इनके एक पैसे का मतलब 100 रुपए होता है। इनकी फोन पर बातें भी इन्हीं कोड वर्ड में हाेती हैं। एप पर जिन दाेनाें टीमों के बीच मैच हाेना हाेता है उनकी रेट पहले से स्क्रीन पर दी हुई हाेती है। जिस पर जिस टीम की रेट कम दी हुई हाेती है उस पर अगर दांव लगाने पर ज्यादा मुनाफा दिया जाता है। इतना ही नहीं, ग्राहक काे लाइव मैच की कमेंट्री तक मिलती है जिस पर वह चाहे ताे मैच के बीच में भी दूसरी टीम पर दांव लगा सकता है जिसे स्थानीय भाषा में पलटा कहते है।