उपराष्ट्रपति का बांसवाड़ा दौरा: स्टूडेंट्स-स्टाफ से संवाद में बोले- मैं केंद्रीय मंत्री था सोने की चिड़िया कहने वाला देश का सोना गिरवी रखने के लिए स्विटजरलैंड भेजा था
![उपराष्ट्रपति का बांसवाड़ा दौरा: स्टूडेंट्स-स्टाफ से संवाद में बोले- मैं केंद्रीय मंत्री था सोने की चिड़िया कहने वाला देश का सोना गिरवी रखने के लिए स्विटजरलैंड भेजा था](/imz/SR47oaadqCltpmfTYmP3lkVwMt24187SR47oaadqCltpmfTYmP3lkVwMt-23121080813.jpg)
![उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड मंदिर में दर्शन करते हुए। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/09/img3063_1702108199.jpeg)
उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड शनिवार को एक दिन के दौरे पर पत्नी के साथ बांसवाड़ा पहुंचे। दोपहर करीब 12.30 बजे उपराष्ट्रपति तलवाड़ा हवाई पट्टी पहुंचे। जहां जिला प्रशासन की ओर से स्वागत किया गया। इसके बाद सड़क मार्ग से त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंचे। करीब 20 मिनट पूजा अर्चना के बाद सड़क मार्ग से ही गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय पहुंचे। कुलपति प्रो केशवसिंह ठाकुर से स्वागत किया और एनसीसी कैडेट्स की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद धनकड़ ने स्टूडेंट्स के साथ लंच किया।
![संबोधित करते उपराष्ट्रपति और मंचासीन सांसद और कुलपति।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/09/2b6c41db-77d5-477e-99c4-0651312b7c9c_1702122238.jpeg)
देश का सोना स्वीटजरलैंड में गिरवी रखा था- धनकड़
उपराष्ट्रपति ने संबोधन में कहा कि मैं 1989 को कभी नहीं भूलूंगा जब मैं केंद्रीय मंत्री था सोने की चिड़िया कहने वाला देश का सोना हवाई जहाज से गिरवी रखने के लिए स्विटजरलैंड भेजा गया। दो बैंक में वहां गिरवी रखा ताकि हमारी साख बच पाए। आज हम कहां होते अंदाज लगाएंगे तब विदेशी मुद्रा रिजर्व एक से दो अरब के बीच झूल रहा था सरकार का हिसा था हमारी नींद उड़ी हुई थी। आज हमारा विदेशी मुद्रा 600 अरब अमेरिकी डॉलर है। आज से दस साल पहले भारत की गिनती दुनिया की उन अर्थव्यवस्था में की जाती थी जो दुर्बल थी। हमें नाजुक हिस्से का हिस्सा समझा गया। हम अब बड़ी उड़ान देख रहे हैं।
![स्मृति चिह्न भेंट करते कुलपति।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/09/img3083_1702122323.jpeg)
विश्वविद्यालय के बच्चों को संसद आने का न्यौता
उपराष्ट्रपति ने ggtu के स्टूडेंट्स से कहा कि वो 50-50 के बैच में दिल्ली आए उन्हें वहां की संसद का भ्रमण कराऊंगा। इसके लिए मैं अपने सचिवालय के अधिकारी को कहता हूं कि वो कुलपति के संपर्क करे। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि स्टूडेंट्स को राष्ट्रपति भवन भी दिखाएंगे।
![गार्ड ऑफ़ ऑनर लेते उपराष्ट्रपति।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/09/img3067_1702123484.jpeg)
-भारत के प्रधानमंत्री ने जी 20 के दौरान एक बहुत बड़ा कदम उठाया। और जिन देशों में ट्राइबल पॉपुलेशन ठीक ठाक है, उन देशों को एक शब्दावली से बताया जाता है ग्लोबल साउथ, उनके संगठन को एक आवाज दी है। इतनी बड़ी ताकत दी है कि उनकी आवाज सर्वोपरि होने जा रही है। वो देश आज दुनिया के मेजर जीडीपी कंपोनेंट के वो देश है। इंक्लूजन ऑफ अफ्रीकन कंट्री इन जी 20 यह एक ऐतिहासिक निर्णय हुआ है।
![त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन करने के बाद पत्नी के साथ उप राष्ट्रपति।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/09/img3086_1702124244.jpeg)
-बांसवाड़ा की इस भूमि से बताना चाहता हूं महिला आरक्षण होरिजेंटल और वर्टिकल है।इसमें यह भी निश्चित किया जाएगा एसटी और एस सी की महिलाओं को भी इसी नियम के तहत आरक्षण मिलेगा। जुलाई 2022 में देश में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला जब एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को भारत का राष्ट्रपति चुना गया। उन्होंने आगे कहा कि संविधान निर्माताओं की आत्मा को यह देख कर कितना सुकून मिला होगा जब एक आदिवासी समाज से आने वाली महिला को भारत का प्रथम नागरिक चुना गया।
![स्कूल बैंड बजाते उपराष्ट्रपति और पत्नी।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/09/img3087_1702127002.jpeg)
- शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने जो इतना बड़ा करिश्मा करके दिखाया उसका आधार शिक्षा ही था। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि विद्यार्थी शिक्षा को एक ऐसा माध्यम बनाएं, एक ऐसा सकारात्मक हथियार बनाएं कि वे स्वयं उस बदलाव का केंद्र बन सकें जो बदलाव वे देखना चाहते हैं। समाज में समानता लाने के लिए शिक्षा सबसे सशक्त माध्यम है इसीलिए मैं आप सबसे आह्वान करता हूं आप शिक्षा पर पूरा जोर दीजिए पूरी लगन से शिक्षा प्राप्त कीजिए, कभी तनाव मत रखिए, कोई टेंशन मत लीजिए।
-अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमने 23 अगस्त 2023 को यह घोषणा की कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा क्योंकि भारत वह पहला देश है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को उतारा है। यह सिर्फ अकेला देश है ऐसा करने वाला जिसने इतिहास रच दिया है। अब वहां शिव शक्ति पॉइंट भी है और तिरंगा पॉइंट भी है, और यह सारी उपलब्धियां वैज्ञानिकों की मेहनत की बदौलत हैं, आज अमेरिका, यूके, सिंगापुर और कई विकसित देशों के सैटेलाइट हमारा इसरो अंतरिक्ष में भेजता है।उन्होंने कहा कि आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा। आपके पास सीखने के लिए तकनीकी है। कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी है जिन पर चर्चा करते हैं तो लगता है दुनिया कितनी जल्दी बदल रही है क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, के बारे में पता लगाइए क्या ह? हमारा देश इस क्षेत्र में काम कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी आगे जा चुके हैं। उपराष्ट्रपति ने छात्रों से टेक्नोलॉजी से जुड़ने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने ट्राईबल पापुलेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ट्राईबल पापुलेशन हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। उपराष्ट्रपति ने छात्रों को भारतीय संसद देखने के लिए आमंत्रित किया।अंत में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए। भारत का हित सर्वोपरि है, भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है, हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए। इस अवसर पर बांसवाड़ा के सांसद कनकमल कटारा, ट्राइबल यूनिवर्सिटी के कुलपति, प्रो के एस ठाकुर, विश्विद्यालय के शिक्षक, बड़ी संख्या में छात्र तथा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।