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यूपी सरकार ने रद्द किए सरकारी कर्मचारियों के सभी भत्ते, बचेंगे 1500 करोड़ रुपये

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यूपी सरकार ने रद्द किए सरकारी कर्मचारियों के सभी भत्ते, बचेंगे 1500 करोड़ रुपये
@HelloBanswara - National -

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना वायरस के चलते सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले सभी तरह के भत्तों पर एक साल के लिए रोक लगा दी है. यह भत्ते कर्मचारियों के अलावा शिक्षकों को भी वेतन में मिलते थे. सरकार के इस कदम से पूरे साल में करीब 1500 करोड़ रुपये की राशि बचेगी.

प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने बताया कि राज्य कैबिनेट ने इस बारे में निर्णय लिया, जिसके बाद सोमवार को सर्कुलर भेजा गया. इसके बाद मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी हुआ है. कोरोना महामारी के चलते सरकार के राजस्व पर काफी बड़ा असर पड़ा है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है.

जारी हुए चार अलग-अलग आदेश - अधिकारी ने बताया कि भत्तों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से चार अलग-अलग आदेश जारी हुए हैं. इनमें से एक भत्ता पीएफ खाते के रखरखाव के लिए मिलता था. सरकार ने महंगाई भत्ता और महंगाई राहत भत्ता जो कि सभी कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनभोगियों को मिलता था, उस पर एक जनवरी 2020 से लेकर के 30 जून, 2021 तक रोक लगा दी है. अकेले इस भत्ते को रोकने से सरकार को कुल 10,500 करोड़ रुपये की बचत होगी. 

इसके अलावा संयुक्त सचिव और विशेष सचिव जैसे अधिकारियों को एक प्रमोशनल भत्ता मिलता था, जो सभी विभागों में ई-गवर्नेस बढ़ाने के लिए दिया जाता था. अब इस भत्ते पर भी पूरे सचिवालय में रोक लगा दी गई है. इसके अलावा शहरी भत्ता (सीसीए), सचिवालय भत्ता; सीबी-सीआईडी, भ्रष्टाचार निरोधक संगठन, आर्थिक अपराध ब्यूरो, सतर्कता विभाग, सुरक्षा और विशेष जांच ब्यूरो, जूनियर इंजीनियर्स  को मिलने वाला विशेष भत्ता, शोध भत्ता पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग और अभिसूचना विभाग में मिलने वाले डिजाइन भत्ता और आदेश भत्ते पर भी रोक लगा दी गई है |

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