उदयपुर : बर्ड फ्लू के संबंध में विभागों की बैठक में विशेषज्ञ बोले "पोल्ट्री उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित, आमजन को डरने की जरूरत नहीं"
उदयपुर. कलेक्टर चेतन देवड़ा के निर्देशानुसार बर्ड फ्लू के संभावित रोग प्रकोप की स्थिति पर चर्चा, एहतियाती आवश्यक कदम उठाने और संबंधित विभागों में समन्वय स्थापित करने के साथ ही रोग के प्रति जनजागरूकता पैदा करने पर विस्तृत चर्चा के लिए विभागीय अधिकारियों की एक आवश्यक बैठक गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई।
कलेक्टर की अपील-पक्षियों की असामान्य मृत्यु पर सूचना दें : कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि आमजन को फिलहाल बर्ड फ्लू से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। जिले में अब तक अस्वाभाविक अथवा बहुतायत में पक्षियों के मरने के मामले सामने नहीं आए हैं। राजस्थान में पहली बार बर्ड फ्लू के मामले सामने आए है परन्तु उदयपुर जिला फिलहाल बर्ड फ्लू से सुरक्षित है। आमजन से अपील है कि इक्का-दुक्का पक्षियों की मृत्यु पर भयभीत न हो, इक्का-दुक्का मृत्यु सामान्य हैै। अस्वाभाविक और ज्यादा संख्या में पक्षियों के मरने की सूचना हो तो तुरन्त पशुपालन विभाग के कन्ट्रोल रूम पर दें।
संबंधित विभाग सतर्कता बरतें : बैठक को संबोधित करते हुए एडीएम ओपी बुनकर ने कहा कि फिलहाल उदयपुर सुरक्षित है तथापि सभी संबंधित विभाग सतर्कता बरतें और एहतियाती उपाय अपनाते हुए सूचना तंत्र सुदृढ़ बनाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य को देखते हुए लोगों में जो भय व्याप्त है, उसे दूर करने के लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही पोल्ट्री फॉर्म को लेकर जो भ्रम फैला हुआ है, इसके प्रति भी आमजन को जागरूक करना होगा।
आमजन के लिए यह सुझाव दिए गए : बैठक दौरान पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.भूपेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि किसी भी स्थान पर एक साथ बहुत अधिक पक्षियों के मरने की कोई घटना सामने आती है तो ऐसी स्थिति में मरे हुए पक्षियों को छूने अथवा उनके पास जाने का प्रयास न करें और इस संबंध में तुरंत पशुपालन विभाग के नियंत्रण कक्ष को सूचित करे। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पोल्ट्री फॉर्म से लाए गये उत्पाद को कच्चे सेवन न कर उन्हें पकाकर ही खाएं। इसी प्रकार बडे़ पोल्ट्री फार्मर्स बजूका या स्केयर क्रो फार्म मंे लगाकर जंगली पक्षियों को पोल्ट्री से दूर रखने के उपाय करें। साथ ही बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मर्स पोल्ट्री को खुले मे रखने के स्थान पर दडबों मंे रखे जिससे कि वे जंगली पक्षियों के सम्पर्क में ना आए।
संक्रमण के लक्षण व बचाव की दी जानकारी : इस दौरान भारद्वाज ने पॉवर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से इस संक्रमण के लक्षण, बचाव एवं उपयोगी सुझावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और विभाग द्वारा की गई तैयारियों के संबंध में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह रोग पक्षियों से पक्षियों में फैलता है और संक्रमित प़क्षी के संपर्क में आने वाले मनुष्य को भी यह रोग हो सकता है, लेकिन एक संक्रमित मनुष्य से दूसरे मनुष्य में इसका संक्रमण नहीं होता है। इस बैठक में जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू, नगर निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ, सूचना एवं जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा एसीएफ (वन्यजीव) चंद्रपालसिंह चौहान, पशुपालन विभाग के डॉ. सी.एस. भटनागर, डॉ. शक्ति सिंह, डॉ. ओम.प्रकाश साहु मौजूद रहे।