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एक युवक की मौत की दो अलग-अलग तारीख, रजिस्टर में भी कांट-छांट की गई; पुष्टि के दिए आदेश

Banswara
एक युवक की मौत की दो अलग-अलग तारीख, रजिस्टर में भी कांट-छांट की गई; पुष्टि के दिए आदेश
@HelloBanswara - Banswara -

एक व्यक्ति की मौत के बाद बीमा क्लेम को लेकर किए दावे के बाद उसकी मृत्यु की तारीख संदेह के घेरे में है। एमजी अस्पताल के मृत्यु प्रमाण पत्र अनुसार मौत 22 मार्च 2015 को हुई तो वहीं आंगनवाड़ी के रजिस्टर में 22 मार्च 2016 अंकित है। इस रजिस्टर में भी कांट-छांट की गई है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने प्रार्थी पक्ष को मौत की तारीख की पुष्टि करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, काकरा, सालिया निवासी संतु पत्नी नबु चरपोटा ने 24 अप्रैल 2017 में दायर परिवाद में बताया कि उसके पति नबु चरपोटा ने बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में लाइफ इंश्योरेंस के लिए अप्लाई किया था।

कंपनी द्वारा दस्तावेज की जांच कर 10 दिसंबर 2015 को 8 लाख रुपए की बीमा पॉलीसी जारी की थी। संतु का कहना है कि 22 मार्च 2016 को उसके पति की करंट लगने से मौत हो गई थी। प्रार्थी की ओर से कंपनी में बीमा क्लेम करने पर कंपनी की ओर से दिए जवाब में बताया कि पॉलिसी 18 अगस्त 2016 को शून्य घोषित कर प्रीमियम की राशि लौटा दी है। कंपनी का कहना था कि प्रार्थी के पति की मौत पॉलिसी जारी करने से पहले हो गई थी और प्रार्थी द्वारा एजेंट के साथ मिलकर धोखाधड़ी से मौत के बाद पॉलिसी कराई थी। सुनवाई में पाया कि प्रार्थी द्वारा पेश किए एमजी अस्पताल के मृत्यु प्रमाण पत्र में 22 मार्च 2016 अंकित है, जबकि आंगनवाड़ी के मृत्यु रजिस्टर में कांट छांट कर 22 मार्च 2015 को 22 मार्च 2016 करना प्रतीत हो रहा है। आयोग ने आदेश किया कि प्रार्थी द्वारा पति की मौत को लेकर पेश किए दस्तावेजों में अंतर्विरोध व संदेह की स्थिति होने से प्रार्थिया कोर्ट से अपने पति की मौत की वास्तविक तिथि की पुष्टि कराए।

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