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5 दिन में 39% वैक्सीनेशन, उदयपुरा बड़ा में 200 में से 5 ने लगवाया टीका

Banswara
5 दिन में 39% वैक्सीनेशन, उदयपुरा बड़ा में 200 में से 5 ने लगवाया टीका
@HelloBanswara - Banswara -

गनाेड़ा के आमलीओटा और गुंदी वाली रेड़ गांव में शनिवार काे काेराेना टीकाकरण के लिए पहुंची टीम काे निराश लाैटना पड़ा। दाेनाें ही गांवाें में महज 5 लाेगाें ने ही टीके ही लगवाए। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। ग्रामीण क्षेत्राें में टीके काे लेकर कई भ्रांतियां हैं। स्थिति यह है कि टीम काे देखकर ग्रामीण दरवाजें तक बंद कर रहे है। इसका असर टीकाकरण के लक्ष्य पर भी साफ नजर आ रहा है। जून के पांच दिनों में लक्ष्य के मुकाबले महज 39 फीसदी लाेगाें ने ही टीके लगवाए हैं। हालत ताे यह है कि ग्रामीणाें काे समझाने के लिए बीएलओ, आशा सहयाेगिनी और एएनएम घर-घर जाकर हाथाजाेड़ी कर समझा रही है। कई जगह वैक्सीनेशन सेंटर पर दिन भर टीम लाेगाें का इंतजार करती है लेकिन इक्का-दूक्का व्यक्ति ही टीका लगवाने पहुंचते है। कुशलगढ़ क्षेत्र में ताे टीका लगवाने गई टीम के साथ गालीगलाेच तक हाे चुकी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने कई ग्रामीण इलाकाें में टीकाकरण करवाना भी चुनाैतीभरा हाे चुका है। हालांकि, सरपंच और कुछ स्थानीय ग्रामीणाें की मदद से लाेगाें काे समझाने के प्रयास भी किए जा रहे है। एएनएम भारती व्यास बताती है कि ग्रामीणाें में कई तरह की भ्रांतियां हैं। लाेग हमें देखकर दरवाजें बंद कर देते हैं। कइयाें में भ्रांति है कि शहर का और ग्रामीण क्षेत्र का टीका अलग-अलग है। शहर वालाें काे अच्छा टीका लगवाते हैं जबकि ग्रामीणाें काे दूसरा टीका लगा रहे हैं।


गनोड़ा. आमली ओटा एवं गुंदी वाली रेड़ में जब चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग की टीम गांव में पहुंची तब टीम को देखकर लोगों ने पहले से ही अपने मकानों के दरवाजे बंद कर लिए। इतना ही नहीं लोग आगे का दरवाजा बंद कर के पीछे के दरवाजे से खेतों की ओर भाग गए। टीका लगाने के लिए पहुंची टीम ने लोगों को बार-बार समझाया लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक भी बात नहीं समझी। लाख समझाने के बाद भी टीके लगवाने के लिए राजी नहीं हुए। किसी घर में यदि कोई पुरुष टीका लगवाने के लिए तैयार हो जाता तो उसकी पत्नी विरोध करती तथा कहीं पर पत्नी टीका लगवाने के लिए तैयार होती तो पति उसको डांट फटकार का टीका नहीं लगवाने दे रहा था। टीम दोपहर की भरी गर्मी में घर-घर जाकर संपर्क कर रही थी लेकिन लोग टीम से डरकर दरवाजे बंद कर खेतों की ओर भाग रहे थे।


लोगों में डर, टीम से कहते हैं टीका लगने से हम मर जाएंगे
ग्रामीण क्षेत्रों में लोग टीका लगवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। आमली ओटा के रमेश डिंडोर, सुखलाल, मंजु, वालजी, गलाब, धना आदि टीम को देखकर घर से भाग गए। गांव के रहने वाले जीवणा को टीका लगाने के लिए टीम खेतों में भी गई लेकिन जीवणा ने साफ मना कर दिया और कहा कि टीका लगाने से वह बीमार हो जाएगा इस वजह से वह टीका नहीं लगवा रहा। ग्रामीणों में टीका लगने से मौत होने का भय है।


1 से 5 जून तक की स्थिति
तारीख लक्ष्य प्राप्ति फीसदी
2 जून 3760 1409 37.47
3 जून 5090 2965 58.25
4 जून 10680 3942 36.91
5 जून 8900 27ं63 31.04
पहली बार शहर में एक भी संक्रमित नहीं, जिले में पांच
दूसरी लहर में पहली बार शनिवार काे शहर में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया। एमजी अस्पताल की काेराेना जांच लैब से 976 लाेगाें की रिपाेर्ट जारी की गई। जिसमें से 5 संक्रमित मिले। शहर से संक्रमण का एक भी केस नहीं मिला। शहर से करीब 175 से 200 लाेगाें की जांच की गई थी। रिपाेर्ट के मुताबिक सालिया सियापुर, पीपलखूंट, डूंगरिया, बाेरी और सेमलिया से एक-एक संक्रमित मिला है।
गनोड़ा. आमली ओटा गांव में समझाती मेडिकल टीम, लेकिन लोग दरवाजा तक नहीं खोल रहे।
भास्कर अपील... दरवाजे खाेलें, टीके से नहीं कोरोना से डरिए
नरवाली में 200 टीके दिए, सिर्फ 11 ने लगवाए : विभाग की ओर से शनिवार काे 8900 टीकाकरण का लक्ष्य तय किया था जिसके मुकाबले 2763 टीके ही लग पाए। स्थिति यह रही कि सीएचसी नरवाली काे 200 टीके दिए गए थे लेकिन महज 11 लाेग ही टीका लगवाने पहुंचे। इसी तरह पीएचसी खाेड़न में 100 टीकाकरण के लक्ष्य के मुकाबले 10 टीके ही लग पाए। गढ़ी सीएचसी पर 100 के मुकाबले 10, उदयपुरा बड़ा सब सेंटर पर 200 के मुकाबले 5, धंकू में 200 के मुकाबले 16, नाना भुकिया में 200 के मुकालबे 15 लाेगाें का ही टीकाकरण हाे पाया।

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