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25 साल पुराने चंदन वृक्ष को काट ले गए चोर :​​​​​​​ डायलाब तालाब की पाल पर देर रात वारदात, 20 फीट ऊंचा था पेड़

Banswara
25 साल पुराने चंदन वृक्ष को काट ले गए चोर :​​​​​​​ डायलाब तालाब की पाल पर देर रात वारदात, 20 फीट ऊंचा था पेड़
@HelloBanswara - Banswara -

25 साल पुराने चंदन के पेड़ को चोर केवल 25 मिनट से भी कम समय में काट ले गए। डायलाब तालाब की पाल पर हनुमान मंदिर के समीप ये पेड़ करीब 20 फीट ऊंचा था। इसके तने वाला करीब 8 से 10 फीट हिस्सा चोर साथ ले गए। वहीं बाकी की शाखाएं और ऊपरी हिस्सा वहीं छोड़ गए। मिले साक्ष्य बताते हैं कि चोरों की गैंग इस तरह की वारदात में एक्सपर्ट है। पेड़ काटने के लिए यहां किसी आधुनिक आरी का उपयोग हुआ है। डायलाब हनुमान मंदिर में अब तक 10 से ज्यादा बार चोरियां हो चुकी हैं, लेकिन चंदन चोरी की यह पहली वारदात है। मामला कोतवाली थाने का है।

चंदन की इन शाखाओं को अनुपयोगी मानते हुए चोर यहीं छोड़ गए।
चंदन की इन शाखाओं को अनुपयोगी मानते हुए चोर यहीं छोड़ गए।

मंदिर के पुजारी हितेश जोशी ने बताया कि रात साढ़े 8 बजे वह मंदिर के पट बंद कर गए थे। इसके बाद किसी समय में चोरों ने चंदन वृक्ष काटा है। जोशी करीब 40 साल से मंदिर के मूल पुजारी के तौर पर सेवाएं देते आए हैं। उनका कहना है कि वर्ष 1997 के करीब उनके यहां पर सपा नाम का चौकीदार काम करता था। उसने यहां पर दो चंदन के पेड़ लगाए थे। एक उसी समय सूख गया, जबकि दूसरा ये पेड़ पनप गया था। सुबह मंदिर दर्शन को आए भक्तों को चोरी का पता चला। लेकिन, सुबह 11 बजे तक भी पुलिस इस पूरे मामले को लेकर अनजान बनी रही।

हनुमान मंदिर के सटे चंदन वृक्ष का आरी से काटा गया तना और बाकी का हिस्सा।
हनुमान मंदिर के सटे चंदन वृक्ष का आरी से काटा गया तना और बाकी का हिस्सा।

वनविभाग के परिसर मेंं 10 बार चंदन काटे

बांसवाड़ा में चंदन के पेड़ चोरी करने का सिलसिला कई सालों पुराना है। वर्ष 2007 और उसके बाद करीब 10 ऐसे मौके आए हैं, जब चोरों ने इस तरह की वारदात की। खास तो ये है कि खास तरह के ये चोर दाहोद रोड पर वनविभाग के DFO कार्यालय परिसर से सटे बांसवाड़ा रेंज कार्यालय के पीछे इस तरह की वारदात करते रहे हैं। लेकिन, चंदन चोरों को पकड़ने में पुलिस को कभी भी सफलता हाथ नहीं लगी।
500 मीटर दूर तक ले गए थे दानपेटी
डायलाब मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक सर्राफ ने बताया कि मंदिर की सुरक्षा को लेकर पहले मजबूत और महंगे ताले लगाए जाते थे, लेकिन 10 से ज्यादा बार हुई चोरियों की वारदात के बाद मंदिर में सामान्य ताला ही लगाते हैं। मंदिर के रामदरबार में घुसे चोर एक बार पहले यहां करीब 4 क्विंटल वजनी दानपात्र को 500 मीटर दूर तक उठा ले गए थे। उस समय दानपात्र को बनाने की कीमत 7 हजार थी, जबकि उसे दुरस्त कराने में 5 हजार रुपए लग गए थे।
रात का गश्त पोइंट

​​​​​​​डायलाब मंदिर यूं तो कोतवाली थाने की सीमा है, लेकिन यहां की गश्त व्यवस्था हाउसिंग बोर्ड चौकी के अधीन है। चौकी में वर्तमान में एक SI, ASI और एक ही जवान सेवाएं दे रहे हैं। रात को इस हाउसिंग बोर्ड चौकी इलाके में गश्त के लिए पुलिस लाइन से 12 जवान मिलते हैं। इन जवानों को डायलाब तालाब, माही सरोवर नगर, पुष्पा नगर, भारत नगर, हाउसिंग बोर्ड, न्यू हाउसिंग बोर्ड, अक्षर धाम, बालाजी नगर, तिरुपति नगर सहित अन्य इलाकों में गश्त करनी होती है। रात के समय जयपुर हाइवे के इस मंदिर पर अधिकांश मौकों पर पुलिस के जवान मिल जाते हैं, लेकिन बीती रात यहां गश्त करने वाले जवानों की गैरमौजूदगी के बीच वारदात हुई।

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