सरपंच ने जीवित प्रमाण पत्र जारी किया कि यहीं ईश्वर है
खरपेड़ा निवासी ईश्वर मनात को. जूनागढ़ से अपने घर लौटे ढाई माह से अधिक का समय पूरा हो गया है, लेकिन परिवारजन इसके जेल में बंद दोनों भाइयों के गांव आने का इंतजार कर रहे हैं। जब ईश्वर जीवित होकर गांव लौटा तो हर कोई चौंक गया। ग्राम पंचायत की सरपंच ने हस्ताक्षर सात पत्र जारी कर इसके जीवित की तस्दीक की। इसके बाद वह पत्र उसके परिवार जन को सुपुर्द कर दिया। ग्राम पंचायत की सरपंच मनीषा कटारा व रमण कटारा का कहना है कि गुजरात पुलिस की जांच में ईश्वर को मृत घोषित किया है। ईश्वर जीवित है। मजदूरी करने बाहर गया था। कोरोना महामारी होने के कारण वह घर लौट नहीं सका। अब गांव में ही मौजूद है। जीवित प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया है। अब पुलिस डीएनए टेस्ट का इंतजार कर रही है। सरपंच काकहना है कि गुजरात पुलिस गांव में कई बार आई। हर बार यहीं कहती कि ईश्वर कहा है, उसे पुलिस के सामने पेश करो। परिजन कहते हैं कि ईश्वर मनात के गांव आने की सूचना जब अखबार के माध्यम से सामने आई तो गुजरात पुलिस खरपेड़ा गांव के सरपंच के पास भी जानकारी लेने के लिए कई बार हनी सरपंच ने यही कहा कि ईश्वर है। इसके बाद भी प्रकाश व पारस नहीं छूट पा रहे है।
इस मामले में थाने की कोई पक नह रहे, इसलिए कर रहे जांच गुजरात पुलिस के आला अधिकारी ने कार्य के प्रति गंभीर लापरवाही बरतने पर तत्कालीन थाना प्रभारी आरएस ताबियाड को निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। इसके स्थान पर पीएसआई रोहित कुमार को नए थानाधिकारी के रूप में प्रभार दे दिया है। वहीं इस मामले की जांच से ईसरी थाने को दूर रखा गया है। गांव के सरपंच के भी बयान लिए गए है।