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4 राज्यों को दिया मानगढ़ धाम का भविष्य : PM मोदी बोले: रोडमैप तैयार करें, एक मंच पर PM और 3 CM

Banswara
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मानगढ़ धाम के सभा स्थल पर कार्यक्रम के बाद मंचासीन लोगों से व्यक्तिगत मिलते हुए PM मोदी। मौजूद तीन राज्यों के सीएम।

10 साल बाद PM नरेंद्र मोदी के मानगढ़ धाम पहंुचने के साथ ही 1500 आदिवासियों की शहादत स्थली को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिए जाने की अटकलों को विराम मिल गया। पीएम मोदी ने मानगढ़ धाम की नई तस्वीर बनाने के लिए चार राज्य (राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र) को जिम्मेदारी सौंपी। कहा कि चारों राज्य विस्तृत चर्चा करें। रोडमैप तैयार करें। ताकि गोविंद गुरु के स्थल की भी दुनिया में नई पहचान बनें। वह विश्वास दिलाते हैं कि जितना जल्दी, जितना ज्यादा क्षेत्र निर्धारित करेंगे। सब मिलकर और भारत सरकार के नेतृत्व में इस क्षेत्र को और विकास कर सकते हैं। भारत सरकार और इन राज्यों के आदिवासी समाज का सीधा संबंध है। मंच पर इससे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, मध्यप्रदेश के CM शिवराज पाटिल, गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल और राजस्थान के CM अशोक गहलोत के अलावा MP के राज्यपाल मंगू पटेल सहित कुल 12 जने PM की सभा में मंच पर थे। बता दें कि गुजरात के CM रहते हुए पीएम मोदी मानगढ़ धाम पर गुजरात साइड वाले हिस्से में आए थे।

मानगढ़ के मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी।
मानगढ़ के मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी।

आदिवासियों के बलिदान का ऋणी है देश
पीएम मोदी ने कहा कि देश आदिवासी समाज के बलिदानों का ऋणी है। प्रकृति से लेकर पर्यावरण तक, संस्कृति से लेकर परंपराओं को आदिवासी ने सहेजा है। समय है कि देश इस ऋण और योगदान के लिए आदिवासी समाज की सेवा कर उनका धन्यवाद करे। बीते 8 साल से यही भावना हमारे प्रयासों को ऊर्जा देती रहती है। कुछ ही दिनों बाद 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। आज देशभर में विशेष म्युजियम बनाए जा रहे हैं। जिस भव्य विरासत से हमारी पीढ़ियां वंचित थी, वह अब उनकी सोच का हिस्सा बनेगी। राजस्थान और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और ओडिशा तक विविधता से भरे आदिवासी समाज के लिए देश स्पष्ट विचार के साथ काम कर रहा है।

बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज से व्यक्तिगत मिलते हुए पीएम मोदी।
बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज से व्यक्तिगत मिलते हुए पीएम मोदी।

राजस्थान काे मिलेगी टूरिज्म लाभ
पीएम ने कहा कि बीती शाम ही उन्हें अहमदाबाद से उदयपुर ब्रॉडगेज पर चलने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का मौका मिला। कुल 300 KM लंबी रेल लाइन का ब्रॉडगेज में बदलना राजस्थान के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। इस परिवर्तन से राजस्थान और गुजरात के आदिवासी क्षेत्र आपस में जुड़ जांएगे। इसका फायदा राजस्थान के टूरिज्म को होगा। इस कार्यक्रम के बाद वह जामूगोड़ा जा रहे हैं, जहां गोविंद गुरु के नाम पर बनी यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक कैंपस का लोकार्पण करुंगा।

पीएम के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भीड़ जुटी। यहां करीब 10 लोगों के हाथों में तिरंगा था, जिसे वह बार-बार हवा में लहराते देखे गए।
पीएम के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भीड़ जुटी। यहां करीब 10 लोगों के हाथों में तिरंगा था, जिसे वह बार-बार हवा में लहराते देखे गए।

लोक नेता थो गोविंद गुरु
गोविंद गुरु किसी रियासत के राजा नहीं थे। वह लाखों आदिवासियों के नायक थे। उन्होंने जीवन में परिवार खोया, लेकिन हौंसला नहीं खोने दिया। उन्होंने हर आदिवासी, कमजोर, गरीब भारतवासी को परिवार बनाया। गोविंद गुरु ने आदिवासी समाज के शोषण के खिलाफ अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंका तो अपने समाज की बुराइयों के प्रति भी लड़ाई लड़ी थी। उनकी धूणी के रूप में आज भी वह मानगढ़ धाम में प्रज्ज्वलित है। मोदी ने कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ, वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता का पराकाष्ठा थी। भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता। हमारी आजादी की लड़ाई भी आदिवासी वीरता से भरी पड़ी है। 1857 की क्रांति से पहले आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था।

मंच को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत।
मंच को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत।

CM गहलोत की दो बातें : राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा और बांसवाड़ा के लिए रेल
CM गहलोत ने कहा कि मानगढ़ धाम पर प्रधानमंत्री पधारे हैं। हर जगह आजादी की जंग में आदिवासियों का बड़ा योगदान था। महाराणा प्रताप का शौर्य मेवाड़ की पहचान है, जिस तरह देश जालियांवाला बाग हत्याकांड को जानता है। वैसे ही मानगढ़ धाम की पहचान बनें। इसके अलावा वर्ष 2011 के प्रोजेक्ट की बात कहते हुए गहलो ने प्रधानमंत्री से रतलाम से बांसवाड़ा के रूके हुए रेल प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने की मांग की थी। लेकिन, PM की ओर से रेल के मुद्दे पर कोई जवाब नहीं मिला।
यूं पहुंचे मंच पर

  • 10.57 बजे CM शिवराजसिंह व राज्यपाल मंगू पटेल सभा स्थल पहुंचे।
  • 10.58 बजे CM भूपेंद्र पटेल मंच पर पहुंचे।
  • 10.59 बजे PM मोदी सभा स्थल के मंच पर आए। पीछे से CM गहलोत मंच पर पहुंचे।
  • इससे पहले 10.23 बजे सेना सहित 3 हैलीकॉप्टर से PM हैलीपेड पर पहुंचे।
  • आते ही PM सीधे गोविंद गुरु की धूणी में पहुंचे। वहां से गुजरात सीमा के स्मृति वन को देखने गए।
  • मंच पर PM मोदी की लेफ्ट साइड पर गुजरात और मध्यप्रदेश के CM थे। वहीं राइड साइड पर CM गहलोत बैठे।

इतनी देर के रहे भाषण

  • केंद्रीय मंत्री मेघवाल का मंच पर 7 मिनट का भाषण हुआ।
  • मंचासीन आदिवासी कल्याण कार्य से जुड़े महेश शर्मा ने 8 मिनट मंच पर बोला।
  • CM शिवराजसिंह का 7 मिनट का संबोधन।
  • गुजरात के CM पटेल केवल 7 मिनट बोले।
  • सबसे ज्यादा CM गहलोत मंच पर 10 मिनट तक बोले।
  • PM मोदी का उद़्बोधन 14 मिनट का रहा।
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