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जंगल से भोजन पानी की तलाश में निकला था शावक:मां से बिछड़ा डेढ़ माह का पैंथर शावक कुत्तों के डर से पेड़ पर चढा, बचाया

Dungarpur
जंगल से भोजन पानी की तलाश में निकला था शावक:मां से बिछड़ा डेढ़ माह का पैंथर शावक कुत्तों के डर से पेड़ पर चढा, बचाया
@HelloBanswara - Dungarpur -

दरियाटी

लिखतिया नाका के जंगल से भोजन पानी की तलाश में बुधवार सुबह अंधेरे में निकला पैंथर का डेढ़ माह का शावक अपनी मां से बिछुड़ गया। शावक के पीछे कुत्ते पड़ गए ताे वह डर से एक पेड़ पर चढ़ गया। ग्रामीणों ने जब इस शावक को पेड़ पर देखा तो वन विभाग कर्मचारियों को घटना से अवगत कराया।

वन कार्मिकों ने मौके पर पहुंचकर पेड़ के चारों ओर ग्रीन नेट की झोली बनाते हुए शावक को सुरक्षित नीचे उतारा। रात के अंधेर में शावक को लिखतिया के जंगल में निगरानी के बीच छोड़ा जाएगा। अगर उसकी मां उसे लेने नहीं आती है तो शावक को वापस वन चौकी लाकर रखा जाएगा।

डीएफओ सुपांग शशि ने बताया कि लिखतिया गांव निवासी जीवा डामोर जो कि पोस्टमैन है, सुबह जंगल के लिखतिया के जंगल से गुजर रहा था। एक स्थान पर काफी संख्या में कुत्ते एक पेड़ के नीचे भौंक रहे थे। जीवा डामोर ने पास जाकर देखा तो पेड़ पर पैंथर का बच्चा चढ़ा हुआ था। जीवा ने तत्काल गांव के पूर्व सरंपच नारायणलाल डामोर को घटना से अवगत कराया और कुत्तों को वहां से भगाया। पूर्व सरपंच ने इसकी सूचना वन विभाग की चौकी घाटा नाका व कुंआ थाना पुलिस को दी।

थोड़ी देर बाद वन कर्मचारी व पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे। गांव वालों की भीड़ एकत्रित हो गई थी। वन विभाग कर्मचारियों ने शावक को पेड़ से सुरक्षित उतारने के लिए पेड़ के चारो ओर ग्रीन नेट जमीन से चार-पांच फीट ऊंचाई रखते हुए हाथों के सहारे फैलाया, जिससे शावक अगर नीचे गिरे तो उसे चोट न आए।

एएसीएफ प्रशांत गर्ग ने बताया कि शावक की उम्र महज डेढ़ माह से दो माह की होने से काफी नाजुक है। शावक को पेड़ सुरक्षित उतारने में वन विभाग की टीम से गजेंद्र यादव वनपाल, राकेश पाटीदार वन रक्षक, शैलैष पाटीदार, वन रक्षक रामसिंह मीणा, वनरक्षक हरजी तथा कुआं थाने से हैडकास्टेबल पंकज लबाना व जीप चालक गजेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे।

हाथ नहीं लगा सकते शावक को, ऐसा होने पर मां हमेशा के लिए छोड़ जाती है, जान को खतरा

सागवाड़ा रेंजर फजले रफी ने बताया कि पैंथर, बिल्ली, शेर, चीता एक ऐसी प्रजाति के जानवर है कि अगर इनका दूध पीने वाले बच्चों को अगर कोई इंसान हाथ लगा देता है तो उनकी मां इनको हमेशा के लिए छोड़कर चली जाती है। ऐसे में बच्चा छोटा होने के कारण शिकार कर नहीं सकता है, मां दूध नहीं पिलाती है, तो बच्चा मर जाता है।

लिखतिया के जंगल में पेड़ से नीचे उतारा गया पैंथर शावक के मामले में इसका बहुत ध्यान रखा गया कि शावक को किसी भी इंसान का हाथ नहीं लग जाए। शावक को पेड़ से नीचे उतारने के बाद ग्रीन नेट में ही लपेटकर पिंजरे में रखा गया है।

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