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शहर का वार्ड, नंबर तो एक है, लेकिन मूलभुत सुविधाओं के मामले में यह फिसड्‌डी

Banswara
शहर का वार्ड, नंबर तो एक है, लेकिन मूलभुत सुविधाओं के मामले में यह फिसड्‌डी
@HelloBanswara - Banswara -

शहर का वार्ड नम्बर एक। इसका नम्बर ताे एक है, लेकिन मूलभुत सुविधाओं के मामले में यह िफसड्डी है। यहां सड़क, साफ-सफाई, रोड लाइटें गांवाें से भी बदत्तर हालात में हैं। वार्ड में शामिल भारत नगर और पुष्पा नगर के लोग परेशान हैं। काॅलाेनी डवलप हुई तब काॅलाेनाइजर ने सड़कें बनाई नहीं। वहीं अब नगर परिषद में इनकी सुनवाई नहीं हाे रही। यहां के निवासी वार्ड समस्याओं के समाधान के लिए नगर परिषद और प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन एक भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।

बांसवाड़ा. वार्ड एक में कच्ची सड़क पर पसरा घरों से निकला गंदा पानी।


भास्कर के रविवार को हुए रूबरू कार्यक्रम में भी काॅलाेनी की सबसे अधिक समस्याएं सामने आई, जहां लाेगाें ने यहां तक आराेप लगा दिए कि नगर परिषद भी वार्ड के विकास में राजनीतिक ताैर पर उपेक्षा कर रही है। समस्याओं काे अनसुना किया जा रहा है। इस पर भास्कर ने अगले दाे दिन काॅलाेनी में समस्याओं की पड़ताल की ताे सही मायनाें में यहां के लाेगाें काे मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।


पक्की सड़कें नहीं, नालियाें का गंदा पानी सड़काें पर फैल रहा : भारत नगर और पुष्पा नगर के हालात एेसे हैं कि यहां रहना ताे दूर इस काॅलाेनी में प्रवेश करना भी मुश्किल हाे जाता है। क्याेंकि मुख्य मार्ग पर ही 10-12 फीट तक के चाैड़े गड्ढे पड़ गए हैं, जिनमें नालियाें का गंदा पानी पसरा है। कई दिनाें से पानी जमा हाेने के कारण इसकी बदबू काॅलाेनी में फैल जाती है और मच्छराें से परेशान हैं। यहां अब तक एक भी बार पक्की सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। हालांकि रूबरू में उठी समस्या के बाद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने काॅलाेनी की सड़काें पर पहले डब्ल्यूपीएम डालकर राहत देने का आश्वासन दिया। यह काम जल्द ही शुरू हाे जाएगा। लाेगाें का कहना है कि सड़क कच्ची हाेने और पानी फैलने के कारण वाहन यहां कीचड़ और मिट्टी में धंस जाते हैं।


मवेशियाें के कारण बच्चाें काे बाहर निकालने पर खतरा : कलावती पंचाल ने बताया कि वार्ड में सामान्य सुविधाएं नहीं हैं। पूरे वार्ड में मवेशियाें का दिनभर जमावड़ा लगा रहता है। इस कारण बच्चे और बुजुर्ग का घर से बाहर निकलना मुश्किल हाे जाता है। शाम के समय बच्चे घराें के बाहर भी खेल नहीं सकते। खेलने जाएं ताे मवेशियाें के हमलाें का डर रहता है। वहीं बुजुर्ग भी शाम के समय घर के बाहर बैठ नहीं सकते। पूर्व में डाॅग बाइट और मवेशियाें के हमलाें का लाेग शिकार हुए हैं।
वार्ड से नहीं हाे पाता कचरा निस्तारण, कार्मिक मांगते हैं रुपए : केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर से कचरा संग्रहण का प्रावधान है। वार्ड में कचरा निस्तारण की भी काेई व्यवस्था नहीं है। नगर परिषद कि ओर से घर-घर कचरा निस्तारण के लिए जो वाहन आता है उसके कर्मचारी आए दिन झगड़ा करते हैं व पैसे मांगते हैं। पैसे नहीं देने पर कचरा उठाने वाली गाड़ी भी नहीं आती है। कॉलोनीवासियों का आरोप है कि स्थानीय पार्षद हेमंत राणा को भी कईं बार समस्याओं से अवगत कराया गया लेकिन निस्तारण नहीं हुआ।


रात में सुरक्षा भगवान भराेसे, चाेराें का रहता है डर


पुलिस कि ओर से गश्त की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण डर हमेशा रहता है। इसके लिए भी कई बार पुलिस प्रशासन और नगर परिषद में समस्या का समाधान मांगा, लेकिन उसके बाद भी पुलिस गश्त नहीं है। कहीं किसी काम से बाहर जाना हाेताे रात के समय घर काे सुना नहीं छाेड़ सकते। -दर्शा आचार्य स्थानीय निवासी
नालियों के अभाव में सड़क पर बहता गंदा पानी।

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