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प्रशासन और नगर परिषद की टीम को जिन दुकानों पर चाइनीज मांझे नहीं मिले, वही से 800 रुपए रोल के हिसाब से खरीदे

Banswara
प्रशासन और नगर परिषद की टीम को जिन दुकानों पर चाइनीज मांझे नहीं मिले, वही से 800 रुपए रोल के हिसाब से खरीदे
@HelloBanswara - Banswara -

दिखावे के लिए लगाए चाइनीज मांझा नहीं मिलने का बोर्ड : कई दुकानदारों ने महज दिखावे के लिए दुकानों के बाहर चाइनीज मांझा नहीं बेचने के बोर्ड लगा रखे थे। लेकिन इसकी आड़ में कुछ दुकानदार टेबल के नीचे पक्के धागे बेचते नजर आए। कुछ दुकानदारों ने दिखावे के लिए कॉटन, बरेली मांझा बाहर लटकाए रखे।

भास्कर रिपोर्ट

प्रियंक भट्‌ट/चिराग द्विवेदी / नीतेश भावसार |बांसवाड़ा
परिंदों की जान का दुश्मन और आमजन को जख्मी कर देने वाला चायनीज मांझा प्रशासन और नगर परिषद के तमाम दावों को दबावों के बावजूद धड़ल्ले से बिका। चायनीज धागे पर प्रतिबंध हर बार की तरह इस बार भी महज कागजों और प्रशासन के प्रेस नोट में ही सिमटकर रह गया। क्योंकि, नीचले स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी और कार्मिकों ने भी हर बार की तरह इस बार भी औपचारिकता कर ईतिश्री कर ली।
यहीं वजह है कि चायनीज मांझा नहीं बिके इसलिए नगर परिषद, प्रशासन और पुलिस की गाड़ियां तो घुमती दिखी लेकिन खुलेआम बिक रहे यह जानलेवा मांझा इन जिम्मेदारों को नजर नहीं आया। इनकी आंखें खोलने के लिए भास्कर ने उन दुकानों से चायनीज मांझे खरीदे, जहां इन तीन दिनों पहले परिषद और प्रशासन की टीमें जांच के नाम पर खानापूर्ति कर लौट आई।

टेबल के नीचे से निकाल चाइनीज मांझे की कई फिरकी सामने रखी
गांधी मूर्ति क्षेत्र में एक पतंग विक्रेता के पास भास्कर संवाददाता खरीदार बनकर गया। जहां दुकानदार से जब संवाददाता ने कहा कि उसे चायनीज मांझा चाहिए तो पहले तो दुकानदार ने इनकार कर दिया। लेकिन, जब संवाददाता ने कहा कि रेट कोई भी देने की बात कही तो दुकानदार ने टेबल के नीचे से एक साथ तीन चायनीज मांझे का रोल रख दिए। यहां पर संवाददाता ने 500 रुपए में एक रोल खरीदा।

जहां पुलिस की जीप खड़ी थी, उसी के सामने चाइनीज मांझा बिक रहा था
बांसवाड़ा. शहर के पाला राेड पर चाइनीज मांझे के खिलाफ कार्रवाई करने निकली पुलिस।

चंद्रपोल दरवाजे के पास 400 रुपए में मशीन से खुलेआम खाली फिरकी में लपेटकर दिया
इसी क्षेत्र में चंद्रपोल दरवाजे के पास लगी एक दुकान पर संवाददाता गया। जहां चायनीज मांझा मांगने पर नीले रंग का चाइनीज मांझे का रोल निकालकर दिखाया। दुकानदार ने 900 रुपए कीमत बताई। इस पर संवाददाता ने आधा रोल देने के लिए कहा तो दुकानदार ने वहां टेबल पर लगी मशीन पर एक खाली फिरकी में आधा मांझा लपेटकर दे दी। यहां दुकानदार पूरी तरह बेखौफ नजर आया।
दुकान में चाइनीज मांझा भरते हुए व्यापारी।

बेचने वालों से पूछा, डर नहीं लगता, बोले- सब सेटिंग है
गांधी मूर्ति पर ही एक व्यापारी से जब संवाददाता ने चाइनीज मांझा है ये पूछने पर उसने निकालकर ही बता दिया। इस पर पूछा कि कार्रवाई का डर नहीं लगाता। इस पर व्यापारी ने हंसते हुए कहा कि, सब चलता है। आप को जो पसंद है खरीद लो।

आप निभाएं जिम्मेदारी
तमाम दावों के उलट बाजार में चाइनीज मांझा बिका। लेकिन अब जिम्मेदारी हम सभी की है। सबसे पहले तो यह कि हम प्रण ले कि चाइनीज मांझा नहीं उड़ाएंगे। दूसरा, यह कि अगर आज कोई पक्षी धागे से घायल हो जाए तो उसे ट्रीटमेंट सेंटर तक पहुंचाएंगेे।

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