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बिना स्वीकृति अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से निकाला 1.88 करोड़ के सरिए खरीद का टेंडर

Banswara
बिना स्वीकृति अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से निकाला 1.88 करोड़ के सरिए खरीद का टेंडर
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भास्कर

मी लॉर्ड देखिए... जहां न्याय होना है, उसी बिल्डिंग को कैसे बेईमानी से बना रहे अफसर

11 जनवरी छुट्‌टी के दिन सुबह 9 बजे टेंडर निकालने और 13 जनवरी सोमवार सुबह 10 बजे से पहले जमा कराने की तारीख।

पवन त्रिवेदी|बांसवाड़ा

जिला मुख्यालय पर निर्माणाधीन नए अदालत परिसर भवन के निर्माण में पीडब्ल्यूडी के अघिकारियों ने करीब दाे कराेड़ रुपए के टेंडर गुपचुप तरीके से निकाल दिए। इसकी भनक भास्कर काे लगी ताे अानन-फानन में उक्त निविदा काे ही निरस्त कर िदया। पंचायत चुनावाें में अधिकारियों व अामजन की व्यस्तता की अाड़ में अपने चहेते ठेकेदाराें के जरिए यह फर्जीवाड़ा किया जाना था। इसके लिए एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, खंड बांसवाड़ा ने 11 जनवरी, दूसरे शनिवार के अवकाश के दिन सुबह 9 बजे एक आनॅलाइन निविदा का प्रकाशन िकया। 12 जनवरी को रविवार का अवकाश था। 13 जनवरी काे सुबह 10 बजे तक निविदाएंं जमा कराने की अंतिम समय सीमा रख दी, ताकि कोई दूसरा टेंडर नहीं भर पाए। वहीं 14 जनवरी काे यह निविदाएं खाेली जानी थी। मतलब की यह पूरा खेल चार दिनाें में सिमट जाना था। इसमें बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर निर्माणाधीन जिला अदालत एवं अधीनस्थ अदालतों के अतिरिक्त कार्य के लिए 1 कराेड़ 88 लाख रुपए के सरिए के खरीद की निविदा राशि दर्शाई गई थी। जबकि जिला अदालत परिसर व भवन निर्माण के लिए करीब दाे वर्ष पूर्व 18 कराेड़ 88 लाख रुपए की जाे निविदाएंं खुली थी, उक्त कार्य के अलावा किसी भी तरह के नए निर्माण की काेई स्वीकृति नहीं अाई। न ही विभाग ने शॉर्ट टर्म टेंडर की स्वीकृति जारी की। इसके बावजूद स्थानीय अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही 1 कराेड़ 88 लाख रुपए के अतिरिक्त सरिए की अावश्यकता बताते हुए निविदांए आमंत्रित कर दी। नियमानुसार चलते हुए कार्य के बीच यदि किसी तरह के अतिरिक्त सामान की अावश्यकता यदि पड़ भी जाए ताे स्थानीय कार्यालय काे प्रस्ताव बना एडिशनल चीफ इंजीनियर अाॅफिस काे भिजवाना हाेता है। वहां से भी यह अन्य स्तर पर जांच के लिए भेजा जाता है। कई स्तराें पर जांच के बाद स्वीकृत हाेने के बाद ही उक्त निविदाएंं आमंत्रित की जा सकती है। उसके लिए भी पर्याप्त समय दिया जाना अावश्यक है। लेकिन दाे दिन पूर्व प्रकाशित निविदा में इन सारे नियमों की अनदेखी कर दी गई। इतनी बड़ी राशि की शॉर्ट टर्म निविदाएंं एक्सईएन ने अपने स्तर पर ही आमंत्रित कर ली। जिसका उन्हें अधिकार ही नहीं था। सेामवार काे जब पीडब्ल्यूडी अाॅफिस में एक्सइएन गजेंद्र लाेढ़ा से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया ताे पता चला कि वे मीटिंग में जयपुर गए हैं। उनके कार्यालय से बताया गया कि उक्त निविदा एक दिन पूर्व 12 जनवरी रविवार काे निरस्त कर दी गई है। इस संबंध में अधिक जानकारी एक्सइएन ही दे पाएंगे। देर शाम एक्सइएन गजेंद्र लाेढ़ा से फाेन पर बात हुई ताे उन्होंने स्वयं के अधिकारियों के साथ मीटिंग में व्यस्त हाेने का हवाला देते हुए इस संबंध में सिटी, एइएन से बात करने काे कहा।
 
जिला मुख्यालय पर निर्माणाधीन नए अदालत परिसर भवन के निर्माण में पीडब्ल्यूडी के अघिकारियों ने करीब दाे कराेड़ रुपए के टेंडर गुपचुप तरीके से निकाल दिए। इसकी भनक भास्कर काे लगी ताे अानन-फानन में उक्त निविदा काे ही निरस्त कर िदया। पंचायत चुनावाें में अधिकारियों व अामजन की व्यस्तता की अाड़ में अपने चहेते ठेकेदाराें के जरिए यह फर्जीवाड़ा किया जाना था। इसके लिए एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, खंड बांसवाड़ा ने 11 जनवरी, दूसरे शनिवार के अवकाश के दिन सुबह 9 बजे एक आनॅलाइन निविदा का प्रकाशन िकया। 12 जनवरी को रविवार का अवकाश था। 13 जनवरी काे सुबह 10 बजे तक निविदाएंं जमा कराने की अंतिम समय सीमा रख दी, ताकि कोई दूसरा टेंडर नहीं भर पाए। वहीं 14 जनवरी काे यह निविदाएं खाेली जानी थी। मतलब की यह पूरा खेल चार दिनाें में सिमट जाना था। इसमें बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर निर्माणाधीन जिला अदालत एवं अधीनस्थ अदालतों के अतिरिक्त कार्य के लिए 1 कराेड़ 88 लाख रुपए के सरिए के खरीद की निविदा राशि दर्शाई गई थी। जबकि जिला अदालत परिसर व भवन निर्माण के लिए करीब दाे वर्ष पूर्व 18 कराेड़ 88 लाख रुपए की जाे निविदाएंं खुली थी, उक्त कार्य के अलावा किसी भी तरह के नए निर्माण की काेई स्वीकृति नहीं अाई। न ही विभाग ने शॉर्ट टर्म टेंडर की स्वीकृति जारी की। इसके बावजूद स्थानीय अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही 1 कराेड़ 88 लाख रुपए के अतिरिक्त सरिए की अावश्यकता बताते हुए निविदांए आमंत्रित कर दी। नियमानुसार चलते हुए कार्य के बीच यदि किसी तरह के अतिरिक्त सामान की अावश्यकता यदि पड़ भी जाए ताे स्थानीय कार्यालय काे प्रस्ताव बना एडिशनल चीफ इंजीनियर अाॅफिस काे भिजवाना हाेता है। वहां से भी यह अन्य स्तर पर जांच के लिए भेजा जाता है। कई स्तराें पर जांच के बाद स्वीकृत हाेने के बाद ही उक्त निविदाएंं आमंत्रित की जा सकती है। उसके लिए भी पर्याप्त समय दिया जाना अावश्यक है। लेकिन दाे दिन पूर्व प्रकाशित निविदा में इन सारे नियमों की अनदेखी कर दी गई। इतनी बड़ी राशि की शॉर्ट टर्म निविदाएंं एक्सईएन ने अपने स्तर पर ही आमंत्रित कर ली। जिसका उन्हें अधिकार ही नहीं था। सेामवार काे जब पीडब्ल्यूडी अाॅफिस में एक्सइएन गजेंद्र लाेढ़ा से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया ताे पता चला कि वे मीटिंग में जयपुर गए हैं। उनके कार्यालय से बताया गया कि उक्त निविदा एक दिन पूर्व 12 जनवरी रविवार काे निरस्त कर दी गई है। इस संबंध में अधिक जानकारी एक्सइएन ही दे पाएंगे। देर शाम एक्सइएन गजेंद्र लाेढ़ा से फाेन पर बात हुई ताे उन्होंने स्वयं के अधिकारियों के साथ मीटिंग में व्यस्त हाेने का हवाला देते हुए इस संबंध में सिटी, एइएन से बात करने काे कहा।
दूसरी बार सरिये खरीदने के लिए 1.88 करोड़ टेंडर राश

पीडब्ल्यूडी एसई से चाहिए इन सवालों का जवाब
अदालत परिसर में भवन निर्माण के लिए दाे वर्ष पूर्व जारी निविदा के अलावा जब काेई नया काम नहीं, नई स्वीकृति नहीं ताे यह खरीद कैसी?
पूर्व में निविदा में जाे सरिया बताया गया वह कहां गया?
अचानक इतनी भारी मात्रा में अतिरिक्त सरिए की जरूरत कैसे पड़ गई?
इसके लिए विभागीय प्रक्रिया अपनाते हुए डिएविएशन के लिए क्याें नहीं लिखा?
इतनी जल्दबाजी में सरिए की खरीद के लिए टेंडर क्याें आमंत्रित किए गए।
सवाल करते ही निविदाएंं क्याें निरस्त कर दी?

सिटी एईएन ने पूछा-आपके पास जानकारी कहां से आई
पीडब्ल्यूडी के सिटी एईएन अनिल अार. जाेशी से जब इस संबंध में पूछा गया ताे उन्होंने बताया कि जिला अदालत परिसर में किसी अतिरिक्त निर्माण की काेई स्वीकृति नहीं अाई है। जब उन्हें निविदा की प्रति वाट्सएप पर प्रेषित कर जानकारी मांगी गई ताे उनका कहना था कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं। यह मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर का है। वे ही इस संबंध में अधिक जानकारी देने की बजाय यह जानना चाह रहे थे कि अापके पास यह जानकारी कहां से अाई। अापकाे किसने प्रेषित की।
 

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