भाई को बचाने बहन ने डाेनेट की किडनी
आज रक्षा बंधन है। भाई-बहन के प्यार के इस त्योहार पर रक्षासूत्र बांधने पर यूं ताे भाई बहन की रक्षा का वचन देता है, लेकिन गढ़ी उपखंड के साकरिया गांव में एक बहन ने अपने भाई की जिंदगी बचा ली। सकरिया के डायालाल की दाेनाें ही किडनियां खराब हाे गई थी। लंबे इलाज के बाद डॉक्टरों ने परिजनों काे कह दिया था कि जल्द ट्रांसप्लांट नहीं हुआ ताे डाया लाल अब और जिंदा नहीं रहेगा। ऐसे में उसकी बहन आशा देवी ने फैसला लिया कि वह किडनी डोनेट करेगी और ताकि उसका भाई फिर से दुनिया के साथ दाैड़ सके। दरअसल, डायालाल काे गत वर्ष दिसंबर में खांसी की समस्या हुई। इस पर वह परतापुर अस्पताल में बताने गए, कुछ इलाज लिया, लेकिन फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद डाया लाल गुजरात के हिम्मतनगर में 16 दिन तक भर्ती रहा। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उसके फेफड़ों में पानी घुस गया है। जिसका लंबा इलाज चला। इस बीच उसकी तबीयत और बिगड़ती गई। इसे देखते हुए डॉक्टरों ने डायालाल काे अहमदाबाद रैफर कर दिया। जहां लंबे इलाज के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। इस पर डॉक्टरों ने घर ले जाकर सेवा करने काे कहा। या फिर डायालाल के बेटे कपिल और उसकी बुआ आशा देवी ही किडनी डोनेट करे ताे डाया लाल की जिंदगी बच सकती है। इस पर आशा देवी ने किडनी डोनेट की। बुधवार काे उनका ऑपरेशन हुआ। आशा देवी ने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा उनके पति सुरेश चंद्र सुथार से मिली। आशा के दाे बेटे और एक बेटी है।