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शहर में सख्त कार्रवाई से पसरा सन्नाटा, पुलिस अधिकारी का बेटा बताया तो धर लिया वाहन

Banswara
शहर में सख्त कार्रवाई से पसरा सन्नाटा, पुलिस अधिकारी का बेटा बताया तो धर लिया वाहन
@HelloBanswara - Banswara -
अरे वो गया...पकड़ो उसे जाने न पाए...कहने के बाद भी तुमको समझ नहीं आया...बात क्या करनी है इनसे... क्यों घूम रहे हैं सड़कों पर...कहां नौकरी है इसकी...कुछ नहीं! बस जब्त करो वाहन। कमांडिंग ऑफिसर की ऐसी ही आवाजों ने सोमवार दोपहर को शहर के चौराहों पर पुलिस जवानों की सुस्ती को तोड़ दिया।

आक्रामक हुए जवानों ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह तो एक-एक कर दुपहिया और चौपहिया वाहनों को धरते गए। एक छोर पर खड़े पुलिस अधिकारी चालान भरते दिखे। लॉकडाउन में सभी चौराहों पर पुलिस की ऐसी सख्ती शायद ही पहली बार रही होगी।

सख्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चौराहे पर खुद को पुलिस अधिकारी का बेटा बताकर वाहन ले जाने की फिराक में दिखे नौजवान की एक नहीं चली। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के इशारे पर जवानों ने वाहन जब्त कर कोतवाली पहुंचा दिया।

मोहन कॉलोनी चौराहे पर एक घंटे में पुलिस ने ऐसे ही 14 चौपहिया और 27 दुपहिया जब्त किए। खास तो यह रहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर अब तक एहतियात बरत रहे एएसपी पहली बार वाहन चालकों के सामने जाकर उन्हें रोकते दिखे। महाराणा प्रताप सर्किल और कस्टम इलाके में भी आरपीएस अधिकारी वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने रहे। शहर की बात करें तो दोपहर डेढ़ बजे तक यहां करीब 20 चौपहिया और 49 दुपहिया जब्त किए जा चुके हैं।

शहर में नाकेबंदी के दौरान पुलिस अधिकारी महिला को परिचय-पत्र बताता युवक।
शहर में नाकेबंदी के दौरान पुलिस अधिकारी महिला को परिचय-पत्र बताता युवक।

शायद एसपी हुए नाराज
सभी चौराहों पर एक समय में एक साथ ऐसी सख्ती को लेकर अटकलों का बाजार गरम रहा। पुलिस के ही खबरियों की मानें तो सुबह के समय जिला पुलिस अधीक्षक ने सड़कों पर नियमित वाहनों के दबाव को लेकर अधीनस्थ सभी अधिकारियों को चेताया था। इसके बाद का नतीजा है कि 11 बजे तक लॉकडाउन अवधि में छूट से पहले ही पुलिस अधिकारी सड़कों पर डट गए। मोहन कॉलोनी चौराहा एएसपी कैलाश सांदू के हिस्से में आया तो महाराणा प्रताप सर्किल पर डिप्टी एसपी गजेंद्रसिंह राव, कस्टम चौराहे पर आरपीएस (प्रोबेशनरी) जेठूसिंह खुद वाहन चालकों को कायदे बताते रहे। शहर के भीतरी इलाकों की कमान कोतवाल मोतीराम सारण ने संभाले रखी। खाटू श्याम मंदिर और नए बस स्टैंड पर लाइन के पुलिस अधिकारी डटे।

कार्रवाई में पुलिस अधिकारी के बेटे का पकड़ा गया वाहन।
कार्रवाई में पुलिस अधिकारी के बेटे का पकड़ा गया वाहन।

अपना-पराया कोई नहीं
मोहन कॉलोनी चौराहे पर एएसपी सांदू की मौजूदगी में पुलिस स्टीकर लगा हुआ चौपहिया यहां से गुजरा। जवान वाहन देखकर एक ओर हुए तो स्वयं एएसपी ने चालक को रोका। वाहन संचालक युवा ने खुद को पुलिस अधिकारी का बेटा बताकर हमेशा की तरह नाकेबंदी पार करने की कोशिश की। तभी एएसपी ने जवानों को वाहन जब्त करने के आदेश दिए। युवा पैदल हो गया और पुलिस वाहन को लेकर कोतवाली पहुंच गई। एक अन्य वाहन में लोग खुद को पंजाब नेशनल बैंक का स्टाफ बताते दिखे, लेकिन रियायत के बावजूद उनसे चालान वसूली की गई। एएसपी सांदू ने बताया कि किसी एक को छोड़ना मतलब दूसरों को मौका देना है।
आधे घंटे पहले खाली सब्जी मंडी
शहर काेतवाल के हाथ में घूमता हुए डंडे ने भी गजब किया। लॉकडाउन में 11 बजे तक ढील अवधि से पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। इस बीच आजाद चौक, पाला सब्जी मंडी, नई आबादी इलाके में खरीदारों तो दूर सब्जी विक्रेता भी मौके से बचते दिखे। आलम यह था कि हमेशा भीड़ से अटे रहने वाले इस इलाके में सुबह 10.30 बजे ही सन्नाटा पसर गया। उधर, आरपीएस राव और सिंह के तीखे तेवर भी वाहन सवारों में चर्चा का विषय बने रहे।
दुपहिया के पीछे दौड़ी पुलिस
दोपहर में वाहनों की संख्या में कमी आने के साथ कुछ दुपहिया सवार नाकाबंदी तक जा पहुंचे। कार्रवाई से बेखबर युवाओं ने बीमारी का बहाना बनाया तो किसी ने अस्पताल जाने की जरूरत बताई। तभी दूर बैठे अधिकारी ने वाहन जब्त करने का इशारा किया। यह देख कुछ वाहन चालक मौके से भागने के जतन करते दिखे, लेकिन ऐसे लोगों को पीछाकर पुलिस ने दबोच लिया। ज्यादा बोलने वाले दुपहिया सवार का 24 घंटे के लिए वाहन जब्त हुआ तो जिसने जुबान बंद रखी उसे पुलिस ने चालान काटकर वाहन की चाबी साैंप दी।

पुलिस अधिकारी के साथ मौजूद नगर परिषद के आयुक्तऔर स्टाफ।
पुलिस अधिकारी के साथ मौजूद नगर परिषद के आयुक्तऔर स्टाफ।

पुलिस के साथ नगर परिषद स्टाफ
पुलिस कार्रवाई इसलिए भी अलग रही कि आज जवानों के साथ नगर परिषद का स्टाफ भी मौके पर था। चाैराहों और नाकेबंदी पर खुद को नगर परिषद कर्मचारी बताकर जाने वाले पुलिस ने नया तरीका निकाला। पुलिस ने कार्रवाई के साथ नगर परिषद के दल को ही मौके पर बुला लिया।

स्वयं परिषद आयुक्त प्रभुलाल भाभोर के अलावा सैनेट्री इंस्पेक्टर यहां करीब दो घंटे खड़े रहे। इस दौरान जिस वाहन सवार ने खुद को परिषद का कर्मचारी बताया। वहीं दबोचा गया। वजह मौजूद परिषद स्टाफ ने उस वाहन सवार को पहचानने से इनकार कर दिया।

20 जनों को क्वारेंटाइन
समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने वाहन चालकों के साथ सड़कों पर बिना काम के घूमते मिले 14 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचा दिया। वहां बंद जेल की तरह उनसे पेश आया गया। बंद चैनल के भीतर से ऐसे घुमक्कड़ मदद की गुहार लगाते दिखे। वहीं नए बस स्टैंड और भीतरी शहर में पुलिस ने सुबह से दोपहर तक करीब सात दुकानेें सीज की। यह दुकानदार लॉकडाउन की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे। इस कार्रवाई में भी कई जगहों पर एएसपी खुद गए थे।

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