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दुकानें बंद, रीडिंग 0 यूनिट और बिल 516 रुपए, जिसमें 460 स्थाई शुल्क

Banswara
दुकानें बंद, रीडिंग 0 यूनिट और बिल 516 रुपए, जिसमें 460 स्थाई शुल्क
@HelloBanswara - Banswara -

मई में 40 हजार उपभोक्ताओं की 8 करोड़ की बिजली खपत

एक तरफ जहां कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। वहीं दूसरी तरफ बिजली बिल के करंट से लोग परेशान है। जहां दुकानें बंद थी, उसके बावजूद जहां बिजली खर्च से ज्यादा स्थाई शुल्क का भार पड़ रहा है। जहां शहर में कुल 40 हजार उपभोक्ता, मई महीने में कुल 8 करोड़ 75 लाख की बिजली का उपयोग किया गया। जिसमें 2 करोड़ 10 लाख केवल स्थाई शुल्क ही है।


कई उपभोक्ताओं की बिल में राशि उपभोग की गई बिजली खर्च की राशि से चार गुना स्थाई शुल्क आया है। जहां गांधी मूर्ति स्थित दुकानदार दिलीप का जून महीने का 1163 रुपए का बिल आया है, जिसमें से 710 रुपए केवल स्थाई शुल्क ही है। इसी तरह घर के बिल में भी स्थाई शुल्क की राशि से लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। शहर के उपभोक्ताओं ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से कोरोना के कारण काम धंधे चौपट हो गए हैं। आधा समय दुकानें नहीं खोलने के बावजूद बिजली का बिल पहले से ज्यादा आ रहा है, जिस कारण दुकानदार आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। डिस्कॉम के कर्मचारी से लेकर एसई तक को इस समस्या से अवगत कराया, फिर भी सुनवाई नहीं हो रही है।

एक उपभोक्ता ने 29 यूनिट बिजली खर्च की। जिनका कुल बिल में राशि 978 रुपए आई है। जिसमें उपभोक्ता ने केवल 218 रुपए की बिजली खर्च की, जिनका स्थाई शुल्क 760 रुपए आया है।


गांधी मूर्ति पर स्थित दुकानदार दिलीप के यहां कुल 1163 रुपए का बिल आया है, जिसमें विद्युत खर्च केवल 453 रुपए का है वहीं स्थाई शुल्क 710 रुपए हैं।

चेतक कॉम्पलेक्स के राजेश दोसी के घर का बिल 516 रुपए आया है। दोसी यहां नहीं रहते हैं, घर काफी समय से बंद है। जून महीने में उनके मीटर की रीडिंग 0 यूनिट है, लेकिन 460 रुपए स्थाई शुल्क और अन्य चार्ज मिलाकर 516 रुपए की राशि बिल में आई है।

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