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केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक से RSS को काफी उम्मीदें

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केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक से RSS को काफी उम्मीदें
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केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को काफी उम्मीदें हैं. संघ का मानना है कि इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न के चलते भागने को मजबूर हुए 3 करोड़ से अधिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इन अल्पसंख्यकों में हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी शामिल हैं.

संघ ने इस विधेयक को ऐतिहासिक भूल सुधार की कोशिश बताते हुए कहा है, "देश का विभाजन एक गलती थी. पड़ोसी मुस्लिम देशों में उत्पीड़न के शिकार हिंदू आदि अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलने से गलती दुरुस्त होगी. संविधान सभा में भी इसको लेकर बहस हो चुकी है."

केंद्रीय कैबिनेट से 4 दिसंबर को विधेयक की मंजूरी के बाद अगले हफ्ते लोकसभा और राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किए जाने की संभावना है.

विरोधी भी विधेयक का समर्थन करेंगे - संघ का मानना है कि भाजपा विरोधी दल भी इस विधेयक का समर्थन करेंगे. विधेयक के ड्राफ्ट में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से पड़ोसी देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने का प्रस्ताव है.

सम्मान से जीने का मौका - आरएसएस के अखिल भारतीय स्तर के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया, "पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आकर यहां रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों की संख्या करीब दो से तीन करोड़ है जिन्हें यह विधेयक भारतीय नागरिक बनकर सम्मान से जीने का मौका देगा."

 

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