राजस्थान एटोमिक पावर प्रोजेक्ट:परमाणु बिजलीघर के लिए जीयो टेक्निकल सर्वे फिर शुरू
एक बार फिर से 2800 मेगावाट क्षमता के परमाणु बिजलीघर के निर्माण के लिए रेल, बारी, कटुंबी, सजवानिया, अाड़ीभीत गांवाें में ड्रिलिंग मशीन से हाॅल कर मिट्टी और चट्टानाें के नमूने एकत्रित किए हैं। माही बांसवाड़ा राजस्थान एटोमिक पावर प्रोजेक्ट के एक्सईएन निर्माण अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि परमाणु बिजली घर निर्माण के लिए आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए संबंधित क्षेत्र में 160
हाेल करवा कर उसमें से मिट्टी और चट्टानाें के नमूने एकत्रित कर इंदौर के आईआईटी को भिजवाए जाएंगे। जहां सभी 160 नमूनाें का परीक्षण कर रिपाेर्ट तैयार की जाएगी। जिसमें से कोई भी तीस नमूनों की रिपोर्ट परमाणु बिजली घर निर्माण के लिए भेजी जाएगी इसके आधार पर परमाणु बिजली घर निर्माण की स्वीकृति जारी की जा सकेगी। परमाणु बिजलीघर निर्माण के तहत जीयो टेक्निकल सर्वे करने के लिए वर्ष 1985 में भी
मिट्टी और चट्टान के परीक्षण के लिए पहला हाेल खाेदा गया था। प्रोजेक्ट के एक्सईएन मयूर गुप्ता जब रेल गांव में सर्वे के लिए गए ताे वहां यह जानकारी सामने आई। उसके बाद अब फिर से सर्वे हाे रहा है। डैक्कन ट्रेप क्षेत्र में है बांसवाड़ा जिला: बांसवाड़ा अरावली पर्वत शृंखला के क्षेत्र में आता है जो महाराष्ट्र के लातूर से लेकर बांसवाड़ा से काफी आगे तक फैला हुआ है। इसे भूगोल की भाषा में डैक्कन ट्रेप एरिया भी कहा जाता है। हमारे यहां एक से तीन मीटर खुदाई के बाद चट्टान का भाग आ जाता है। जिसे हार्ड रॉक एरिया भी कहा जाता है।