जूम एप पर प्रतिबंध के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
वीडियो कॉलिंग एप जूम पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में निजता के अधिकार का हवाला देते हुए कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह केंद्र को इस एप पर तबतक प्रतिबंध लगाने का निर्देश दे जबतक कि कोई उचित कानून नहीं बन जाता।
दिल्ली निवासी हर्ष चुघ की याचिका में कहा गया है कि जूम एप के लगातार इस्तेमाल से साइबर अपराध का खतरा है। इसलिए इसके इस्तेमाल के संबंध में विस्तृत तकनीकी अध्ययन कराने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए, ताकि इससे पैदा होने वाले सुरक्षा और गोपनीयता के खतरों का पता चल सके। याचिका में कहा गया है कि इस एप के लगातार इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। यह तरह-तरह के साइबर अपराधों को भी बढ़ावा दे सकता है।
याचिका के अनुसार, 'कोविड-19 महामारी से उपभोक्ता, कारोबारी और स्कूलों के संवाद में जबरदस्त बदलाव आया है। अब लोग हाथ बढ़ाने की बजाय जूम के माध्यम से संपर्क स्थापित कर रहे हैं। जूम लाखों उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत सूचनाओं का दुरुपयोग करके निजता के अधिकार का हनन कर रहा है।' याचिका में जूम पर उपभोक्ताओं का निजी डाटा और फाइलों का संग्रह करने का भी आरोप लगाया गया है।
तो वहीं, इसके पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम का प्रयोग कर रहे सरकारी विभागों व निजी संस्थानों को एसटीएफ ने अलर्ट किया था। हाल के दिनों में यह सामने आया है कि इस एप से डाटा चोरी कर उसे बेचा जा रहा है। यही नहीं, मीटिंग के दौरान साइबर हैकर सुरक्षा में सेंध लगा कर गोपनीय बातों को सुन भी सकता है। ऐसे में इस एप का प्रयोग करते हुए एसटीएफ ने कई तरह की सावधानियां बरतने की अपील की है।