पर्यूषण पर्व का अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य दिवस के रूप में मनाया
पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व का दसवां एवं अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य दिवस के रूप में मनाया गया।
प्रातः रिमझिम बरखा के बीच मूलनायक पार्श्वनाथ भगवान का जलाभिषेक प्रकाश सूरजमल शाह परिवार ने किया। भक्तों ने सामूहिक जलाभिषेक में बढ़ चढ कर हिस्सा लिया। समिति सदस्य अजीत कोठिया ने बताया की इस बार का अभिषेक विशेष रूप से बेटियों, बहुओं, बहनों एवं बुआओं के लिए समर्पित रहा। वासुपूज्य भगवान का निर्वाण दिवस मनाने उनकी प्रतिमाजी को अशोक एम शाह परिवार द्वारा गाजे बाजे के साथ आयोजन स्थल ले जाया गया। दशलक्षण आयोजन में विराजित श्रीजी का जलाभिषेक बदामीलाल छबिलाल कोठिया परिवार के मुखिया एवं बेटों अजीत, राजेन्द्र, अनिल एवं नमन कोठिया ने किया।सांगानेर से पधारे नितिन भैया के मंत्रोच्चार के साथ संगीतमय अभिषेक की शोभा एवं महिमा देखते ही बनती थी।भगवान के जलाभिषेक के दौरान इंद्र देव भी झमाझम बरसते रहे।
वासुपूज्य भगवान को मुक्ति का प्रतीक निर्वाण लाडू नितेश महिपालजी दोसी परतापुर वालो ने चढ़ाया। इस अवसर पर जिनालय हेतु चार जोड़ी चँवर जयकुमार धनराज शाह, केशवलाल देवचंद शाह, सूरजमल रूपचंद जी शाह एवं प्रेम महावीर शाह ने भेंट किये। अनंत चतुर्दशी का परम्परागत भंडार मुकेश शाह के निर्देशन में खोला गया। समाज द्वारा नितिन भैया को भावभीनी बिदाई दी गयी।