Home News Business

प्राकृतिक संसाधनों का अधिक दोहन मानव जाति के लिए खतरा

Banswara
प्राकृतिक संसाधनों का अधिक दोहन मानव जाति के लिए खतरा
@HelloBanswara - Banswara -

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने एवं सौर ऊर्जा के महत्व को लेकर जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मंगलवार को पॉलिटेक्निक कॉलेज लोधा में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने सौर ऊर्जा जन जागरूकता कार्यक्रम में अवायड, मिनिमाइज और जनरेट के सिद्धांत पर प्रकृति को बचाते हुए अपने दायित्व निभाने का संदेश दिया। प्रोफेसर चेतन सोलंकी एनर्जी स्वराज के लक्ष्य को लेकर 11 साल से सोलर एनर्जी द्वारा संचालित हो रही बस में जनचेतना हेतु स्वराज यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने अवायड, मिनिमाइज और जनरेट के सिद्धांत के आधार पर प्रकृति को बचाने तथा प्रकृति एवं पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व को निभाने की बात कही। सौलर पैनल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सौलर पैनल के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही फाइव स्टार रेटिंग अप्लायंसेज एलईडी बल्ब आदि का प्रयोग करना चाहिए।

महाविद्यालय के प्रधानाध्यापक विजय नागराज, अंकित कुमार, आरएसईबी के एसई आरआर खटीक, अधिशासी अभियंता एमडी चौधरी सहित कॉलेज छात्र मौजूद रहे। प्रोफेसर चेतन सोलंकी को मध्यप्रदेश शासन ने सौर ऊर्जा का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है। प्रोफेसर ने कहा कि आधुनिकता के दौर में हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार आया लेकिन हम इससे ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरुप संपूर्ण मानव जाति के लिए खतरा बढ़ गया है। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों ने प्रोफेसर सोलंकी से सवाल भी किए। साथ ही डेमो के लिए विशेष तैयार की गई बस जिसकी छत पर सौलर प्लेट लगी हुई है उसी से बस में उपकरण संचालित हो रहे हैं। छात्रों ने इसका अवलोकन भी किया। सोलंकी की पुरी यात्रा विशेष रूप से तैयार बस के माध्यम से कर रहे हैं।

आवश्यक सभी सुविधाएं हैं बस में : सौलर प्लेट लगी हुई बस में मीटिंग से लेकर ट्रेनिंग संबंधी सारी सुविधाएं मौजूद हैं। जिसमें साइकलिंग, किचन के लिए सौलर चूल्हा, कम्पयूटर, टीवी आदि सभी सौलर से संचालित हैं। 2030 तक चलने वाली यात्रा में गांधी के आदर्शों की पालन करते हुए उर्जा स्वराज नाम दिया गया है।

शेयर करे

More news

Search
×