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टैक्स माफ नहीं करने पर निजी बस संचालकों में आक्रोश, अारसी सरेंडर करने पहुंचे डीटीअाे अाॅफिस

Banswara
टैक्स माफ नहीं करने पर निजी बस संचालकों में आक्रोश, अारसी सरेंडर करने पहुंचे डीटीअाे अाॅफिस
@HelloBanswara - Banswara -

सरकार द्वारा परिवहन टैक्स वसूले जाने पर निजी बस ऑपरेटर हड़ताल पर चल रहे हैं। साथ ही सरकार से टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने के चलते गुरुवार को निजी बस संचालक भड़क बसों के साथ डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिस पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। साथ ही उन्होंने सरकार की इस नीति के विरोध में बसों की आरसी सरेंडर करने को लेकर जिला परिवहन अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। बस संचालकों का कहना है कि, जब बसों का संचालन ही नहीं हुआ तो, सरकार टैक्स किस बात का वसूल रही है। लॉकडाउन पीरियड का टैक्स निरस्त करने और बीमा अवधि बढ़ाए जाने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में ऑपरेटरों ने नारेबाजी की। बस ऑपरेटरों ने कहा कि बसों के बंद रहने से बस ऑपरेटरों की हालत खस्ता हो चली है। बसों की किस्तों के अलावा ऑफिस भाड़ा और स्टाफ का खर्चा उठाना भी भारी पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में बस संचालन उनके लिए मुश्किल हो गया है और वे लोग आरसी सरेंडर करना चाहते हैं। बस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार, स्टेज कैरिज बस एसोसिएशन के अध्यक्ष राम सिंह और मुजफ्फर अली आदि ने डीटीओ अभय मुद्गल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. डीटीओ ने उदयपुर आरटीओ के जरिए उनका मांग पत्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन पर नवाब फौजदार, उमेशचंद्र, मनोहर व्यास, महावीर बोहरा, अनवर खान, हरीश कलाल, हरगोविंद, राजाराम रेबारी, भरतलाल, उदयसिंह समेत कई निजी बस संचालकों के हस्ताक्षर हैं।

600 से ज्यादा बसें बंद, यात्रियों को हो रही परेशानी : जिले की 600 से अधिक निजी बसें बंद हैं। संचालक स्टेट और नेशनल परमिट प्राप्त बसों का संचालन नहीं करने की बात पर अड़ गए हैं। ऐसे में जयपुर, अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल, सूरत समेत कई बड़े शहरों मंे बसें नहीं जाने से यात्रियों को आने जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब जब अनलॉक हो गया है तो लोग दूसरे राज्यों और जिलों में काम और पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं, लेकिन बसाें का संचालन नहीं होने से परेशानी हो रही है।

ऑफिस भाड़ा और स्टाफ का खर्चा उठाना भी भारी पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में बस संचालन उनके लिए मुश्किल हो गया है और वे लोग आरसी सरेंडर करना चाहते हैं। बस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार, स्टेज कैरिज बस एसोसिएशन के अध्यक्ष राम सिंह और मुजफ्फर अली आदि ने डीटीओ अभय मुद्गल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. डीटीओ ने उदयपुर आरटीओ के जरिए उनका मांग पत्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन पर नवाब फौजदार, उमेशचंद्र, मनोहर व्यास, महावीर बोहरा, अनवर खान, हरीश कलाल, हरगोविंद, राजाराम रेबारी, भरतलाल, उदयसिंह समेत कई निजी बस संचालकों के हस्ताक्षर हैं।

ये रखी मांगें
{लॉकडाउन अवधि के साथ 6 माह का टैक्स माफ किया जाए। 

{वाहनों की बीमा अविध 6 माह के लिए बढ़ाई जाए। 

{वाहनों के परमिट, फिटनेस और अन्य दस्तावेज एक साल के लिए आगे बढ़ाए जाए।

 {वाहनों को अगले एक साल के लिए टोल टैक्स से मुक्त किया जाए। 

{कोविड-19 के कारण यात्री द्वारा अनदेखी करने पर वाहन मालिक या चालक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए।

 {कोरोना के कारण यात्री भार मिलने की संभावना कम है, इसलिए वाहन मालिक द्वारा वाहन संचालित नहीं करने पर वाहन के कागजात आवश्यक रूप से बिना किसी रोक के सरेंडर करने के आदेश कराए जाए।

 {यात्री वाहन स्वामियों के लिए डीजल की दरों मंे कमी की जाए।

 {यात्री वाहनों के लिए रात 9 से सुबह 5 बजे तक के कर्फ्यू की शर्त हटाई जाए। 

{यात्री वाहनों के लिए शत प्रतिशत क्षमता अनुसार यात्रियों को ले जाने की स्वीकृति दी जाए।

{आगामी छह माह तक बिना ब्याज के मासिक किश्तों को आगे बढ़ाया जाए।

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