अब स्टूडेंट्स को शिक्षण संस्थान बदलने की छूट
नई शिक्षा नीति-20 : यूजीसी ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स के लिए गाइड लाइन जारी की
नई शिक्षा नीति-20 के तहत उच्च शिक्षा को गुणवत्ता परक बनाने की कवायद की जा रही है। शिक्षण संस्थानों काे नैक एक्रीडेशन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके साथ ही अब स्टूडेंट्स के लिए पढ़ने के लिए विकल्पों की भी कमी नहीं रहेगी।
यूजीसी की नई गाइडलाइन के तहत उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अब पढ़ने की राह और भी आसान होगी। न समय का बंधन रहेगा और न स्थान का। इसके साथ ही किसी भी शिक्षण संस्थान में एक से अधिक बार प्रवेश का भी अवसर मिलेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) सिस्टम लागू करने जा रहा है। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय ने भी सहमति दी है। इससे विभिन्न पाठ्यक्रम काे बीच में छाेड़ने वाले स्टूडेंट्स अपनी सुविधा अनुसार कभी भी पढ़ सकेंगे अाैर एबीसी की इसमें गणना की जाएगी।
यह करनी हाेगी प्रक्रिया : एबीसी (www.abc.gov.in) पर संस्थान काे पंजीकृत करने के बाद शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के दौरान या उसके बाद प्राप्त छात्र क्रेडिट का डेटा अपलोड करना हाेगा। इसके लिए संस्थान के छात्रों को एबीसी सुविधा के बारे में जागरूक और प्रोत्साहित करना हाेगा। एबीसी को लागू करने और उनके विवरण को दर्शाने के लिए नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
स्टूडेंट्स का होगा डिजिटल अकादमिक अकाउंट
एबीसी प्लेटफॉर्म इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिविजन (एनईजीडी) डिजिलॉकर लॉकर के तहत तैयार किया है। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स में स्टूडेंट्स द्वारा डिग्री, डिप्लोमा प्रमाणपत्र में प्राप्त किए अकादमिक क्रेडिट को डिजिटल स्कोर के रूप से संग्रहित किया जाएगा। अकादमिक बैंक में सत्यापन, संचयन और हस्तांतरण प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। एबीसी छात्रों को डिग्री हासिल करने के लिए अपना खुद का सीखने का रास्ता चुनने की सुविधा प्रदान करता है।